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Delhi Budget 2023: इन पांच सवालों की वजह से दिल्ली विधानसभा में एक दिन बाद पेश हो रहा बजट - delhi latest news

दिल्ली विधानसभा में एक दिन की देरी से बुधवार को बजट पेश किया जाएगा. इससे पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बजट के 5 मुद्दों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था. आइए जानते हैं वो सवाल और दिल्ली सरकार सरकार की तरफ से दिए गए उनके जवाब.

budget is being presented in delhi assembly
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Published : Mar 22, 2023, 9:22 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में बुधवार को एक दिन की देरी से दिल्ली का बजट पेश हो रहा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को बताया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के बजट में 5 मुद्दों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था और सरकार ने सोमवार रात को ही सभी सवालों के जवाब दे दिए थे, जिसके बाद बजट को बिना किसी संशोधन के पास कर दिया गया. जानिए बजट से संबंधित वह सवाल जो दिल्ली सरकार से पूछे गए थे और उसका जवाब दिल्ली सरकार ने क्या दिया?

सवाल- सब्सिडी पर हो रहे खर्च को नियंत्रित करने के संबंध में क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

जवाब- दिल्ली सरकार कई सारी वेलफेयर स्कीम के तहत सब्सिडी देती आ रही है और इस साल भी इस पर होने वाला व्यय कुल बजट का एक बहुत छोटा सा हिस्सा है.

सवाल- परियोजनाओं के लिए पर्याप्त नहीं लग रहा आवंटन?

जवाब - पिछले 8 सालों में पूंजीगत परियोजनाओं पर व्यय पहले के मुकाबले बढ़कर लगभग दोगुना हो गया है. कुल बजट में इसका हिस्सा जितना पहले था, इस साल भी लगभग उतना ही हिस्सा है.

सवाल- केंद्र की योजनाओं के माध्यम से धनराशि प्राप्त की जा सकती है, दिल्ली सरकार इसका पूरा इस्तेमाल नहीं कर रही

जवाब- पिछले साल केंद्र सरकार की कई योजनाओं के तहत दिल्ली को फंड मिला इसका पूरा विवरण दे दिया गया है.

सवाल- विज्ञापनों के लिए पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा बजट का प्रस्ताव समझ से परे है?

जवाब- पिछले पांच सालों में विज्ञापनों पर हुए खर्च का पूरा ब्यौरा दे दिया गया है. हालांकि प्रस्तावित और वास्तविक खर्च में कुछ अंतर हो सकता है, जिसे संशोधित बजट अनुमान में एडजस्ट किया जाएगा.

सवाल- नेशनल सोशल सिक्योरिटी फंड के पास जमा राशियों पर लोन लेने से सरकार पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा?

जवाब- यह वित्त वर्ष के दौरान सामने आने वाली जरूरतों पर निर्भर करेगा कि लोन कितना लिया जाएगा. पिछले वित्त वर्ष में जितना लोन लेने का प्रस्ताव रखा गया था, वास्तव में उससे बहुत कम लोन ही लिया गया.

दरअसल यह सवाल दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की तरफ से उठाए गए थे. उपराज्यपाल ने सरकार के बजट प्रस्तावों को देखने के बाद 9 मार्च को इस संबंध में दिल्ली सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था, जबकि 10 मार्च को बजट केंद्र सरकार को भेज दिया गया था.

यह भी पढ़ें-Delhi Budget 2023: साफ, सुंदर और आधुनिक दिल्ली बनाने की थीम पर आज पेश होगा बजट, जानें क्या हो सकता है खास

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में बुधवार को एक दिन की देरी से दिल्ली का बजट पेश हो रहा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को बताया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के बजट में 5 मुद्दों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था और सरकार ने सोमवार रात को ही सभी सवालों के जवाब दे दिए थे, जिसके बाद बजट को बिना किसी संशोधन के पास कर दिया गया. जानिए बजट से संबंधित वह सवाल जो दिल्ली सरकार से पूछे गए थे और उसका जवाब दिल्ली सरकार ने क्या दिया?

सवाल- सब्सिडी पर हो रहे खर्च को नियंत्रित करने के संबंध में क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

जवाब- दिल्ली सरकार कई सारी वेलफेयर स्कीम के तहत सब्सिडी देती आ रही है और इस साल भी इस पर होने वाला व्यय कुल बजट का एक बहुत छोटा सा हिस्सा है.

सवाल- परियोजनाओं के लिए पर्याप्त नहीं लग रहा आवंटन?

जवाब - पिछले 8 सालों में पूंजीगत परियोजनाओं पर व्यय पहले के मुकाबले बढ़कर लगभग दोगुना हो गया है. कुल बजट में इसका हिस्सा जितना पहले था, इस साल भी लगभग उतना ही हिस्सा है.

सवाल- केंद्र की योजनाओं के माध्यम से धनराशि प्राप्त की जा सकती है, दिल्ली सरकार इसका पूरा इस्तेमाल नहीं कर रही

जवाब- पिछले साल केंद्र सरकार की कई योजनाओं के तहत दिल्ली को फंड मिला इसका पूरा विवरण दे दिया गया है.

सवाल- विज्ञापनों के लिए पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा बजट का प्रस्ताव समझ से परे है?

जवाब- पिछले पांच सालों में विज्ञापनों पर हुए खर्च का पूरा ब्यौरा दे दिया गया है. हालांकि प्रस्तावित और वास्तविक खर्च में कुछ अंतर हो सकता है, जिसे संशोधित बजट अनुमान में एडजस्ट किया जाएगा.

सवाल- नेशनल सोशल सिक्योरिटी फंड के पास जमा राशियों पर लोन लेने से सरकार पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा?

जवाब- यह वित्त वर्ष के दौरान सामने आने वाली जरूरतों पर निर्भर करेगा कि लोन कितना लिया जाएगा. पिछले वित्त वर्ष में जितना लोन लेने का प्रस्ताव रखा गया था, वास्तव में उससे बहुत कम लोन ही लिया गया.

दरअसल यह सवाल दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की तरफ से उठाए गए थे. उपराज्यपाल ने सरकार के बजट प्रस्तावों को देखने के बाद 9 मार्च को इस संबंध में दिल्ली सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था, जबकि 10 मार्च को बजट केंद्र सरकार को भेज दिया गया था.

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