नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की चल रही कोशिश पर बीजेपी ने व्यक्तिवादी राजनीति करने का आरोप लगाया है.
बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन में चांदनी चौक, उत्तर पूर्वी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली की वजह से पेज फंसा हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन 3 सीटों पर अल्पसंख्यक समुदाय का वोट है और यह दोनों उसको साधने की कोशिश कर रहे हैं.
'अवसरवादिता का उदाहरण AAP-कांग्रेस का गठबंधन'
बीजेपी विधायक ने ये भी कहा कि दिल्ली कांग्रेस के वे लोग जो की संभावित उम्मीदवार हैं, वह इस गठबंधन के पक्ष में है. कांग्रेस में वे लोग इसका विरोध कर रहे हैं जिन्हें कि चुनाव ही नहीं लड़ना है. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित और उनके अन्य कार्यकारी अध्यक्ष इस गठबंधन के खिलाफ हैं.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल, अजय माकन पहले इस गठबंधन के खिलाफ थे, लेकिन आज एक सुर से गठबंधन पर सहमत दिख रहे हैं, क्योंकि वे चुनाव लड़ने जा रहे है और अपनी जीत तय करने के लिए आप के वोट बैंक में भी सेंध लगाना चाहते हैं.
कांग्रेस पर लगाए आरोप
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि ये अजीब सी स्थिति है कि पार्टी के अंदर जिन नेताओं का टिकट सुनिश्चित दिख रहा है और वे चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. वे आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के पक्षधर हैं और जो पार्टी चुनाव लड़ाने वाली हैं. कार्यालय में पदाधिकारी हैं, वे गठबंधन के पक्ष में नहीं है. इस कोशिश ने कांग्रेस की व्यक्तिवादी राजनीति की पोल खोल दी है.
'लोगों को धोखा देने की कोशिश'
नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने ये भी कहा कि आम आदमी पार्टी के सभी साथ घोषित उम्मीदवार जो चुनाव प्रचार कर रहे हैं, उनके साथ कोई कार्यकर्ता खड़ा नहीं है और ना ही जनता से उनको समर्थन मिल रहा है. गठबंधन का उद्देश्य सिर्फ व्यक्तिवादी और संप्रदायवादी राजनीति को ऊपर रखकर लोगों को धोखा देने की एक कोशिश साबित होगा.