नई दिल्ली: देशभर में 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बड़ा कदम उठाया. सरकार ने इसको लेकर एक कमेटी का गठन किया है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को कमेटी का अध्यक्ष बनाया. हालांकि, अब इस पूरे मामले को लेकर सियासत शुरू हो गई है. विपक्ष की तरफ से इसका विरोध किया जा रहा है. 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर विपक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार की नीयत साफ नहीं है. अभी इसकी जरूरत नहीं है. पहले बेरोजगारी और महंगाई का निदान होना चाहिए.
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने कहा कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' देश हित में है. आखिर विपक्ष विरोध किस बात का कर रहा है. इसमें तो विरोध की कोई जरूरत नहीं है. इससे पहले भी 1987, 1952, 1957, 1962 और 1967 में एक बार चुनाव हो चुका है. यह फार्मूला देश के हित में लाभकारी है. सन् 1967 के अंदर जब गैर कांग्रेसी सरकार आई. उसके बाद से अलग-अलग समय पर चुनाव होने लगे.
देश में जब कोई चुनाव होता है सबसे ज्यादा इलेक्शन कमीशन पर भार पड़ता है. देश में कभी लोकसभा के चुनाव, विधानसभा चुनाव, ग्राम पंचायत, जिला पंचायत, पार्षद, सभासद, के चुनाव होते रहते हैं. इसके लिए बार-बार वोटर लिस्ट बनती है. सेना के जवानों की तैनाती की जाती है. पुलिस का अरेंजमेंट किया जाता है, शिक्षकों और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाती है. यह तमाम खर्च भी बचेंगे, इसलिए विपक्ष को विरोध नहीं करना चाहिए.
दुष्यंत गौतम ने कहा कि एक देश एक चुनाव को लेकर कई बार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में बोल चुके हैं. कई दलों का समर्थन भी प्राप्त है. कई सालों से इस पर विचार किया जा रहा है. कुछ लोग राजनीतिक फायदे के लिए इसका विरोध कर रहे हैं. हालांकि, ज्यादातर लोग इसके पक्ष में हैं. आज राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है. वह समिति के अध्यक्ष है. जल्द जो भी आगे की प्रक्रिया होगी उसको बताया जाएगा.
विपक्ष पर साधा निशाना: दुष्यंत गौतम ने कहा कि विपक्ष की इंडिया एयरलाइंस कह रहा कि मोदी को उखाड़ फेकेंगे, लेकिन 2024 में मोदी को कोई नहीं रोक सकता. फिर से एनडीए की सरकार बनेगी. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है. पहली बार साउथ पोल पर हमारा चंद्रयान 3 पहुंचा है. विपक्ष कुछ भी कर ले लेकिन जनता सब जानती है.
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