नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) में एक महिला ने याचिका दायर कर अपने दोस्त को उसकी असाध्य बीमारी की वजह से इच्छामृत्यु के लिए स्विट्जरलैंड जाने से रोकने की मांग की है. याचिका में केंद्र सरकार को 'मायलजिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस' से पीड़ित करीब 49 वर्षीय अपने मित्र को आव्रजन मंजूरी (Immigration Clearance) नहीं देने का निर्देश देने की मांग की गई है. महिला बेंगलुरु की रहने वाली है.
याचिकाकर्ता ने वकील सुभाषचंद्र केआर के जरिए दायर याचिका में कहा है कि उसका मित्र अपने इलाज के बहाने आत्महत्या करने के इरादे से स्विट्जरलैंड जाना चाहता है. मायलजिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस एक प्रकार की जटिल, दुर्बल करने वाली और लंबी अवधि तक थकान का कारण बनने वाली तंत्रिका संबंधी बीमारी है. याचिकाकर्ता के दोस्त में 2014 में पहली बार इस बीमारी के लक्षण उभरे थे. उसके बाद उसने पूरी तरह से बिस्तर पकड़ लिया. याचिकाकर्ता के मित्र का पहले एम्स में इलाज चल रहा था, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान इलाज जारी नहीं रह सका.
याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा है कि उसके मित्र को भारत में या विदेश में बेहतर उपचार प्रदान करने के लिए कोई आर्थिक बाधा नहीं है. लेकिन अब वह इच्छामृत्यु के लिए विदेश जाने के अपने फैसले पर अड़ा हुआ है. उसके इस फैसले से उसके बुजुर्ग माता-पिता का जीवन बुरी तरह प्रभावित है. याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के दोस्त की स्थिति में सुधार की अब भी उम्मीद बची हुई है. याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार को एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने का निर्देश दिया जाए ताकि उसके मित्र की चिकित्सा स्थिति की जांच की जा सके और उसे आवश्यक चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाए.
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