नई दिल्ली: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल एवं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भेजे एक पत्र में कहा की वर्तमान कोविड संकटकाल में भी अनेक ई कॉमर्स कंपनियां अपनी आदत के मुताबिक विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए गैर जरूरी सामान की बिक्री करते हुए उन्हें वितरित कर रही हैं. कैट ने कहा कि लॉकडाउन का एकमात्र उद्देश्य लोगों के बीच सामजिक एवं शारीरिक दूरी रख कर कोविड -19 वायरस को और अधिक फैलने से रोकना है और इसीलिए गैर-आवश्यक वस्तुओं की बिक्री न हो इसके लिए ऐसे सभी राज्यों में दुकानों को बंद करने का आदेश देना तथा ई कॉमर्स के माध्यम से भी इन वस्तुओं की बिक्री को रोकना कोविड दिशा-निर्देशों में शामिल है.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि राज्य सरकारों के इस आदेश को मानते हुए सभी राज्यों में व्यापारिक समुदाय ने अपनी दुकानें और मार्केटों को बंद रखा हुआ है. जबकि ऐसा करने पर उन्हें बड़े व्यापार का नुकसान हो रहा है. यह बेहद आश्चर्यजनक है कि सरकारी निर्देशों एवं आदेशों का घोर उल्लंघन करते हुए कुछ बहुराष्ट्रीय ई कॉमर्स कंपनियां गैर-जरूरी सामान को बेच रही हैं और लोगो की जान को जोखिम में डाल रहे हैं. बड़ी संख्या में वेयरहाउसिंग, ट्रांसपोर्टेशन, ग्राहकों तक डिलीवरी खुलेआम की जा रही है. इस तरह की ई-कॉमर्स बिक्री और डिलीवरी लॉकडाउन के मुख्य उद्देश्य को विफल कर रही है और गैर-आवश्यक वस्तुओं को बेचकर बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अपनी इस कुटिल नीति के कारण ही कोविड वायरस को बढ़ा रही है.
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'ई-कॉमर्स कंपनियों को नहीं है किसी का डर'
व्यापारी नेताओं ने कहा कि देश भर के व्यापारी इस बात को लेकर बहुत परेशान हैं कि पिछले लंबे समय से ये ई-कॉमर्स कंपनियां बिना किसी डर के कानून और नीति का उल्लंघन कर रही हैं और उनके खिलाफ अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. जिससे व्यापारियों को यह मानने के लिए मजबूर कर दिया है कि नियमों और नीति का अनुपालन केवल व्यापारियों के लिए लागू होता है और इन कंपनियों को नियमों का उल्लंघन करने और ई-कॉमर्स पर ही नहीं बल्कि भारत के खुदरा व्यापार पर नियंत्रण करने और हावी होने के लिए सम्पूर्ण अनुमति दे दी गई है.