नई दिल्ली: तीस हजारी कोर्ट में बुधवार को हुई फायरिंग के मामले में दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) ने संज्ञान लेते हुए एक फैक्ट फाइंडिंग पैनल का गठन किया है. बता दें कि कोर्ट में फायरिंग का वीडियो वायरल होने के बाद बीसीडी ने संज्ञान लेते हुए फायरिंग करने वाले एडवोकेट मनीष शर्मा का लाइसेंस रद्द कर
दिया था.
लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी करते हुए (बीसीडी) के सचिव कर्नल अरुण शर्मा ने लिखा था कि वायरल वीडियो में एडवोकेट मनीष शर्मा सरेआम फायरिंग करते हुए नजर आ रहे हैं. एक अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में इस तरह से फायरिंग करना जघन्य अपराध है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. वकीलों के बीच फायरिंग और पथराव मामले में शामिल पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गुरुवार को गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों के पास से पुलिस ने तीन देसी पिस्तौल और चार जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं. साथ ही पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए दो कार भी सीज किया है.
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पुलिस ने तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने मामले में पूछताछ के लिए तीनों आरोपियों को चार दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है. वहीं, दिल्ली पुलिस ने बताया कि वकीलों के दोनों गुटों के प्रमुखों मनीष शर्मा और ललित शर्मा को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. अभी भी छापेमारी जारी है. मनीष शर्मा को सात जुलाई को बार काउंसिल के दफ्तर में व्यक्तिगत रूप से पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है. ऐसा न करने पर उन पर एकतरफा कार्रवाई की जा सकती है.
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