नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास निर्माण पर कैग ऑडिट का दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि कैग देश की सर्वोच्च प्रतिष्ठा वाली ऑडिट संस्था है, जिसकी जांच से जल्द पता चलेगा कि किसके दबाव में पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने कानूनों का उल्लंघन किया और मुख्यमंत्री के लिए आलीशान बंगले का निर्माण किया, नहीं तो वे केवल टाइप VII बंगले के आवास के लिए पात्र थे.
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भाजपा CAG के फैसले का स्वागत करती है, CAG ने आज केजरीवाल के भ्रष्टाचार के प्रतीक शीशमहल की जाँच करने का फैसला लिया है जिससे अब केजरीवाल का सच जनता के सामने आ जाएगा। pic.twitter.com/J3YrDpbBfz
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दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कैग को यह तथ्य सामने लाना चाहिए कि कैसे केजरीवाल सरकार द्वारा बंगले के लिए बार-बार राशि स्वीकृत की. इसका स्वामित्व शीर्षक स्पष्ट नहीं था और दिल्ली शहरी कला आयोग और दिल्ली नगर निगम जैसे संबंधित विभागों ने पीडब्ल्यूडी मंजूरी योजना अनुमोदन अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया था.
आज हमें 2011-12 के दिन याद आ रहे हैं. जब अरविंद केजरीवाल ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार में 2जी और 3जी घोटाले में मंत्री कपिल सिब्बल और ए राजा की भूमिका की कैग जांच की मांग की थी. हम केजरीवाल को जांच का विरोध करते हुए देखेंगे क्योंकि यह हथौड़ा खुद पर पड़ने वाला है.
- वीरेंद्र सचदेवा
शीशमहल बनाने में उड़ी कानून की धज्जियां: नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और सांसद मनोज तिवारी ने भी मंगलवार को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर सीएम केजरीवाल के आवास निर्माण की कैग जांच का स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शीशमहल को बनाए जाने में कानून की धज्जियां उड़ाई गई. इसी सिलसिले में भाजपा विधायकों ने 24 जून, 2021 को मुख्यमंत्री से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा था. इसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री आवास में कानून का उल्लंघन करके सौंदर्यीकरण करवाना चाहते हैं, लेकिन कोरोनाकाल में यह शोभा नहीं देता. साथ ही लिखित में खर्चों की जानकारी भी मांगी गई थी.
केजरीवाल का जेल जाना तय: उनके अलावा बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि, सीएम केजरीवाल के शीशमहल के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू होने वाली जांच के बाद अरविंद केजरीवाल का जेल जाना तय है. केजरीवाल एक ऐसे नेता हैं, जो राजनीति में आने से पहले भ्रष्टाचार की खिलाफत की बात करते रहे और जब सत्ता में आए तो दिल्ली को ऐसी सरकार दी, जिसका ऐसा कोई विभाग नहीं जहां भ्रष्टाचार न हुआ हो.
उन्होंने कहा कि आज दिल्ली की वे सभी महिलाएं, युवा, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले और रेहड़ी पटरी वाले खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे होंगे, क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वायदा करके केजरीवाल आज खुद भ्रष्टाचार में डूब चुके हैं. केजरीवाल जानते थे कि 10 करोड़ से ऊपर टेंडर करने के लिए कई अनुमति और अन्य कानूनी स्टेप से होकर गुजरना होगा. इसलिए उन्होंने 10 करोड़ से नीचे के टेंडर बनाकर दिल्ली के खजाने को लूटने का प्रयास किया. केजरीवाल हर बार भूल जाते हैं कि यह देश संविधान से चलता है.
कैग जांच पर आम आदमी पार्टी का पक्ष: इस कैग जांच को गृह मंत्रालय से स्वीकृति मिलने पर आम आदमी पार्टी का बयान सामने आया है. पार्टी की तरफ से कहा गया है कि, भाजपा को पता है कि 2024 के आम चुनाव में उसका सफाया होने जा रहा है. इसी हताशा में राजनीतिक विरोधियों की आवाज दबाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार जांच एजेंसियों के खुलेआम दुरुपयोग पर उतारू है. मुख्यमंत्री आवास के पुनर्निर्माण में खर्च की कैग जांच का आदेश भाजपा की हताशा, सनक और तानाशाही को उजागर कर रहा है.
पार्टी की ओर से कहा गया कि दिल्ली में लगातार एक के बाद एक चुनावी हार से बौखलाई भाजपा न सिर्फ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईमानदार सरकार को बदनाम करने, बल्कि पर्दे के पीछे से यहां की सत्ता हथियाने की साजिश भी रच रही है. इसके तहत पहले वह फर्जी आबकारी घोटाला और अब सीएम आवास के पुनर्निर्माण में गड़बड़ी के मनगढ़ंत आरोप लगा रही है. यह सारा प्रपंच पीएम मोदी के संरक्षण में अदाणी के किए अरबों के घोटाले से जनता का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है. इसके तहत विपक्ष के नेताओं को एक-एक कर निशाना बनाया जा रहा है.
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यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में हिम्मत है तो वह अदाणी के घोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराएं. साथ ही मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाला, अयोध्या राममंदिर में चंदा घोटाला, असम के मुख्यमंत्री के घोटाले की भी कैग या अन्य केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराई जानी चाहिए. भाजपा बदले की भावना के तहत इस तरह की ऊलजलूल हरकतों से अपने ही अंत की पटकथा लिख रही है.
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