नई दिल्ली: सरकार के प्रस्ताव के बाद भी किसान आंदोलन थमता दिखाई नहीं दे रहा. किसानों ने आंदोलन को तेज करते हुए 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर हाईवे को जाम करने का ऐलान किया है. जिसको लेकर कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने किसानों से अपील की है कि वह दिल्ली-जयपुर हाईवे को बंद ना करें. क्योंकि व्यापार की दृष्टि से यह सबसे बड़ा साधन है, जिससे ना केवल दूसरे बड़े राज्यों से दिल्ली में सामान आता है, बल्कि कई उत्तर पूर्वी राज्यों में सामान इसी हाईवे से ले जाया जाता है.
किसान आंदोलन ने बढ़ाई कैट की चिंता
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि दिल्ली जयपुर हाईवे देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है और महाराष्ट्र से आयात के लिए बेहद महत्वपूर्ण हाईवे है. उन्होंने कहा कि जो ऑटोमोबाइल्स के पार्ट्स हैं, वह इसी हाईवे से गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों से आते हैं. इसके साथ ही खाने-पीने की चीजें समेत फल, सब्जियां भी दूसरे राज्यों से दिल्ली जयपुर हाईवे से ही आती है. ऐसे में यदि यह हाईवे जाम किया जाता है तो लोगों को बेहद परेशानी हो सकती है.
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कैट की किसानों और सरकार से अपील
कैट की तरफ से कहा गया है कि दिल्ली-जयपुर हाईवे देश का सबसे व्यस्ततम हाईवे है. जहां से बड़ी मात्रा में सामान का आयात और निर्यात होता है. कैट ने किसानों से अपील की कि वह अपना आंदोलन निश्चित रूप से जारी रखें, लेकिन हाईवे को जाम ना करें. वहीं उन्होंने सरकार से अपील की है कि सरकार जल्द से जल्द किसानों की समस्याएं सुने और उनका हल निकाले.