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अगले संसद सत्र में शामिल होना चाहते थे जेटली, मगर काल को कुछ और मंजूर था- सीपी ठाकुर

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Published : Aug 25, 2019, 6:05 PM IST

अरुण जेटली को याद करते हुए सीपी ठाकुर ने कहा कि जेटली जी पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं को नाम से वाकिफ थे और उनसे ऐसे मिलते थे जैसे कितने सालों से जानते हों.

सीपी ठाकुर, etv bharat

नई दिल्ली: देश के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता राज्यसभा सदस्य सीपी ठाकुर ने जेटली से जुड़े संस्मरण को ईटीवी भारत के साथ साझा किया.

जेटली को याद कर भावुक हुए सीपी ठाकुर

जब पहली बार आए बिहार
राज्यसभा सदस्य सीपी ठाकुर ने बताया कि अरुण जेटली जब बिहार में चुनाव प्रभारी बने थे तब वे पटना आए. बिहार के भौगोलिक रूप से वे उतने वाकिफ नहीं थे.
लेकिन जब होटल पहुंचे तो उन्होंने मुझे कपड़े की थैलीनुमा एक पोटली हमें थमाया.
मैंने पूछा इसमें क्या है, उन्होंने कहा कुछ सामान है. अभी चुनाव में हमें इसकी जरूरत पड़ेगी. फिर उन्होंने कहा इसमें पैसे हैं. जो पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को देने के लिए मुझे दिया गया था. मुझे लगा आप से उपयुक्त व्यक्ति मुझे कौन मिलेगा. जिसे मैं यह पोटली देता.

कार्यकर्ताओं को नाम से जानते थे जेटली
सीपी ठाकुर ने कहा कि बिहार की भौगोलिक स्थिति से भले ही वह पूरी तरह वाकिफ नहीं थे, लेकिन जिस तरह उत्तर प्रदेश और बिहार को राजनीति के लिहाज से काफी उपजाऊ माना जाता है. जेटली जी पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं को नाम से वाकिफ थे और उनसे ऐसे मिलते थे जैसे कितने सालों से जानते हों.

जेटली का निधन सरकार में एक बड़ी क्षति
सीपी ठाकुर ने कहा कि उनके जाने से अब शून्य उत्पन्न हो गया है. इसकी कमी शायद ही पूरी हो. संसद के मानसून सत्र में वे बीमार होने के चलते हिस्सा नहीं ले पाए.
लेकिन एम्स में भर्ती होने से कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि अस्वस्थ होने के कारण यह सत्र को मिस कर गए. अगले सत्र में वे जरूर हिस्सा लेंगे. मगर काल को कुछ और ही मंजूर था. उनकी असामयिक निधन एक बड़ी क्षति है.

नई दिल्ली: देश के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता राज्यसभा सदस्य सीपी ठाकुर ने जेटली से जुड़े संस्मरण को ईटीवी भारत के साथ साझा किया.

जेटली को याद कर भावुक हुए सीपी ठाकुर

जब पहली बार आए बिहार
राज्यसभा सदस्य सीपी ठाकुर ने बताया कि अरुण जेटली जब बिहार में चुनाव प्रभारी बने थे तब वे पटना आए. बिहार के भौगोलिक रूप से वे उतने वाकिफ नहीं थे.
लेकिन जब होटल पहुंचे तो उन्होंने मुझे कपड़े की थैलीनुमा एक पोटली हमें थमाया.
मैंने पूछा इसमें क्या है, उन्होंने कहा कुछ सामान है. अभी चुनाव में हमें इसकी जरूरत पड़ेगी. फिर उन्होंने कहा इसमें पैसे हैं. जो पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को देने के लिए मुझे दिया गया था. मुझे लगा आप से उपयुक्त व्यक्ति मुझे कौन मिलेगा. जिसे मैं यह पोटली देता.

कार्यकर्ताओं को नाम से जानते थे जेटली
सीपी ठाकुर ने कहा कि बिहार की भौगोलिक स्थिति से भले ही वह पूरी तरह वाकिफ नहीं थे, लेकिन जिस तरह उत्तर प्रदेश और बिहार को राजनीति के लिहाज से काफी उपजाऊ माना जाता है. जेटली जी पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं को नाम से वाकिफ थे और उनसे ऐसे मिलते थे जैसे कितने सालों से जानते हों.

जेटली का निधन सरकार में एक बड़ी क्षति
सीपी ठाकुर ने कहा कि उनके जाने से अब शून्य उत्पन्न हो गया है. इसकी कमी शायद ही पूरी हो. संसद के मानसून सत्र में वे बीमार होने के चलते हिस्सा नहीं ले पाए.
लेकिन एम्स में भर्ती होने से कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि अस्वस्थ होने के कारण यह सत्र को मिस कर गए. अगले सत्र में वे जरूर हिस्सा लेंगे. मगर काल को कुछ और ही मंजूर था. उनकी असामयिक निधन एक बड़ी क्षति है.

Intro:नई दिल्ली. भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के असामयिक निधन के बाद जब उनका शव अंतिम दर्शन के लिए पार्टी कार्यालय में लाया गया तो उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों की होड़ मच गई. पार्टी नेताओं के आम और खास सभी लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े. इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता राज्यसभा सदस्य सीपी ठाकुर ने जेटली जी से जुड़े संस्मरण को हमारे साथ साझा किया.


Body:राज्यसभा सदस्य सीपी ठाकुर ने बताया कि अरुण जेटली जब बिहार में चुनाव प्रभारी बने थे, तब वे पटना आए. बिहार से अत्यधिक भौगोलिक रूप से वे उतने वाकिफ नहीं थे. लेकिन जब होटल पहुंचे तो उन्होंने मुझे कपड़े की थैलीनुमा एक पोटली हमें थमाया. मैंने पूछा इसमें क्या है? उन्होंने कहा कुछ सामान है. अभी चुनाव में हमें इसकी जरूरत पड़ेगी.

फिर उन्होंने कहा इसमें पैसे हैं. जो पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को देने के लिए मुझे दिया गया था. मुझे लगा आप से उपयुक्त व्यक्ति मुझे कौन मिलेगा. जिसे मैं यह पोटली देता. ऐसे थे अरुण जेटली.

बिहार की भौगोलिक स्थिति से भले ही वह पूरी तरह वाकिफ नहीं थे, लेकिन जिस तरह उत्तर प्रदेश और बिहार को राजनीति के लिहाज से काफी उपजाऊ माना जाता है. जेटली जी पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं को नाम से वाकिफ थे और उनसे ऐसे मिलते थे जैसे कितने वर्षों से जानते हों. ऐसे थे हमारे अरुण जेटली.

उनके जाने से अब शून्य उत्पन्न हो गया है. इसकी कमी शायद ही पूरी हो. संसद के मानसून सत्र में वे बीमार होने के चलते हिस्सा नहीं ले पाए. लेकिन एम्स में भर्ती होने से कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि अस्वस्थ होने के कारण यह सत्र को मिस कर गए. अगले सत्र में वे जरूर हिस्सा लेंगे. अगर काल को कुछ और ही मंजूर था. उनकी असामयिक निधन एक बड़ी क्षति है.

समाप्त, आशुतोष झा


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