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किसानों के समर्थन में कैंडल मार्च, कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग - गोविंदपुरी कृषि कानून विरोध

कृषि कानूनों के विरोध में दक्षिणी दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में अलग-अलग कामगार संगठनों ने कैंडल मार्च निकाला और कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की.

candle march in support of farmers in govind puri
गोविंदपुरी कृषि कानून विरोध
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Published : Dec 20, 2020, 10:19 PM IST

नई दिल्लीः कृषि कानूनों के विरोध में अब आवाज धीरे धीरे पूरे देश में गूंज रही है, जहां एक तरफ राजधानी की अलग-अलग सीमाओं पर किसान पिछले करीब 25 दिनों से धरने पर बैठे हैं. वहीं दूसरी तरफ राजधानी के भीतर अलग-अलग संगठन इसके विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. इसी कड़ी में दक्षिणी दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में अलग-अलग कामगार संगठनों ने कृषि कानूनों के विरोध में कैंडल मार्च निकाला.

किसानों के समर्थन में कैंडल मार्च.

कामगार यूनियन के सदस्य नदीम ने बताया कि गोविंदपुरी मछली मार्केट से गोविंदपुरी के गुरुद्वारा चौक तक यह पैदल मार्च निकाला गया. जिसमें अलग-अलग कामगार संगठनों के साथ सरकारी वर्कर, अलग-अलग छात्र संगठन और गोविंदपुरी इलाके से अलग-अलग मार्केट के लोग शामिल हुए. उनका कहना है कि किसानों के प्रति जो गलत प्रचार प्रसार किया जा रहा है और भ्रम फैलाया जा रहा है मोदी सरकार उसे बंद करें.

'रोजाना किसानों की हो रही मृत्यु'

आईएफटीयू कामगार यूनियन के सदस्य अनिमेष दास ने कहा कि हमारी मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा जो तीन कृषि कानून लाए गए हैं, उन्हें वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले करीब 25 दिनों से किसान भाई इन काले कानूनों के विरोध में दिल्ली की ठंड में खुली सड़क पर जो विरोध जता रहे हैं, जिसमें अब तक 20 से ज्यादा किसानों की मृत्यु हो चुकी है. लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही.

उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से उन शहीदों के लिए यह श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है. इसलिए हमने कैंडल मार्च निकाला है और हम लगातार यही मांग कर रहे हैं जो किसानों के विरोध में भ्रम फैलाया जा रहा है और किसानों का दमन करने के लिए जो कृषि कानून लाए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए.

नई दिल्लीः कृषि कानूनों के विरोध में अब आवाज धीरे धीरे पूरे देश में गूंज रही है, जहां एक तरफ राजधानी की अलग-अलग सीमाओं पर किसान पिछले करीब 25 दिनों से धरने पर बैठे हैं. वहीं दूसरी तरफ राजधानी के भीतर अलग-अलग संगठन इसके विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. इसी कड़ी में दक्षिणी दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में अलग-अलग कामगार संगठनों ने कृषि कानूनों के विरोध में कैंडल मार्च निकाला.

किसानों के समर्थन में कैंडल मार्च.

कामगार यूनियन के सदस्य नदीम ने बताया कि गोविंदपुरी मछली मार्केट से गोविंदपुरी के गुरुद्वारा चौक तक यह पैदल मार्च निकाला गया. जिसमें अलग-अलग कामगार संगठनों के साथ सरकारी वर्कर, अलग-अलग छात्र संगठन और गोविंदपुरी इलाके से अलग-अलग मार्केट के लोग शामिल हुए. उनका कहना है कि किसानों के प्रति जो गलत प्रचार प्रसार किया जा रहा है और भ्रम फैलाया जा रहा है मोदी सरकार उसे बंद करें.

'रोजाना किसानों की हो रही मृत्यु'

आईएफटीयू कामगार यूनियन के सदस्य अनिमेष दास ने कहा कि हमारी मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा जो तीन कृषि कानून लाए गए हैं, उन्हें वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले करीब 25 दिनों से किसान भाई इन काले कानूनों के विरोध में दिल्ली की ठंड में खुली सड़क पर जो विरोध जता रहे हैं, जिसमें अब तक 20 से ज्यादा किसानों की मृत्यु हो चुकी है. लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही.

उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से उन शहीदों के लिए यह श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है. इसलिए हमने कैंडल मार्च निकाला है और हम लगातार यही मांग कर रहे हैं जो किसानों के विरोध में भ्रम फैलाया जा रहा है और किसानों का दमन करने के लिए जो कृषि कानून लाए गए हैं, उन्हें रद्द किया जाए.

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