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दिल्ली नगर निगम में मेयर चुनाव के बाद सबसे पहले बजट पर होगी चर्चा, 25 साल बाद सीधे सदन में पेश होगा बजट - मेयर चुनाव के बाद

दिल्ली नगर निगम में 6 जनवरी को मेयर का चुनाव होगा. मेयर चुनाव के बाद सबसे पहले बजट पर चर्चा होगी (budget will be discussed) . ऐसा 25 साल बाद पहली बार होगा जब बजट सीधे सदन में पेश (budget will be presented) होगा. विचार-विमर्श के लिए इसे किसी कमेटी के पास नहीं भेजा जाएगा.

25 साल बाद सीधे सदन में पेश होगा बजट
25 साल बाद सीधे सदन में पेश होगा बजट
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Published : Dec 22, 2022, 5:28 PM IST

नई दिल्ली : परिसीमन के बाद नए रूप में सामने आए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में 6 जनवरी को मेयर का चुनाव (mayoral election in MCD) होने जा रहा है. चुनाव के साथ ही सदन का गठन भी हो जाएगा.जिसके बाद सबसे पहले एमसीडी के सदन की कार्रवाई में चर्चा आगामी वित्तीय वर्ष के मद्देनजर बजट पर होगी. 25 साल के बाद ऐसा पहली बार होगा जब बजट को सीधे सदन में पेश किया जाएगा. ऐसे में इस बार सदन की पहली बैठक बेहद अहम होने वाली है.

नवगठित एमसीडी के सदन की शुरू हो जाएगी पहली कार्यवाही : 250 वार्डो में बंटी दिल्ली एमसीडी में 6 जनवरी को मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव होने जा रहा है. इसके साथ ही नवगठित एमसीडी के सदन की पहली कार्यवाही शुरू होगी. एमसीडी में हर साल की कार्यवाही में सबसे महत्वपूर्ण विषय बजट का ही होता है, जिसे दिल्ली के विकास, स्वच्छता व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़कर देखा जाता है.

स्टैंडिंग कमेटी या वार्ड कमेटियों में नहीं जाएगा : दिल्ली एमसीडी में अभी तक स्टैंडिंग कमिटी के साथ विभिन्न कमेटियों का गठन नहीं हो पाया है. इसलिए इस बार आगामी वित्तीय वर्ष के बजट को सीधे सदन में पेश किया जाएगा. जहां न सिर्फ बजट के पर चर्चा होगी बल्कि अगर कुछ संशोधन सत्ताधारी दल को प्रस्तावित करेगा तो वह भी सदन में ही होंगे. मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के बाद विभिन्न समितियों के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. बजट की प्रक्रिया को लेट नहीं किया जा सकता, इसलिए सीधे सदन में ही बजट को पेश कर दिया जाएगा. दिल्ली एमसीडी में ऐसा 25 साल बाद होगा, जब बजट को न तो स्टैंडिंग कमेटी के पास जाएगा और न ही वार्ड कमेटियों के पास.

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दो महीने चलती है एमसीडी में बजट की प्रक्रिया : एमसीडी में बजट की प्रक्रिया लगभग 2 महीने तक चलती है. सबसे पहले अधिकारी बजट तैयार करते हैं. जिसके बाद निगम आयुक्त बजट प्रस्तुत करते हैं. इसके बाद स्थायी समिति के अध्यक्ष इस बजट को कमिटी की बैठक में पेश करतेा हैं. इसके बाद बजट पर स्थायी समिति में चर्चा होती है और इसे वार्ड कमेटी और अन्य कमेटियों में सुझाव के लिए भेजा जाता है. जहां बजट पर न सिर्फ चर्चा होती है बल्कि सभी अपने सुझाव देते हैं. इस सब लंबी प्रक्रिया के पूरा हो जाने के बाद नेता सदन बजट को सदन में पटल पर रखते हैं.जिसके बाद सदन में बजट पर चर्चा शुरू होती है और सभी पार्षद एक-एक कर उस पर अपनी राय और सुझाव देते हैं. जिसके बाद बजट को पास किया जाता है.

सदन में ही होगी इस बजट पर चर्चा :दिल्ली एमसीडी प्रेस एंड इंफॉर्मेशन विभाग के डायरेक्टर अमित कुमार ने बातचीत में बताया कि मेयर चुनाव के साथ ही एमसीडी सदन के गठन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. सदन में ही इस बार बजट पर चर्चा होगी, क्योंकि बजट के लिए एक निश्चित अवधि तय होती है जिसमें उसे पारित करवाना होता है. ऐसे में इस प्रक्रिया में देरी नहीं की जा सकती.

ये भी पढ़ें :- भारत में कोरोना का नया वैरिएंट BF.7, ओडिशा में 1 और गुजरात में 3 मामले

नई दिल्ली : परिसीमन के बाद नए रूप में सामने आए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में 6 जनवरी को मेयर का चुनाव (mayoral election in MCD) होने जा रहा है. चुनाव के साथ ही सदन का गठन भी हो जाएगा.जिसके बाद सबसे पहले एमसीडी के सदन की कार्रवाई में चर्चा आगामी वित्तीय वर्ष के मद्देनजर बजट पर होगी. 25 साल के बाद ऐसा पहली बार होगा जब बजट को सीधे सदन में पेश किया जाएगा. ऐसे में इस बार सदन की पहली बैठक बेहद अहम होने वाली है.

नवगठित एमसीडी के सदन की शुरू हो जाएगी पहली कार्यवाही : 250 वार्डो में बंटी दिल्ली एमसीडी में 6 जनवरी को मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव होने जा रहा है. इसके साथ ही नवगठित एमसीडी के सदन की पहली कार्यवाही शुरू होगी. एमसीडी में हर साल की कार्यवाही में सबसे महत्वपूर्ण विषय बजट का ही होता है, जिसे दिल्ली के विकास, स्वच्छता व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़कर देखा जाता है.

स्टैंडिंग कमेटी या वार्ड कमेटियों में नहीं जाएगा : दिल्ली एमसीडी में अभी तक स्टैंडिंग कमिटी के साथ विभिन्न कमेटियों का गठन नहीं हो पाया है. इसलिए इस बार आगामी वित्तीय वर्ष के बजट को सीधे सदन में पेश किया जाएगा. जहां न सिर्फ बजट के पर चर्चा होगी बल्कि अगर कुछ संशोधन सत्ताधारी दल को प्रस्तावित करेगा तो वह भी सदन में ही होंगे. मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के बाद विभिन्न समितियों के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. बजट की प्रक्रिया को लेट नहीं किया जा सकता, इसलिए सीधे सदन में ही बजट को पेश कर दिया जाएगा. दिल्ली एमसीडी में ऐसा 25 साल बाद होगा, जब बजट को न तो स्टैंडिंग कमेटी के पास जाएगा और न ही वार्ड कमेटियों के पास.

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दो महीने चलती है एमसीडी में बजट की प्रक्रिया : एमसीडी में बजट की प्रक्रिया लगभग 2 महीने तक चलती है. सबसे पहले अधिकारी बजट तैयार करते हैं. जिसके बाद निगम आयुक्त बजट प्रस्तुत करते हैं. इसके बाद स्थायी समिति के अध्यक्ष इस बजट को कमिटी की बैठक में पेश करतेा हैं. इसके बाद बजट पर स्थायी समिति में चर्चा होती है और इसे वार्ड कमेटी और अन्य कमेटियों में सुझाव के लिए भेजा जाता है. जहां बजट पर न सिर्फ चर्चा होती है बल्कि सभी अपने सुझाव देते हैं. इस सब लंबी प्रक्रिया के पूरा हो जाने के बाद नेता सदन बजट को सदन में पटल पर रखते हैं.जिसके बाद सदन में बजट पर चर्चा शुरू होती है और सभी पार्षद एक-एक कर उस पर अपनी राय और सुझाव देते हैं. जिसके बाद बजट को पास किया जाता है.

सदन में ही होगी इस बजट पर चर्चा :दिल्ली एमसीडी प्रेस एंड इंफॉर्मेशन विभाग के डायरेक्टर अमित कुमार ने बातचीत में बताया कि मेयर चुनाव के साथ ही एमसीडी सदन के गठन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. सदन में ही इस बार बजट पर चर्चा होगी, क्योंकि बजट के लिए एक निश्चित अवधि तय होती है जिसमें उसे पारित करवाना होता है. ऐसे में इस प्रक्रिया में देरी नहीं की जा सकती.

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