नोएडा/नई दिल्ली: सेक्टर-33 स्थित तहसीलदार, उसकी पत्नी और एक सब इंस्पेक्टर समेत अन्य लोगों पर एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए एक कारोबारी ने सेक्टर-113 थाने में FIR दर्ज कराया है. आरोप है कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता के बच्चे को अगवा करने का प्रयास किया और बहन और पिता को जान से मारने की धमकी दी. पार्टनरशिप खत्म करने की बात कहते हुए कारोबारी से एक करोड़ की रंगदारी मांगी गई. शिकायतकर्ता का दावा है कि घटना का फुटेज भी उसके पास है.
शिकायत श्रीराम अग्रवाल ने बताया है कि वह कारोबारी हैं. 2020-21 में कोरोना के समय उनकी मुलाकात नायब तहसीलदार सचिन पवार, सब इंस्पेक्टर रोबिन पवार से हुई. जल्द ही तीनों एक दूसरे के घर आने और जाने लगे. इस दौरान नायब तहसीलदार और सब इंस्पेक्टर ने उन्हें अपने परिवार के कुछ लोगों के पैसे व्यापार में निवेश कराने के लिए कहा. इसके लिए तहसीलदार और सब इंस्पेक्टर ने व्यापारी को 32 लाख रुपये रिश्तेदारों के खाते से ट्रांसफर करा दिए. व्यापार में लगे पैसों के बदले में व्यापारी ने एक ब्लैंक चेक तहसीलदार की पत्नी के नाम दे दिया. मामले में 50-50 प्रतिशत की साझेदारी तय हुई थी. व्यापारी ने तहसीलदार के कहे अनुसार मुनाफे की कुछ रकम पत्नी के खाते में भी ट्रांसफर कर दी. इसके बाद इन लोगों ने मिलकर सेक्टर-65 में शिक्षाकुल क्लासेस के नाम से एक कंपनी शुरु की.
व्यापारी का दावा है कि इस कारोबार में उन्होंने करीब 30 लाख रुपये लगाया और तहसीलदार, उनकी पत्नी व सब इंस्पेक्टर ने नाम मात्र का निवेश किया. जुलाई 2023 में जब कंपनी का विस्तार करने को लेकर जब समझौतानामा ठीक से पढ़ा तो उसमें व्यापारी को महज 15 प्रतिशत का भागीदार बनाया गया. बाकी 85 प्रतिशत का भागीदार तहसीलदार ने अपनी पत्नी को बनाया है. कारोबारी ने जब इसका विरोध किया तो इंस्पेक्टर और तहसीलदार ने करीब पांच लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. बाकी के पैसे मांगने पर कारोबारी को धमकी दी जाने लगी और रंगदारी मांगी गई.
डीसीपी नोएडा हरीश चंदर का कहना है कि मामले की शुरुआती जांच में पैसों की लेनदेन की बात सामने आई है. जो भी सच्चाई निकाल कर सामने आएगी उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. तहरीर के आधार पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. जांच जारी है.