नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाने वाले आम आदमी पार्टी सांसद भगवंत मान का कहना है कि उनका विरोध ऐसे ही जारी रहेगा. बता दें कि संसद के सेंट्रल हॉल में पंडित मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर पीएम मोदी श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे, जहां आम आदमी पार्टी सांसद भगवंत मान पीएम मोदी का विरोध जताया था.
उनका कहना है कि चूंकि प्रधानमंत्री सिर्फ वन वे कम्युनिकेशन करते हैं, उनके पास सेंट्रल हॉल के कार्यक्रम में आवाज उठाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था. वो किसानों की आवाज उठाने आए हैं. हालांकि प्रधानमंत्री ने उन्हें सुनना भी जरूरी नहीं समझा.
'उठाते रहेंगे किसानों की आवाज'
एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भगवंत मान ने कहा कि वह जिस इलाके से आते हैं, वहां सबसे ज्यादा धान की पैदावार है. बड़ी संख्या में किसान उनसे मिले हैं और कृषि कानूनों का विरोध दर्ज करा कर गए हैं. वह एक चुने हुए प्रतिनिधि हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री को उनकी बात सुननी चाहिए थी. भगवंत मान ने कहा कि बेशक प्रधानमंत्री ने उनकी बात न सुनी हो वह किसानों की आवाज उठाना बंद नहीं करेंगे.
मौजूदा स्थिति पर सवाल उठाते हुए भगवंत मान ने कहा कि संसद का सत्र चल नहीं रहा है. प्रधानमंत्री उन्हें मिलने का समय नहीं दे रहे हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस वो करते नहीं हैं. प्रधानमंत्री के घर के करीब, जो किसान बैठे हैं वह उनसे बात नहीं कर रहे हैं जबकि गुजरात और मध्य प्रदेश के किसानों से लगातार संपर्क हो रहा है. ऐसा लोकतंत्र में नहीं होता.
उन्होंने कहा कि ये वही सेंट्रल हॉल है जहां भगत सिंह अंग्रेजों की बहरी सरकार के लिए बम लेकर आए थे. हम उन्हीं के वारिस हैं. हमने शब्दों के और जुबान के जरिए सरकार के कानों में आवाज पहुंचाई है और यह जारी रहेगा.
कृषि कानून को लेकर विरोध जारी
गौरतलब है कि कृषि कानूनों को लेकर हो रहा विरोध लगातार जारी है. शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और भगवंत मान ने संसद की सेंट्रल हॉल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कृषि कानूनों के खिलाफ खूब नारेबाजी की थी. दावा किया जा रहा है कि इस नारेबाजी का ही परिणाम था कि प्रधानमंत्री को सेंट्रल और में अन्य कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेना था, लेकिन वह वहां से चले गए.