नई दिल्ली : हवाला की रकम से 2.27 करोड़ रुपए गायब करने के मामले में आरोपी SHO ने अपने ही महकमे पर सवाल खड़े किए हैं. अदालत के समक्ष दायर अग्रिम जमानत याचिका में SHO ने पुलिस पर खुद को फंसाने के आरोप लगाया है. एसएचओ के वकील ने अदालत को बताया कि हवाला कारोबारी की जगह SHO के पीछे पुलिस पड़ी है. इस दलील पर अदालत ने फिलहाल एसएचओ को अग्रिम जमानत दे दी है.
बीते 6 जून की देर शाम पटेल नगर थाने की पुलिस टीम गश्त कर रही थी. इसी दौरान उन्होंने ईस्ट पटेल नगर में दो युवकों को तीन बड़े बैग के साथ देखा. पुलिसकर्मियों ने जब पूछा तो उन्होंने बताया कि बैग में किताबें रखी हुई हैं. उन्होंने जब बैग की तलाशी ली तो उसमें रुपए भरे हुए मिले. मामले की जानकारी एसएचओ को दी गई. मौके पर पहुंचे एसएचओ दोनों युवकों को अपने साथ थाने ले गए. वहां उन्होंने बयान में बताया कि बैग में 5.45 करोड़ रुपए थे, लेकिन मालखाने में मौजूद बैग में केवल 3.18 करोड़ रुपए ही जमा करवाए गए हैं. इसे लेकर वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच शुरू की.
करोड़ों की हवाला रक़म गबन मामले में SHO को जमानत, पुलिस पर लगाया फंसाने का आरोप उन्होंने जब छानबीन की तो पता चला कि यह रकम चांदनी चौक जाने वाली थी. यह भी पता चला कि 2.27 करोड़ रुपए एसएचओ और अन्य पुलिसकर्मियों ने गायब कर दिए हैं. इसके बाद यह रकम उनके पास से बरामद की गई. इस रकम को मालखाने में जमा करवाया गया है. इस मामले में एक्शन लेते हुए पटेल नगर एसएचओ भरत कुमार, एसआई दानवीर और सिपाही कुलदीप के खिलाफ आईपीसी की धारा 509 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में लटक रही गिरफ्तारी की तलवार से बचने के लिए एसएचओ ने तीस हजारी अदालत का दरवाजा खटखटाया.
करोड़ों की हवाला रक़म गबन मामले में SHO को जमानत, पुलिस पर लगाया फंसाने का आरोप आरोपी SHO के वकील ने अदालत को बताया कि इस मामले में हवाला के रुपए पकड़े गए थे. इस रक़म को लेकर पुलिस ने अभी तक कोई जांच नहीं की है. जांच अधिकारी ने उन हवाला कारोबारियों के बारे में कोई छानबीन नहीं की जिनके यह रुपए हैं. दूसरी तरफ वह अपने ही महकमे के एसएचओ के पीछे पड़े हैं. एफआईआर दर्ज करने के बाद उसकी गिरफ्तारी पुलिस करना चाहती है. इस मामले में जब पटेल नगर पुलिस से अदालत ने जानकारी मांगी तो पता चला कि वास्तव में अभी तक हवाला कारोबारी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ है. इसके बाद अदालत ने आरोपी SHO की अग्रिम जमानत स्वीकार कर ली. अदालत ने एसएचओ को निर्देश दिए हैं कि वह जांच में सहयोग करे.