नई दिल्लीः केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) 12वीं क्लास की परीक्षा रद्द होने के बाद छात्रों को मूल्यांकन नीति (Evaluation Policy) का इंतजार था. वहीं, सीबीएसई की ओर से मूल्यांकन को लेकर बताया गया कि दसवीं 30 फ़ीसदी, 11वीं 30 फीसदी और 12वीं 40 फ़ीसदी अंक के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा. इसको लेकर छात्रों की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली.
छात्रा हर्षिता पुरी ने कहा कि मूल्यांकन नीति को लेकर सभी छात्र बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. 10वीं, 11वीं और 12वीं के आधार पर रिजल्ट तैयार करने की बात कही गई है. छात्र 11वीं और 12वीं प्री बोर्ड परीक्षा में, उस हिसाब से प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं. 12वीं प्री बोर्ड में मार्किंग काफी स्ट्रीक की जाती है. ऐसे में कई छात्रों को विश्वविद्यालयों में एडमिशन लेने में परेशानी आ सकती है. परीक्षा रद्द होने की खुशी थी, लेकिन अब थोड़ी चिंता है कि इवैल्यूएशन प्रक्रिया सभी छात्रों के हित में नहीं है.
छात्रा रिया मुखर्जी ने कहा कि मूल्यांकन नीति को लेकर ज्यादा संतुष्ट नहीं हैं. यह दसवीं के फाइनल रिजल्ट और 12वीं के मिड टर्म, इंटरनल एग्जाम, प्री बोर्ड, प्रैक्टिकल एग्जाम के आधार पर तय किया गया होता, तो निर्णय अच्छा होता. वहीं, छात्रा परिशा मागो ने कहा कि बोर्ड और प्री बोर्ड की परीक्षा में काफी अंतर होता है. प्री बोर्ड में मूल्यांकन की प्रक्रिया काफी कठिन होती है. ऐसे में अब रिजल्ट की चिंता सता रही है.
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छात्रा आरुषि रॉय ने मूल्यांकन नीति का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह उन छात्रों के लिए ठीक है, जो पूरे वर्ष सही से पढ़ाई करते हैं. छात्र आदित्य ने कहा कि मूल्यांकन स्कीम के मुताबिक, सबसे अच्छी बात यह लगी कि दसवीं क्लास में, जो बेस्ट तीन विषय रहे हैं, उसको जोड़ा जाएगा. यह थोड़ी राहत की बात है. बता दें कि रिजल्ट 31 जुलाई तक जारी कर दिया जाएगा.