नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी लगातार किसानों के प्रदर्शन को अपना समर्थन दे रही है और अब पार्टी ने 8 दिसंबर को किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन की घोषणा की है. ईटीवी भारत से इस मुद्दे पर बातचीत में आम आदमी पार्टी के संगरूर से सांसद भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में हम शुरू से किसानों के साथ खड़े हैं, 25 सितंबर को जब उन्होंने बंद का ऐलान किया था, तब भी हमने समर्थन किया था.
'साढ़े 7 मिनट में निकल सकता है समाधान'
भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में पार्टी के प्रधान के रूप में बहुत पहले मैंने अपने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया था कि बिना पार्टी के झंडा और बैनर के किसानों का समर्थन करें. केंद्रीय मंत्रियों के साथ लगातार बेनतीजा हो रही किसानों की बातचीत पर भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार अहंकारी रवैया अपना रही है, जो काम साढ़े 7 मिनट में हो सकता है, उसके लिए साढ़े 7 घंटे की मीटिंग की जा रही है.
'क्यों नहीं खुल सकती संसद'
जल्द से जल्द संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की केंद्र से मांग करते हुए भगवंत मान ने कहा कि जब जीएसटी के लिए आधी रात को संसद चल सकती है, आधी रात को सुप्रीम कोर्ट खुल सकता है. ओथ सेरेमनी के लिए आधी रात को राज्यपाल को जगाया जा सकता है, तो फिर किसानों के लिए संसद क्यों नहीं खुल सकती. स्टेडियम को जेल न बनाने के दिल्ली सरकार के फैसले का भी भगवंत मान ने जिक्र किया.
'हम समझते हैं किसानों का दर्द'
उन्होंने कहा कि जब पुलिस ने 9 स्टेडियम को जेल बनाने की अनुमति मांगी, तब केजरीवाल सरकार ने उसे खारिज कर दिया और इससे किसानों के आंदोलन को बल मिला. मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी आंदोलन से निकली पार्टी है और हम आंदोलन कर रहे किसानों का दर्द समझते हैं. बढ़ती ठंड और कोरोना की गंभीरत को देखते हुए कृषि मंत्री द्वारा की गई आंदोलन वापस लेने की अपील पर भी मान ने उन्हें घेरा.
'सही नहीं है सरकार की नीयत'
इसे लेकर पूछे गए ईटीवी भारत के सवाल पर भगवंत मान ने कहा कि कृषि मंत्री किसानों को मौसम से न डराएं. ये वो किसान है जो 50 डिग्री टेम्परेचर में भी धान की बुआई करते हैं और जीरो डिग्री टेम्परेचर में भी गेहूं में पानी डालते हैं. भगवंत मान ने कहा कि सरकार की नीयत सही नहीं है, अगर नीयत सही होती, तो पहली मीटिंग में ही इस समस्या का समाधान हो चुका होता.
'किसानों को हर वर्ग का समर्थन'
इससे पहले, इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भगवंत मान ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी निशाने पर लिया. वहीं किसानों के समर्थन में खिलाड़ियों के अवार्ड लौटाने की घोषणा पर कहा कि हर वर्ग का आदमी किसानों के साथ हैं और खिलाड़ियों को अपनी मिट्टी से प्यार है, न कि अपने अवार्ड से.