नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर 450 मिलियन से अधिक लोग एक दूसरे से जुड़े है. सोशल मीडिया की इसी पॉवर को देखते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के स्वामित्व वाली कंपनी मेटा के साथ मिलकर देश भर में व्यापारियों को सोशल मीडिया के जरिए व्यापार करने का एक राष्ट्रीय ट्रेनिंग अभियान चला रहा है. इसी के तहत शुक्रवार को नई दिल्ली से 'व्यापार आपके द्वार' कार्यक्रम की शुरूआत की गई.
इस ट्रेनिंग के माध्यम से व्यापारियों को फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सप और रील द्वारा अपने व्यापार में वृद्धि करने की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे भारत में सोशल कॉमर्स को बढ़ावा मिल सके. भारत में सोशल कॉमर्स का वर्तमान वार्षिक कारोबार 8 बिलियन डॉलर है, जिसे वर्ष 2030 तक 85 बिलियन डॉलर के आंकड़े को छूने का अनुमान है.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री और खरीद को सोशल कॉमर्स के रूप में जाना जाता है और विशेष रूप से व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम को इसकी व्यापक पहुंच और करोड़ों लोगों द्वारा इनके लगातार उपयोग को अब कैट व्यापार के लिए उपयोग करेगा.
कैट ने दिल्ली में सोशल कॉमर्स पर एक व्यापारी कार्यशाला का आयोजन किया. जिसमें दिल्ली के 200 से अधिक प्रमुख व्यापारी संगठनों के नेताओं ने भाग लिया. मेटा के योग्य प्रशिक्षकों ने व्यापारियों को उनके व्यवसाय में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया को बेहतर तरीके से उपयोग के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रथम चरण में कैट देश भर में इस प्रकार की 250 कार्यशालाएं आयोजित करने जा रहा है.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि वर्तमान में भारत में व्हाट्सएप पर 75 करोड़, फेसबुक पर 37 करोड़ और इंस्टाग्राम पर 33 करोड़ उपयोगकर्ता हैं, जो ई-कॉमर्स परिदृश्य की तुलना में बहुत बड़ी संख्या है और लगभग 100 करोड़ लोग देश में स्मार्ट फ़ोन का उपयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि स्मार्ट फोन तथा इंटरनेट की चारों तरफ़ पहुंच के चलते सोशल कॉमर्स ई कॉमर्स से कहीं ज्यादा बड़ा डिजिटल कॉमर्स बनकर उभरेगा और इसीलिए कैट ने देश भर में अब सोशल कॉमर्स को व्यापार का बड़ा हिस्सा बनाने का निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि सोशल कॉमर्स को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि इसमें खरीदारी को सरल बनाया गया है. स्केलेबल ट्रस्ट-बिल्डिंग, स्मार्ट क्यूरेशन, विक्रेताओं के लिए उपकरण, नए उपभोक्ता की खोज आसानी से होना, उच्च मूल्य श्रेणियों की फिर से कल्पना करना और सोशल-कॉमर्स पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सक्षम बनाना है.इसीलिए आने वाले समय में सोशल कॉमर्स ई कॉमर्स को कहीं पीछे छोड़ देगा.
खंडेलवाल ने बताया कि सोशल कॉमर्स पूरे भारत में सूक्ष्म, लघु व्यवसायों और उद्यमियों को नए बाजारों की खोज करने और अपने ग्राहकों की सेवा करने के साथ-साथ अपने व्यवसाय के लिए एक पेशेवर डिजिटल पहचान बनाने के लिए एक लोकतांत्रिक प्रवेश द्वार प्रदान करता है और वह भी बिना किसी लागत के. देश के हर बाजार में सोशल कॉमर्स की गूंज पहुंचाने के 45 हजार से अधिक सहयोगी व्यापारी संगठनों को इस ट्रेनिंग अभियान में शामिल किया जाएगा.
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