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मानसून को लेकर बीएसएफ आईजी ने की उच्चस्तरीय बैठक

बीएसएफ (BSF) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर (South Bengal Frontier) के आईजी अश्वनी कुमार सिंह (IG Ashwani Kumar Singh) ने शुक्रवार को मानसून के दौरान आशंकित चुनौतियों से निपटने व तैयारियों की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोलकाता स्थित फ्रंटियर मुख्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा बैठक की.

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Published : Jun 26, 2021, 12:06 AM IST

बीएसएफ आईजी ने की उच्चस्तरीय बैठक
बीएसएफ आईजी ने की उच्चस्तरीय बैठक

नई दिल्लीः बीएसएफ (BSF) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर (South Bengal Frontier) के आईजी अश्वनी कुमार सिंह (IG Ashwani Kumar Singh) ने शुक्रवार को मानसून के दौरान आशंकित चुनौतियों से निपटने व तैयारियों की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोलकाता स्थित फ्रंटियर मुख्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा बैठक की. इस दौरान सभी सेक्टर कमांडर तथा बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर्स मौजूद रहे. बैठक में यह निर्देश दिया गया कि सभी प्रकार की विकट परिस्थितियों में ट्रांस बॉर्डर क्राइम को रोकने के लिए बल की ओर से सभी एहतियाती कदम उठाए जाएंगे.

इस कॉन्फ्रेंस में मानसून की आड़ में नदियों के रास्ते होने वाली मवेशी तस्करी पर पैनी नजर रखने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए. फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि बैठक के दौरान आइजी ने बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की मदद करने, जिसमें खासकर सुंदरवन इलाकों में स्पीड बोटों के माध्यम से लोगों का बचाव, चिकित्सा सुविधाएं, सर्च और रेस्क्यू, एंबुलेंस की सुविधाएं आदि का समुचित प्रबंध करने को कहा. उन्होंने आने वाले समय में खराब मानसून के मद्देनजर फ्रंटियर मुख्यालय समेत, इसके अंतर्गत सभी बटालियनों एवं सेक्टर मुख्यालयों में कंट्रोल रूम स्थापित करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि खराब मौसम या मानसून की वजह से, किसी भी प्रकार की तस्करी नहीं होनी चाहिए. मौसम का फायदा उठाकर, तस्करी के प्रयास को रोकने के लिए सभी नदियों में बोट को अलर्ट करने के आदेश के साथ नदी के रास्ते तस्करी के संवेदनशील इलाकों को चिह्नित कर, रात्रि के उपकरण, सीसीटीवी कैमरा स्थापित करने के लिए आदेश जारी किए. तस्करी के संवेदनशील इलाकों में बीएसएफ के जवानों की गतिशील संख्या में तैनाती करने का भी आदेश दिया.



ये भी पढ़ें-भारत-पाक सीमा पर BSF की महिला बटालियन ने किया योग, दिया ये संदेश

साउथ बंगाल फ्रंटियर के इलाके में मवेशियों की तस्करी शून्य हो चुकी है. पिछले लंबे अरसे से मवेशियों की तस्करी का कोई भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन अब की बार मानसून विभाग के अनुसार, पिछले वर्षो की अपेक्षा ज्यादा बारिश होने का अनुमान है. किसी भी प्रकार की तस्करी न हो, इसके लिए दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने बारिश से प्रभावित नदी वाले इलाके, जिसका इस्तेमाल तस्करी के लिए किया जाता है, उसमें खास इंतजाम किए गए हैं.



बैठक में सीमा चौकी नीमतीता, हारूडंगा, जीरो प्वाईंट इत्यादि का विशेष जिक्र किया गया. इन चौकियों से मवेशियों को नदियों में आई बाढ़ के द्वारा तस्करी करने के प्रयास किए जाते हैं. आईजी ने प्रभावित संभावित क्षेत्रों के लिए कड़े दिशा–निर्देश जारी किए. उन्होंने कहा कि मानसून के समय में भारी बारिश में भी तस्करी को रोकने या अन्य किसी भी स्थिति में डटकर मुकाबला करने के लिए सीमा सुरक्षा बल पूरी तरह से तैयार है.



उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी फ़ील्ड कमांडर अपने इलाक़े में तैनात राज्य पुलिस के पुलिस स्टेशनों से तथा जिला पुलिस अधीक्षक से निरंतर समन्वय बनाकर रखेंगे, ताकि समय पड़ने पर ज्वाइंट ऑपरेशन किए जा सके, ताकि पशु तस्करी होने की आशंका को नकारा जा सके. हर वर्ष मानसून के समय में राज्य पुलिस के जवानों के साथ, कई जगह ज्वाइंट ऑपरेशन किए जाते हैं, इसलिए उन्होने ये भी दिशा -निर्देश दिया कि सभी खुफिया एजेंसियों से भी समन्वय रखा जाए, ताकि बॉर्डर एरिया में आने से पहले ही मवेशियों को पुलिस की मदद से पकड़ा जा सके.

नई दिल्लीः बीएसएफ (BSF) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर (South Bengal Frontier) के आईजी अश्वनी कुमार सिंह (IG Ashwani Kumar Singh) ने शुक्रवार को मानसून के दौरान आशंकित चुनौतियों से निपटने व तैयारियों की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोलकाता स्थित फ्रंटियर मुख्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा बैठक की. इस दौरान सभी सेक्टर कमांडर तथा बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर्स मौजूद रहे. बैठक में यह निर्देश दिया गया कि सभी प्रकार की विकट परिस्थितियों में ट्रांस बॉर्डर क्राइम को रोकने के लिए बल की ओर से सभी एहतियाती कदम उठाए जाएंगे.

इस कॉन्फ्रेंस में मानसून की आड़ में नदियों के रास्ते होने वाली मवेशी तस्करी पर पैनी नजर रखने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए. फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि बैठक के दौरान आइजी ने बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की मदद करने, जिसमें खासकर सुंदरवन इलाकों में स्पीड बोटों के माध्यम से लोगों का बचाव, चिकित्सा सुविधाएं, सर्च और रेस्क्यू, एंबुलेंस की सुविधाएं आदि का समुचित प्रबंध करने को कहा. उन्होंने आने वाले समय में खराब मानसून के मद्देनजर फ्रंटियर मुख्यालय समेत, इसके अंतर्गत सभी बटालियनों एवं सेक्टर मुख्यालयों में कंट्रोल रूम स्थापित करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि खराब मौसम या मानसून की वजह से, किसी भी प्रकार की तस्करी नहीं होनी चाहिए. मौसम का फायदा उठाकर, तस्करी के प्रयास को रोकने के लिए सभी नदियों में बोट को अलर्ट करने के आदेश के साथ नदी के रास्ते तस्करी के संवेदनशील इलाकों को चिह्नित कर, रात्रि के उपकरण, सीसीटीवी कैमरा स्थापित करने के लिए आदेश जारी किए. तस्करी के संवेदनशील इलाकों में बीएसएफ के जवानों की गतिशील संख्या में तैनाती करने का भी आदेश दिया.



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साउथ बंगाल फ्रंटियर के इलाके में मवेशियों की तस्करी शून्य हो चुकी है. पिछले लंबे अरसे से मवेशियों की तस्करी का कोई भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन अब की बार मानसून विभाग के अनुसार, पिछले वर्षो की अपेक्षा ज्यादा बारिश होने का अनुमान है. किसी भी प्रकार की तस्करी न हो, इसके लिए दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने बारिश से प्रभावित नदी वाले इलाके, जिसका इस्तेमाल तस्करी के लिए किया जाता है, उसमें खास इंतजाम किए गए हैं.



बैठक में सीमा चौकी नीमतीता, हारूडंगा, जीरो प्वाईंट इत्यादि का विशेष जिक्र किया गया. इन चौकियों से मवेशियों को नदियों में आई बाढ़ के द्वारा तस्करी करने के प्रयास किए जाते हैं. आईजी ने प्रभावित संभावित क्षेत्रों के लिए कड़े दिशा–निर्देश जारी किए. उन्होंने कहा कि मानसून के समय में भारी बारिश में भी तस्करी को रोकने या अन्य किसी भी स्थिति में डटकर मुकाबला करने के लिए सीमा सुरक्षा बल पूरी तरह से तैयार है.



उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी फ़ील्ड कमांडर अपने इलाक़े में तैनात राज्य पुलिस के पुलिस स्टेशनों से तथा जिला पुलिस अधीक्षक से निरंतर समन्वय बनाकर रखेंगे, ताकि समय पड़ने पर ज्वाइंट ऑपरेशन किए जा सके, ताकि पशु तस्करी होने की आशंका को नकारा जा सके. हर वर्ष मानसून के समय में राज्य पुलिस के जवानों के साथ, कई जगह ज्वाइंट ऑपरेशन किए जाते हैं, इसलिए उन्होने ये भी दिशा -निर्देश दिया कि सभी खुफिया एजेंसियों से भी समन्वय रखा जाए, ताकि बॉर्डर एरिया में आने से पहले ही मवेशियों को पुलिस की मदद से पकड़ा जा सके.

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