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करदाताओं की भी हो जातिगत गणना, CTI ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

Demand For Caste census Of Taxpayers: जाति जनगणना का मुद्दा अब तक राजनीतिक दलों के बीच बड़ा मुद्दा बना हुआ था. अब दिल्ली में व्यापारिक संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने इस मुद्दे पर अलग मांग उठाई है और इसको लेकर CTI चेयरमैन बृजेश गोयल ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है.

करदाताओं की भी हो जातिगत गणना- CTI
करदाताओं की भी हो जातिगत गणना- CTI
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 28, 2023, 8:37 PM IST

नई दिल्ली: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जाति जनगणना का मुद्दा तेजी से उछला है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष के दलों ने जाति जनगणना को बड़ा विषय बनाया. अब दिल्ली में व्यापारिक संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने अलग मांग उठाई है.

CTI चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि जातिगत सर्वे के साथ यह डेटा भी इकट्ठा किया जाना चाहिए कि किस जाति के लोग कितना टैक्स सरकार को देते हैं. इस मांग को लेकर बृजेश गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उनका कहना है कि लोगों को पता चलना चाहिए कि अर्थव्यवस्था चलाने में किस जाति के लोगों की अहम भूमिका है? कौन सबसे अधिक टैक्स देता है? क्या सरकार उनके हितों को ध्यान में रखकर कोई नीति बनाती है.

ये भी पढ़ें :राहुल गांधी बोले- सरकार बनने पर करवाएंगे जातिगत जनगणना, दो हिंदुस्तान हमें मंजूर नहीं

टैक्स देने के आधार पर सरकार तय करें उनकी सुविधाएं : बृजेश गोयल का मानना है कि सरकार के पास इनकम टैक्स और जीएसटी संबंधी सभी तरह के डेटा है. इसलिए करदाताओं की जाति आधारित सूची भी जारी हो. आज तक यह पता नहीं चल पाया कि कौन सी जाति सरकार को कितना राजस्व देती है. जो भी जाति सबसे अधिक राजस्व देती है, उसके लिए विशेष नीतियां, बीमा, पेंशन, मेडिकल सुविधाएं होनी चाहिए.

हजारों व्यापारियों ने CTI की इस मांग पर जताई सहमति : गोयल ने कहा कि व्यापारिक संगठन होने के नाते हम ऐसी मांग कर रहे हैं. ट्रेडर्स कम्युनिटी में इस मामले पर जोरों की चर्चा चल रही है. हजारों व्यापारियों ने CTI की इस मांग पर सहमति जताई है. गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी कह चुके हैं कि बिहार में हुए जातिगत सर्वे की तरह कांग्रेस शासित राज्यों में भी जातिगत सर्वेक्षण होगा. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ऐलान कर चुके हैं कि अपने राज्यों में वो सरकार आने पर जातिगत सर्वे कराएंगे.

ये भी पढ़ें :जाति जनगणना: स्टालिन ने गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाली, वीपी सिंह की डेथ एनिवर्सरी पर किया आह्वान

नई दिल्ली: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जाति जनगणना का मुद्दा तेजी से उछला है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष के दलों ने जाति जनगणना को बड़ा विषय बनाया. अब दिल्ली में व्यापारिक संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने अलग मांग उठाई है.

CTI चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि जातिगत सर्वे के साथ यह डेटा भी इकट्ठा किया जाना चाहिए कि किस जाति के लोग कितना टैक्स सरकार को देते हैं. इस मांग को लेकर बृजेश गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उनका कहना है कि लोगों को पता चलना चाहिए कि अर्थव्यवस्था चलाने में किस जाति के लोगों की अहम भूमिका है? कौन सबसे अधिक टैक्स देता है? क्या सरकार उनके हितों को ध्यान में रखकर कोई नीति बनाती है.

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टैक्स देने के आधार पर सरकार तय करें उनकी सुविधाएं : बृजेश गोयल का मानना है कि सरकार के पास इनकम टैक्स और जीएसटी संबंधी सभी तरह के डेटा है. इसलिए करदाताओं की जाति आधारित सूची भी जारी हो. आज तक यह पता नहीं चल पाया कि कौन सी जाति सरकार को कितना राजस्व देती है. जो भी जाति सबसे अधिक राजस्व देती है, उसके लिए विशेष नीतियां, बीमा, पेंशन, मेडिकल सुविधाएं होनी चाहिए.

हजारों व्यापारियों ने CTI की इस मांग पर जताई सहमति : गोयल ने कहा कि व्यापारिक संगठन होने के नाते हम ऐसी मांग कर रहे हैं. ट्रेडर्स कम्युनिटी में इस मामले पर जोरों की चर्चा चल रही है. हजारों व्यापारियों ने CTI की इस मांग पर सहमति जताई है. गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी कह चुके हैं कि बिहार में हुए जातिगत सर्वे की तरह कांग्रेस शासित राज्यों में भी जातिगत सर्वेक्षण होगा. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ऐलान कर चुके हैं कि अपने राज्यों में वो सरकार आने पर जातिगत सर्वे कराएंगे.

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