नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने आई बी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या मामले के आरोपी और आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी है. एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया. पिछले 9 जुलाई को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
दो दिनों तक कोर्ट ने दलीलें सुनी थीं
ताहिर हुसैन की ओर से वकील केके मनन और उदिति बाली जबकि दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर मनोज चौधरी और क्राइम ब्रांच के डीसीपी जॉय तिर्की ने दलीलें रखीं थी. कोर्ट ने 8 और 9 जुलाई को दोनों पक्षों की दलीलें सुनी थीं.
पिछले 3 जून को क्राइम ब्रांच ने आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में ताहिर हुसैन समेत दस लोगों को आरोपी बनाया गया है. इस मामले में मुख्य आरोपी सलमान को बनाया गया है.
अंकित शर्मा को टारगेट किया गया था
क्राइम ब्रांच की चार्जशीट में कहा गया कि 24 और 25 फरवरी को ताहिर हुसैन ने अपने घर और चांद बाग पुलिया के पास मस्जिद से भीड़ का नेतृत्व किया. उसे सांप्रदायिक रुप दिया. चार्जशीट में कहा गया था कि अंकित शर्मा हत्या के लिए साजिश रची गई थी.
अंकित शर्मा को ताहिर हुसैन के नेतृत्व में भीड़ ने खास रुप से टारगेट किया. खजूरी खास इलाके में ताहिर हुसैन के घर के बाहर वारदात हुई. शर्मा की हत्या के बाद भीड़ ने एक नाले में लाश फेंक दी.
पुलिस ने दावा किया कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि कुछ लोग लाश नाले में फेंक रहे हैं. डॉक्टरों ने पाया था कि तेज धार वाले हथियार से 51 हमलों के निशान हैं. ताहिर ने ही चांद बाग इलाके में भीड़ को उकसाया.
ताहिर हुसैन को मास्टरमाइंड बताया
दिल्ली हिंसा के मामले में पिछले 2 जून को क्राइम ब्रांच ने कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. जिसमें ताहिर हुसैन को मास्टरमाइंड बताया गया है. दिल्ली पुलिस ने अंकित के पिता के बयान पर ताहिर हुसैन के खिलाफ केस दर्ज किया है.
ताहिर हुसैन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 365, 201 और धारा 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. उसकी छत से काफी मात्रा में हिंसा में इस्तेमाल किया गया सामान मिला है.