नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा ने मुख्यमंत्री आवास निर्माण (मरम्मत) मामले में CM अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर घेरा है. वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि कानून के मुताबिक अगर इन इंजीनियरों को विजिलेंस नोटिस से कोई दिक्कत थी तो उन्हें कैट में जाना चाहिए था, लेकिन जांच में देरी करने के लिए उन्होंने फिर से दिल्ली सरकार के राजनीतिक नेतृत्व के साथ मिलीभगत की और गलत तरीके से पहले दिल्ली उच्च न्यायालय और फिर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और दोनों ने उनकी याचिका खारिज कर दी."
बता दें कि कुछ दिन पहले भी सचदेवा ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर निशाना साधा था. उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और नगर निगम की मेयर शैली ओबेरॉय को जमकर घेरा था. सचदेवा ने कहा था कि अपने आप को ईमानदार कहने वाले CM केजरीवाल एक नंबर के भ्रष्ट हैं. उन्होंने आप के पार्षदों पर अवैध निर्माण को संरक्षण देने का आरोप लगाया है. साथ ही कई कागजात दिखाते हुए दिल्ली नगर निगम में धांधली के आरोप लगाए हैं.
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कानून के मुताबिक अगर इन इंजीनियरों को विजिलेंस नोटिस से कोई दिक्कत थी तो उन्हें कैट में जाना चाहिए था, लेकिन जांच में देरी करने के लिए उन्होंने फिर से दिल्ली सरकार के राजनीतिक नेतृत्व के साथ मिलीभगत की और गलत तरीके से पहले दिल्ली उच्च न्यायालय और फिर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा… pic.twitter.com/QgeA3ZjCqd
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वहीं, सचदेवा ने AAP के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि, "कल ही हमने एक विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी की सरकारी किराये की बकाया राशि का भुगतान न करने की गाथा देखी, जबकि गत वर्ष दिल्ली ने उन्हें एमसीडी चुनावों में पार्टी का टिकट एक करोड़ रुपये में बेचते हुए देखा था." बता दें कि त्रिपाठी पर सतर्कता निदेशालय (Vigilance Directorate) ने 27.4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. आईएएनएस के मुताबिक सरकारी आवास के कथित दुरुपयोग और अवैध आवंटन के मामले में अखिलेश पति त्रिपाठी पर जुर्माना लगाया गया है.
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