नई दिल्ली: दिल्ली से भारतीय रेसलिंग दल के साथ Tokyo Olympics के लिए गए पहलवानों के दल में खुशी का माहौल है. रवि दहिया के बाद एक और पहलवान कल भारत को ब्रॉन्ज मेडल जीत कर देंगे. छत्रसाल स्टेडियम के बास्केटबॉल कोच का ऐसा मानना है.
कोच ने कहा कि खिलाड़ी अपना शत-प्रतिशत देने के लिए ओलंपिक गए हैं और सभी पहलवानों से गोल्ड मेडल की उम्मीद थी, लेकिन कुछ छोटी-छोटी कमियों के कारण खिलाड़ी गोल्ड मेडल से चूक गए. जिस तरह से भारत की झोली में कल सिल्वर मेडल आया है और शनिवार को भी भारत की झोली में बजरंग पुनिया कांस्य पदक डालेंगे और देश का मान बढ़ाएंगे.
ईटीवी से बात करते हुए छत्रसाल स्टेडियम में खिलाड़ियों को बास्केटबॉल की कोचिंग देने वाले कोच BS Hooda ने बताया कि दो बार ओलंपिक विजेता सुशील के साथ सभी पहलवान कड़ी ट्रेनिंग करते थे. ज्यादातर खिलाड़ी खुद को रिलैक्स देने के लिए बास्केटबॉल भी खेलते थे, ताकि थकान का उन पर कोई असर ना हो. हमारी ओर से उन्हें बास्केटबॉल कोर्ट प्रोवाइड कराया जाता था, सभी खिलाड़ी Chhatrasal Stadium में कड़ी प्रैक्टिस करते थे. स्टेडियम से लेकर ओलिंपिक तक का सफर देश का नाम रोशन करने के लिए किए है. चाहें रवि दहिया, दीपक पूनिया या फिर बजरंग पूनिया सहित तमाम Wrestler अपनी मेहनत का शत प्रतिशत देकर देश के लिए मेडल जीतने और मान बढ़ाने के लिए ओलंपिक गए हैं.
आज रेसलर Bajrang Punia का सिल्वर मेडल के लिए मुकाबला था, भारत को सिल्वर मेडल ना दिला पाए हों लेकिन शनिवार को पूरी उम्मीद है कि बजरंग पुनिया भारत को जीत कर ब्रॉन्ज मेडल देंगे. लेकिन बजरंग ने अपने ऊपर घुटने की चोट को हावी नहीं होने दिया, जो उन्हें ट्रेनिंग के दौरान लगी थी.
जैसे ही कल बजरंग ब्रॉन्ज मेडल जीतेंगे उससे सभी को खुशी तो होगी ही और देश का मान बढ़ेगा. उनके कोच ओर उन खिलाड़ियों को भी खुशी होगी जिनके साथ वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं .कहीं ना कहीं इसका श्रेय उनके परिजनों को भी जाता है, जिन्होंने उनके कोच और साथियों को पर भरोसा जताया और उनकी मेहनत कल रंग लाएगी.
- बीएस हुड्डा, बास्केटबॉल कोच,छत्रसाल स्टेडियम
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कोच ने कहा कि पूरा स्टेडियम एक परिवार है, सभी खिलाड़ी एक परिवार की तरह रहते हैं. चाहे वह किसी भी खेल से संबंधित क्यों ना हो, जब मेडल आता है तो देश का नाम ऊंचा होता है और खिलाड़ियों में भी उत्साह बढ़ता है. उन से प्रेरित होकर दूसरे खिलाड़ी भी जी-जान से देश का नाम रोशन करने के लिए मेहनत करते हैं.
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