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कथित पैनिक बटन घोटाले पर एंटी करप्शन ब्रांच ने विजलेंस डिपार्टमेंट को सौंपी रिपोर्ट, भाजपा ने किया स्वागत

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Published : Aug 1, 2023, 8:49 PM IST

राजधानी में पैनिक बटन के नाम पर किए गए कथित घोटाले की रिपोर्ट एंटी करप्शन ब्रांच ने विजलेंस डिपार्टमेंट को सौंप दी है. इस फैसले का स्वागत करते हुए BJP ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है. वहीं, दिल्ली सेवा विधेयक पर भाजपा ने कहा है कि इससे दिल्ली में भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.

Delhi BJP President Virendra Sachdeva
Delhi BJP President Virendra Sachdeva
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा

नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कथित पैनिक बटन घोटाले पर एंटी करप्शन ब्रांच द्वारा विजलेंस डिपार्टमेंट को रिपोर्ट सौंपे जाने का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा के लगाए गए सभी आरोप जांच में अभी तक सही साबित हुए हैं. जल्द मामले में आरोपियों का भी खुलासा होगा.

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली परिवहन विभाग ने पैनिक बटन के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है. अक्टूबर 2020 में मेसर्स टीसीआईएल ने मेसर्स एमएपीएल के साथ पांच सालों के लिए एक समझौता किया था. इसके मुताबिक हर डीटीसी और क्लस्टर बस में दो वायरलेस वॉकी-टॉकी, तीन सीसीटीवी, एक जीपीएस सिस्टम और दस पैनिक बटन लगाए जाते हैं. इसके रखरखाव शुल्क के रूप में प्रति बस लगभग तीन हजार रुपये प्रति माह चार्ज किया जाता है. दिल्ली में डीटीसी और कलस्टर मिलाकर कुल बसों की संख्या 4,500 तो यानी प्रति माह चार्ज के रूप में एक करोड़ 35 लाख रुपये वसूल किए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि राजधानी में एक लाख 12 हजार टैक्सियां रजिस्टर्ड हैं. पहले प्रति टैक्सी नौ हजार रुपए लिए जाते थे (एक लाख 12 हजार के हिसाब से 100 करोड़ 80 लाख रुपये) जो अब बढ़ाकर 15 हजार रुपये कर दिए गए. इतना ही नहीं, इसकी रिन्युअल फीस अलग से भी वसूल की जा रही है. इस तरह पांच वर्ष में पैनिक बटन के नाम पर केजरीवाल सरकार ने पांच सालों में 800 करोड़ रुपए वसूल किए हैं.

उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जवाब मांगा है कि जब पैनिक बटन काम नहीं कर रहे हैं और इसके माध्यम से एक भी शिकायत दर्ज नहीं की गई तो पैनिक बटन के नाम पर लूटने का काम क्यों कर रहे हैं. जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कंट्रोल रूम में अधिकांश डिस्प्ले स्क्रीन काम नहीं कर रहे थे. अधिकांश बसों में कंट्रोल रूम की नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं है. इसके अलावा सीसीटीवी निगरानी कक्ष की निगरानी योग्य ऑपरेटरों द्वारा नहीं की जा रही है. वहीं, पैनिक बटन के माध्यम से एक भी शिकायत कंट्रोल और कमांड रूम में दर्ज नहीं की गई है तो यह एक दिखावा ही सिद्ध हुआ.

उनके अलावा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि हमने पहले भी पैनिक बटन का सच मीडिया के सामने दिखाया था. इस पर दिल्ली सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया था. केजरीवाल सरकार इससे सैकड़ों करोड़ रुपए वसूल कर रही है. पांच रुपए के प्लास्टिक बटन लगाकर सबको गुमराह करने का काम किया गया है. हम जांच एजेंसियों को धन्यवाद देना चाहेंगे कि अखबारों में छपी खबर के आधार पर जांच शुरू हुई और उस पर कार्रवाई की गई. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल उपराज्यपाल से मिलकर इसक घोटाले को लेकर ज्ञापन सौंपेगा. तब तक अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत अपने पद से इस्तीफा दें.

इसके अलावा वीरेंद्र सचदेवा ने संसद में दिल्ली सेवा विधेयक पेश किए जाने का भी स्वागत किया. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से दिल्ली में उचित भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. केजरीवाल सरकार ने माननीय न्यायालय के आदेश के बाद मिली प्रशासनिक शक्तियों का दुरुपयोग कर अफसरों को धमकाने एवं अपनी मनमानी करने की कोशिश की. इसका एक उदाहरण इसके 437 पार्टी कैडर की आकर्षक फेलोशिप नौकरियों पर नियुक्ति है.

यह भी पढ़ें-एमसीडी कर्मचारियों के वेतन को लेकर AAP और बीजेपी के बीच ट्विटर वार, दोनों पक्षों ने लगाए आरोप

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने नौकरशाहों को भर्ती नियमों का उल्लंघन करने के लिए मजबूर किया. इतना ही नहीं उन्होंने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण के नियमों का भी उल्लंघन किया. इस तरह के दुरुपयोग ने केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करने और अध्यादेश लाने के लिए मजबूर किया. दिल्ली सेवा विधेयक पर मतदान विपक्षी एकता के दिखावे को उजागर करेगा, क्योंकि कई विपक्षी सांसद या तो मतदान से दूर रहेंगे, या विधेयक का समर्थन करेंगे.

यह भी पढ़ें-दिल्ली में मच्छरों के प्रजनन में वृद्धि के बावजूद MCD की तरफ से कोई फॉगिंग नहीं: वीरेंद्र सचदेवा

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा

नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कथित पैनिक बटन घोटाले पर एंटी करप्शन ब्रांच द्वारा विजलेंस डिपार्टमेंट को रिपोर्ट सौंपे जाने का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा के लगाए गए सभी आरोप जांच में अभी तक सही साबित हुए हैं. जल्द मामले में आरोपियों का भी खुलासा होगा.

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली परिवहन विभाग ने पैनिक बटन के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है. अक्टूबर 2020 में मेसर्स टीसीआईएल ने मेसर्स एमएपीएल के साथ पांच सालों के लिए एक समझौता किया था. इसके मुताबिक हर डीटीसी और क्लस्टर बस में दो वायरलेस वॉकी-टॉकी, तीन सीसीटीवी, एक जीपीएस सिस्टम और दस पैनिक बटन लगाए जाते हैं. इसके रखरखाव शुल्क के रूप में प्रति बस लगभग तीन हजार रुपये प्रति माह चार्ज किया जाता है. दिल्ली में डीटीसी और कलस्टर मिलाकर कुल बसों की संख्या 4,500 तो यानी प्रति माह चार्ज के रूप में एक करोड़ 35 लाख रुपये वसूल किए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि राजधानी में एक लाख 12 हजार टैक्सियां रजिस्टर्ड हैं. पहले प्रति टैक्सी नौ हजार रुपए लिए जाते थे (एक लाख 12 हजार के हिसाब से 100 करोड़ 80 लाख रुपये) जो अब बढ़ाकर 15 हजार रुपये कर दिए गए. इतना ही नहीं, इसकी रिन्युअल फीस अलग से भी वसूल की जा रही है. इस तरह पांच वर्ष में पैनिक बटन के नाम पर केजरीवाल सरकार ने पांच सालों में 800 करोड़ रुपए वसूल किए हैं.

उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जवाब मांगा है कि जब पैनिक बटन काम नहीं कर रहे हैं और इसके माध्यम से एक भी शिकायत दर्ज नहीं की गई तो पैनिक बटन के नाम पर लूटने का काम क्यों कर रहे हैं. जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कंट्रोल रूम में अधिकांश डिस्प्ले स्क्रीन काम नहीं कर रहे थे. अधिकांश बसों में कंट्रोल रूम की नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं है. इसके अलावा सीसीटीवी निगरानी कक्ष की निगरानी योग्य ऑपरेटरों द्वारा नहीं की जा रही है. वहीं, पैनिक बटन के माध्यम से एक भी शिकायत कंट्रोल और कमांड रूम में दर्ज नहीं की गई है तो यह एक दिखावा ही सिद्ध हुआ.

उनके अलावा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि हमने पहले भी पैनिक बटन का सच मीडिया के सामने दिखाया था. इस पर दिल्ली सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया था. केजरीवाल सरकार इससे सैकड़ों करोड़ रुपए वसूल कर रही है. पांच रुपए के प्लास्टिक बटन लगाकर सबको गुमराह करने का काम किया गया है. हम जांच एजेंसियों को धन्यवाद देना चाहेंगे कि अखबारों में छपी खबर के आधार पर जांच शुरू हुई और उस पर कार्रवाई की गई. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल उपराज्यपाल से मिलकर इसक घोटाले को लेकर ज्ञापन सौंपेगा. तब तक अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत अपने पद से इस्तीफा दें.

इसके अलावा वीरेंद्र सचदेवा ने संसद में दिल्ली सेवा विधेयक पेश किए जाने का भी स्वागत किया. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से दिल्ली में उचित भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. केजरीवाल सरकार ने माननीय न्यायालय के आदेश के बाद मिली प्रशासनिक शक्तियों का दुरुपयोग कर अफसरों को धमकाने एवं अपनी मनमानी करने की कोशिश की. इसका एक उदाहरण इसके 437 पार्टी कैडर की आकर्षक फेलोशिप नौकरियों पर नियुक्ति है.

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दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने नौकरशाहों को भर्ती नियमों का उल्लंघन करने के लिए मजबूर किया. इतना ही नहीं उन्होंने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण के नियमों का भी उल्लंघन किया. इस तरह के दुरुपयोग ने केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करने और अध्यादेश लाने के लिए मजबूर किया. दिल्ली सेवा विधेयक पर मतदान विपक्षी एकता के दिखावे को उजागर करेगा, क्योंकि कई विपक्षी सांसद या तो मतदान से दूर रहेंगे, या विधेयक का समर्थन करेंगे.

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