नई दिल्ली: भारत में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां, ट्रैवल्स कंपनियां, पांच सितारा होटल और आईटी कंपनियां रशियन भाषा के अच्छे जानकारों की खोज में हैं. बीबीए और एमबीए की पढ़ाई कराने वाले संस्थानों में भी छात्रों को अब एक विदेशी भाषा सिखाने का प्रचलन जोरों पर है. इनमें रशियन, फ्रेंच, स्पेनिश, इटैलियन, जर्मन, जैपनीज भाषाएं शामिल हैं, लेकिन इनमें भी रशियन, कोरियन भाषा के जानकारों की मांग ज्यादा है. मल्टी नेशनल कंपनियां विभिन्न देशों में अपने क्लाइंट्स को जोड़े रखने के लिए भी विदेशी भाषाओं के जानकारों को अपने यहां नियमित तौर पर काम पर रखती हैं.
शैक्षिक योग्यताः रशियन भाषा सीखने के लिए किसी शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता नहीं है. विदेशी कंपनियों में करियर बनाने के लिए अपनी और रशियन भाषा पर बेहतर पकड़ होना जरूरी है. स्कूली शिक्षा लेने के दौरान भी रशियन भाषा को विषय के रूप में चुना जा सकता है. हालांकि, विदेशी भाषाओं के लिए उच्च स्तर की शिक्षा के लिए कुछ विशेष संस्थान होते हैं, जहां 12वीं के बाद प्रवेश लेकर आप किसी भी भाषा में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं. ये कोर्स 6, 9, 12 और 18 महीने या इससे अधिक के भी हो सकते हैं. आप विभिन्न विश्वविद्यालयों से पार्ट टाइम या फुल टाइम सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकते हैं. इसके बाद परफेक्शन के लिए एडवांस्ड लेवल की शिक्षा ले सकते हैं.
जरूरी है भाषा पर कमांडः इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो संबंधित विदेशी भाषा पर बेहतर कमांड होनी चाहिए. बेहतर कम्युनिकेशन स्किल इस क्षेत्र में कामयाबी के कई रास्ते खोलता है. अनुवादक बनना चाहते हैं तो रशियन भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी या हिन्दी पर भी पकड़ होना बेहद जरूरी है. रशियन भाषा को सीख रहे हैं तो उसका व्याकरण, वाक्य संरचना और उससे जुड़ी संस्कृति व इतिहास की भी जानकारी होनी चाहिए. व्यक्तित्व आकर्षक हो तो सफलता तेजी से मिलने के आसार ज्यादा रहते हैं. इसके साथ ही व्यक्ति का तकनीकी रूप से सक्षम होना भी अनिवार्य है.
बहुत सारे विकल्पः रशियन, कोरियन, जर्मन और फ्रेंच भाषाओं में मास्टर्स करने वाला व्यक्ति संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होकर आईएएस या आईएफएस में जा सकते हैं. कई संस्थान फॉरेन लेंग्वेज में कोर्स करवाते हैं. यहां आप लेंग्वेज टीचर के रूप में काम कर सकते हैं. आप चाहें तो पार्ट टाइम भी इन संस्थानों में टीचिंग कर सकते हैं. ऑनलाइन अध्यापन का क्षेत्र भी आपके करियर को बूस्ट कर सकता है. पर्यटन विश्व का सबसे बड़ा व्यवसाय बन चुका है. सभी देशों की सरकारें इसे बढ़ावा दे रही हैं. विशेषकर विदेशी भाषा के जानकार यहां भी गाइड बन कर मोटा पैसा कमा सकते हैं.
दुभाषिया, अनुवादक व बीपीओ इंडस्ट्रीः टेलीकॉन्फ्रेंसिंग व वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी टेक्नोलॉजी आने से अब आप दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के साथ उनकी भाषा में मीटिंग कर सकते हैं. इस तरह आप एक इंटरप्रेटर के तौर पर कार्य कर अच्छा वेतन हासिल कर सकते हैं. आप किसी सरकारी या बिजनेस डेलिगेशन का हिस्सा बनकर भी इंटरप्रेटर की भूमिका निभा सकते हैं. अनुवादक या ट्रांसलेटर के लिए भी बहुत सारे मौके उपलब्ध हैं. बीपीओ कंपनियां भी विदेशी भाषा के जानकारों को हाथों-हाथ जॉब दे रही हैं.
शुरुआत से मिल रहा अच्छा वेतनः किसी भी बड़ी कंपनी में अनुवादक बनने पर शुरुआती वेतनमान 50-60 हजार रुपए होता है. इंटरपरेटर या दुभाषिये का वेतनमान 60 से 70 हजार रुपए प्रतिमाह है. इंटरपरेटर का वेतनमान 50 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए से ऊपर जाता है. विदेशी कंपनियों के साथ इस तरह के काम में लोगों को प्रतिमाह लाखों रुपए मिलते हैं. निजी व्यवसाय के रूप में साहित्य या अन्य अध्ययन सामग्री का अनुवाद करने पर प्रतिमाह घर बैठे लाख से दो लाख रुपए कमाए जा सकते हैं. विदेशी भाषा के शिक्षक को स्कूलों में 40 हजार रुपए और कॉलेज में शुरुआती वेतनमान 50 हजार रुपए हैं.
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प्रमुख संस्थानः
लैंग्मा स्कूल ऑफ लैंग्वेजिज, दिल्ली
www.langmainternational.com
-दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
www.du.ac.in
-इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू)
www.ignou.ac.in
रशियन भाषा में कोर्स करने के बाद हेल्थकेयर, शिक्षा, टूरिज्म, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, दूतावासों तथा देश के विभिन्न संस्थानों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं. पर्यटन, होटल, इंटरनेशनल मीडिया हाउस में न्यूज ट्रांसलेटर या बतौर रिपोर्टर भी कार्य कर सकते हैं. लेकिन इससे भी अलग है कि अब ऑनलाइन यानी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये होने वाली बैठकों में भी विदेशी भाषाओं के जानकारों की मांग तेजी से बढ़ रही है.
-संजीव रावत, डायरेक्टर, लैंग्मा स्कूल ऑफ लैंग्वेजिज