नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से एक कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एमसीडी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देगा. CAIT ने शुक्रवार को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की घोषणा की. कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस घोषणा को करने से पहले कैट ने दिल्ली के सभी छोटे-बड़े 3000 व्यापारी संगठनों से विचार विमर्श किया, जिसके बाद सर्वसम्मति यह फैसला लिया गया है.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि 4 दिसंबर को होने वाला एमसीडी चुनाव दिल्ली के भविष्य के स्वरूप को तय करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण और निर्णायक साबित होंगे. वहीं दिल्ली के विकास और आर्थिक गतिविधियों में दिल्ली के व्यापारी वर्ग की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है. इस वजह से दिल्ली के चुनावों में व्यापारी मूक दर्शक की तरह नहीं रह सकते- यह कहते हुए कैट ने दिल्ली के सभी भागों के प्रमुख व्यापारी संगठनों एवं असरदार व्यापारी नेताओं से विस्तार से चर्चा करने के बाद यह निर्णय लिया है कि दिल्ली नगर निगम के आगामी चुनावों में दिल्ली के व्यापारी बीजेपी को समर्थन करेंगे और वोट भी देंगे. चुनाव के बचे हुए दो दिनों में दिल्ली के स्थानीय व्यापारी संगठनों के अंतर्गत आने वाले दुकानदार अपनी दुकान पर आने वाले प्रत्येक ग्राहक को बीजेपी को वोट देने का आग्रह करेंगे. कैट ने इसे “ व्हिस्प्रिंग कैंपेन “का नाम दिया है.
उन्होंने अपनी रखते हुए कहा कि अभी दो दिन पूर्व केंद्रीय शहरी विकास मंत्री श्री हरदीप पुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप दिल्ली के लोगों को दोगुना फ्लोर एरिया रेश्यो ( एफ़एआर) देने का संकल्प दोहराया है, जिससे बड़ी मात्रा में दिल्ली के लोगों कि आवास समस्या का समाधान हो सकेगा. व्यापारी नेताओं ने कहा की इस एफ़एआर का लाभ दिल्ली की सभी संपत्तियों को मिलना चाहिए. ख़ास तौर पर कोआपरेटिव हाउसिंग एवं डीडीए सोसायटियों को, जिन्होंने एक लंबे समय से दिल्ली की आवास समस्या को काफ़ी हद तक सम्भाला है. डबल एफ़एआर मिलने से ऐसी सभी हाउसिंग सोसायटियों के ज़रिए दिल्ली के लोगों की आवास की ज़रूरतों की पूर्ति हो सकेगी. दिल्ली के व्यापारियों को एक एमनेस्टी स्कीम मिल सकेगी. इसी तरह से डीडीए, नगर निगम या अन्य सरकारी एजेंसियों ने कमर्शियल आधार पर जो संपत्तियाँ दी हैं, उनको भी पार्किंग एवं कन्वर्जन शुल्क से मुक्त किया जाए.
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व्यापारी नेताओं ने कहा की दिल्ली में व्यापारियों ने हज़ारों करोड़ रुपये पार्किंग एवं कन्वर्जन शुल्क के रूप में दिए हैं. इसलिए निगम द्वारा अब प्राथमिकता के आधार पर पर्याप्त मात्रा में दिल्ली में पार्किंग स्थल बनाए जाएं. पुरानी दिल्ली क्योंकि मुग़लों के जमाने का बाज़ार है, लिहाज़ा पुरानी दिल्ली को पार्किंग और कन्वर्जन शुल्क से मुक्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाये जाएंगे, ऐसी आशा है.
निगम द्वारा व्यापारियों से अनेक प्रकार के ग़ैर ज़रूरी टैक्स लिए जा रहे हैं, ऐसे सभी टैक्सों की समीक्षा के लिए व्यापारियों के साथ एक संयुक्त उच्च समिति बनाई जाए जो निगम का राजस्व में किस प्रकार से वृद्धि हो तथा व्यापारियों पर अनावश्यक बोझ भी न पड़े. तथा इस पर समिति एक तय समय सीमा में अपने सुझाव दें. दिल्ली के वर्तमान बाज़ारों की हालत बेहद ख़राब है. सभी बाज़ारों में सार्वजनिक सुविधाएं, सफ़ाई एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए. पार्टिसिपेटरी गवर्नेंस के अंतर्गत निगम के प्रत्येक वार्ड में स्थानीय व्यापारी एसोसियेशन एवं रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक वार्ड कमेटी का भी गठन हो, जो उस वार्ड में निगम के कार्यों पर विशेष ध्यान रखें. 20 वर्गमीटर की दुकानों को 50 वर्गमीटर करने की अनुमति दी जाये. दिल्ली सरकार तुरंत 371 सड़कों को पारित करने की दिशा में तुरंत कदम उठाये जाएं. यह मुद्दा दिल्ली सरकार के पास एक लंबे समय से लंबित है.
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