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कूड़ा उठाने के नाम पर बीजेपी शासित एमसीडी ने किया 86 करोड़ रुपये का घोटाला : दुर्गेश पाठक - Rs 86 crore scam in the name of garbage collection

आप विधायक दुर्गेश पाठक(AAP MLA Durgesh Pathak) ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उनके पास ऑडिट रिपोर्ट की कॉपी है, जिससे पता चलता है कि बीजेपी ने एमसीडी में भ्रष्टाचार करने का दिलचस्प तरीका निकाला. जब कूड़ा उठाकर कूड़े के पहाड़ पर ले जाया जाता और फिर कूड़े को प्रोसेस करके आगे भेजा जाता तो इस प्रक्रिया में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है. यह भ्रष्टाचार लगभग 86 करोड़ का है.

आप विधायक दुर्गेश पाठक
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Published : Nov 1, 2022, 10:50 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने बीजेपी शासित एमसीडी पर कूड़ा उठाने के नाम पर 86 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है. आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी और विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा है कि एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 2020 में चार कंपनियों को 3250 रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर से टेंडर दिया गया था. जबकि 2022 में वही टेंडर नई कंपनी को 800 प्रति मीट्रिक टन में दिया गया. पाठक ने बताया कि भाजपा के अनुसार पुरानी कंपनी ने लगभग 4 लाख टन कूड़ा हटाया. इस आधार पर लगभग 86 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर होता है.

उन्होंने एलजी से भी जवाब मांगा है कि जब कूड़ा उठान 800 रुपये प्रति मीट्रिक टन में हो सकता था तो भाजपा ने पहले 3250 प्रति मीट्रिक टन का टेंडर क्यों दिया. साथ ही पुरानी कंपनियों ने जीपीएस लगवाने से भी मना कर दिया था. इसके बावजूद भाजपा ने लंबे समय तक उनसे कूड़ा क्यों उठावाया. दुर्गेश पाठक के अनुसार ऑडिट रिपोर्ट जून की है. अब तक इस मामले में कोई जांच क्यों नहीं हुई.

ये भी पढ़ें : एमसीडी चुनाव : बीजेपी का फोकस ओबीसी और एससी समाज पर, सभी 250 वार्डों में चलेगा विशेष अभियान

पाठक ने कहा कि उनके पास ऑडिट रिपोर्ट की कॉपी है, जिससे पता चलता है कि बीजेपी ने एमसीडी में भ्रष्टाचार करने का दिलचस्प तरीका निकाला. जब कूड़ा उठाकर कूड़े के पहाड़ पर ले जाया जाता और फिर कूड़े को प्रोसेस करके आगे भेजा जाता तो इस प्रक्रिया में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है. यह भ्रष्टाचार लगभग 86 करोड़ रुपए का है.

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी ने 2020 में कूड़ा उठाने का टेंडर 4 कंपनियों को दिया और उनसे कहा गया कि को उठाकर जहां भी ले जाना हो, ले जाएं. लगभग 2 साल तक चारों कंपनियां कूड़ा उठाती रहीं. 2022 में कंपनी से जीपीएस लगाने को कहा गया, लेकिन उन कंपनियों ने जीपीएस लगाने से मना कर दिया. इसलिए उनका लाइसेंस रद्द कर दिया गया. इसके बाद एक नया लाइसेंस जारी किया गया. ऑनलाइन बिडिंग की गई और पहले जो टेंडर 3250 रुपये प्रति मीट्रिक के अनुसार दिया गया था. वही टेंडर 2022 में 800 प्रति टन के अनुसार दिया गया. सवाल उठता है जब कूड़ा उठान 800 रुपये प्रति मीट्रिक टन में हो सकता था तो 2020 में अधिक पैसे क्यों खर्च किए गए.

उन्होंने डाटा दिखाते हुए बताया 4 लाख टन कूड़ा उठाया गया. इसके अनुसार टोटल कैलकुलेशन किया जाए तो 86 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आता है. ऑडिट रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से पता चला है इस पर खुद स्पेशल ऑफिसर और सेक्रेटरी ने साइन किया है. यह रिपोर्ट 7 जून 2022 को जारी की गई थी. कहा कि इसमें कितने बड़े बड़े लोग शामिल होंगे.

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने बीजेपी शासित एमसीडी पर कूड़ा उठाने के नाम पर 86 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है. आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी और विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा है कि एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 2020 में चार कंपनियों को 3250 रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर से टेंडर दिया गया था. जबकि 2022 में वही टेंडर नई कंपनी को 800 प्रति मीट्रिक टन में दिया गया. पाठक ने बताया कि भाजपा के अनुसार पुरानी कंपनी ने लगभग 4 लाख टन कूड़ा हटाया. इस आधार पर लगभग 86 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर होता है.

उन्होंने एलजी से भी जवाब मांगा है कि जब कूड़ा उठान 800 रुपये प्रति मीट्रिक टन में हो सकता था तो भाजपा ने पहले 3250 प्रति मीट्रिक टन का टेंडर क्यों दिया. साथ ही पुरानी कंपनियों ने जीपीएस लगवाने से भी मना कर दिया था. इसके बावजूद भाजपा ने लंबे समय तक उनसे कूड़ा क्यों उठावाया. दुर्गेश पाठक के अनुसार ऑडिट रिपोर्ट जून की है. अब तक इस मामले में कोई जांच क्यों नहीं हुई.

ये भी पढ़ें : एमसीडी चुनाव : बीजेपी का फोकस ओबीसी और एससी समाज पर, सभी 250 वार्डों में चलेगा विशेष अभियान

पाठक ने कहा कि उनके पास ऑडिट रिपोर्ट की कॉपी है, जिससे पता चलता है कि बीजेपी ने एमसीडी में भ्रष्टाचार करने का दिलचस्प तरीका निकाला. जब कूड़ा उठाकर कूड़े के पहाड़ पर ले जाया जाता और फिर कूड़े को प्रोसेस करके आगे भेजा जाता तो इस प्रक्रिया में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है. यह भ्रष्टाचार लगभग 86 करोड़ रुपए का है.

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी ने 2020 में कूड़ा उठाने का टेंडर 4 कंपनियों को दिया और उनसे कहा गया कि को उठाकर जहां भी ले जाना हो, ले जाएं. लगभग 2 साल तक चारों कंपनियां कूड़ा उठाती रहीं. 2022 में कंपनी से जीपीएस लगाने को कहा गया, लेकिन उन कंपनियों ने जीपीएस लगाने से मना कर दिया. इसलिए उनका लाइसेंस रद्द कर दिया गया. इसके बाद एक नया लाइसेंस जारी किया गया. ऑनलाइन बिडिंग की गई और पहले जो टेंडर 3250 रुपये प्रति मीट्रिक के अनुसार दिया गया था. वही टेंडर 2022 में 800 प्रति टन के अनुसार दिया गया. सवाल उठता है जब कूड़ा उठान 800 रुपये प्रति मीट्रिक टन में हो सकता था तो 2020 में अधिक पैसे क्यों खर्च किए गए.

उन्होंने डाटा दिखाते हुए बताया 4 लाख टन कूड़ा उठाया गया. इसके अनुसार टोटल कैलकुलेशन किया जाए तो 86 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आता है. ऑडिट रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से पता चला है इस पर खुद स्पेशल ऑफिसर और सेक्रेटरी ने साइन किया है. यह रिपोर्ट 7 जून 2022 को जारी की गई थी. कहा कि इसमें कितने बड़े बड़े लोग शामिल होंगे.

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