नई दिल्ली: देश की राजधानी में पानी की गुणवत्ता की जांच की टीम में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान विधायकों के साथ मौजूद थे. जहां पर विधायक ओपी शर्मा ने भी अपने क्षेत्र के दूषित पानी की शिकायत और भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा आई रिपोर्ट पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग उठाई.
दरअसल भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा 20 राज्यों के पानी की गुणवत्ता जांच में दिल्ली का पानी सबसे खराब बताया था. इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रिपोर्ट को गलत करार देते हुए राजनीति से प्रेरित बताया था.
केजरीवाल सरकार पर लगाए आरोप
ईटीवी भारत से बातचीत में बीजेपी विधायक ओपी शर्मा ने खुलकर कहा कि केजरीवाल सरकार अपने कार्यकाल में जनता को दूषित हवा, दूषित पानी, दूषित विचार देने में ही सफल रही है. ऐसा माहौल दिल्ली में पहले नहीं बना था.
भारतीय मानक ब्यूरो ने जो पानी के नमूने लिए उनमें नई दिल्ली जैसा वीआईपी इलाका भी शामिल है. जहां देश के खास लोग रहते हैं. वहां पर भी दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूर्वी दिल्ली इलाका जहां पर निम्न आय वर्ग के लोग रहते हैं वहां पर कैसा हाल होगा.
नतीजा यह है कि वह स्वयं पूर्वी दिल्ली इलाके का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनके पास शिकायतों का अंबार लगा रहता है. मगर सरकार है जो सुनती नहीं है.
'विधायक डर की वजह से नहीं उठा रहे हैं आवाज'
ओपी शर्मा ने खुलकर कहा कि केजरीवाल सरकार चुनावी साल में इस आरोप को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है. हकीकत है कि सरकार सिर्फ पानी से संबंधित दिल्ली जल बोर्ड को प्राप्त शिकायतों की संख्या को सार्वजनिक कर दें तो कुछ साफ हो जाएगा.
आम आदमी पार्टी के वर्तमान 60 से अधिक विधायक सिर्फ केजरीवाल के डर से अपने क्षेत्र में दूषित पानी को लेकर आवाज नहीं उठाते. उन्हें छूट दे दें तो उनके पास विधायक ही इस समस्या से त्रस्त हैं.