नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के दौरान खजूरी इलाके में एक मस्जिद को नुकसान पहुंचाने समेत तमाम जगहों पर उपद्रव मचाने और आगजनी के मामले के आरोपी जॉनी कुमार और उसके पुत्र मीथन की जमानत याचिका खारिज कर दिया है. एडिशनल सेशंस जज ने कहा कि इस मामले में जांच अभी जारी है, इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती है.
'आरोपी की पहचान नहीं हुई है'
आरोपी जॉनी कुमार ने अपनी मां की बीमारी का हवाला देते हुए जमानत की मांग की थी. सुनवाई के दौरान जॉनी के वकील ने कहा कि वो खुद हिंसा का शिकार है. उन्होंने कहा कि आरोपी को झूठे मामले में फंसाया गया है. इस मामले में न तो आरोपी की पहचान हुई है और न ही उसे किसी सीसीटीवी फुटेज में हिंसा करते या भड़काते हुए देखा जा सकता है.
मस्जिद को नुकसान पहुंचाने का आरोप
आरोपी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि कांस्टेबल प्रदीप ने आरोपी जॉनी कुमार की पहचान की थी. वहीं आरोपी ने कई घरों में आग लगाई थी. इस मामले में अभी जांच जारी है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस मामले में अभी कई और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है. दोनों पर खजूरी खास इलाके में फातिमा मस्जिद को नुकसान पहुंचाने और दूसरे जगहों पर उपद्रव मचाने और आगजनी के आरोप हैं.