ETV Bharat / state

इस मंदिर में स्थापित है एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पारद शिवलिंग, सावन में लगती है शिवभक्तों की कतार

सावन के महीने में शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहता है. ऐसा ही मंदिर है दिल्ली का सात मंजिला मंदिर. इस मंदिर की सबसे खास बात है कि यहां एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पारद शिवलिंग स्थापित किया गया है. आइए जानते हैं मंदिर के बारे में विस्तार से.

Asia second largest Parad Shivling
Asia second largest Parad Shivling
author img

By

Published : Jul 4, 2023, 6:15 AM IST

पुजारी सुनील शास्त्री

नई दिल्ली: भगवान भोलेनाथ का प्रिय सावन माह मंगलवार, चार जुलाई से शुरू हो रहा है. इस महीने में कांवड़िया भोलेनाथ पर जल चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. लोगों का मानना है कि इससे मनोकामनाएं पूर्ण होती है. वैसे तो भोलेनाथ की हर प्रतिमा आपने आप में अनोखी होती है, लेकिन हम आज आपको ऐसे शिवलिंग के बारे में बताने जा रहे हैं, जो एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पारद शिवलिंग है.

दरअसल पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर मार्केट और रिहायशी क्षेत्र के बीच स्थित है सात मंजिला मंदिर. यहां हर समय श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. इस मंदिर में भगवान शिव का विशालकाय पारद शिवलिंग मौजूद है. इस शिवलिंग वजन 151 किलो है. मान्यता है कि पारद शिवलिंग का पूजन करने से व्यक्ति को आरोग्य के साथ सफलता प्राप्त होती है. शिवालय के पुजारी सुनील शास्त्री ने ईटीवी भारत को बताया कि यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पारद शिवलिंग है. इस शिवलिंग को 15 वर्ष पहले यहां स्थापित किया गया था.

उन्होंने बताया कि यह मंदिर 110 साल पुराना होने से साथ, वेस्ट दिल्ली का सबसे बड़ा मंदिर भी है. मंदिर में शिवलिंग का फूलों से श्रृंगार किए जाने के साथ रुद्राभिषेक भी किया जाता है. सावन मास में यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पारद शिवलिंग पर जलार्पण करने पहुंचते हैं. मंदिर कमेटी द्वारा सावन में आने वाले कांवड़ियों के लिए खास इंतजाम किया जाता है. इसमें उनके रहने-खाने की व्यवस्था के साथ चाय, नाश्ता, दूध और तीन टाइम के भोजन का इंतजाम किया जाता है. पुजारी ने आगे बताया कि मंदिर में सुबह से दोपहर 12 बजे तक शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जाता है. वहीं शाम को फूलों का अभिषेक किया जाता है.

रोज होता है भंडारा: पुजारी ने बताया कि मंदिर में साल के 365 दिन भक्तों के लिए तीन पहर के भंडारे का इंतजाम किया जाता है. इसके अलावा मंदिर में 25 पुजारी कार्यरत हैं, जिनके रहने खाने का इंतजाम भी मंदिर में ही है.

मंदिर का इतिहास: इस मंदिर का निर्माण सनातन धर्म सभा ने कराया था. वहीं इसका उद्घाटन, भारत साधु समाज के अध्यक्ष गुरुचरण दास महामंडलेश्वर ने किया था. मंदिर का निर्माण हरिद्वार स्थित भारत माता के सात मंजिला मंदिर की तर्ज पर कराया गया था.

मंदिर की विशेषता: मंदिर का ग्राउंड फ्लोर, पांच अलग-अलग परिसर मे बंटा हुआ है. इसमें मां दुर्गा का एक बड़ा हॉल, धर्मशाला, नवग्रह धाम, शिव मंदिर और अस्पताल है. इसका मुख्य आकर्षण प्रार्थना हॉल के शीर्ष पर राधाकृष्ण और सिताराम जी के साथ लगाई गई सूर्य देव की मूर्ति है. इसके अलावा मंदिर की सातों मंजिलों पर सात अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा होती है. यहां पर मां दुर्गा का मंदिर निचले तल पर है, जहां हर नवरात्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है. मंदिर प्रांगण में एक डिस्पेंसरी और एक वर वधु विभाग केंद्र भी है. साथ ही यहां पर 12 घंटे भजन कीर्तन और प्रसाद वितरण होता है.

यह भी पढ़ें-Sawan Somvar 2023: दूधेश्वरनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक के लिए चार सोमवार की बुकिंग फुल, उमड़ेगा भक्तों का सैलाब

ऐसे पहुंचें मंदिर: अगर आप भी इस बार सावन में पारद शिवलिंग के दर्शन करना चाहते हैं तो सात मंजिला मंदिर जा सकते हैं. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए तिलक नगर मुख्य बाजार से पैदल या रिक्शा के माध्यम से जाया जा सकता है. वहीं पास में ही तिलक नगर मेट्रो स्टेशन और बस स्टैंड भी है.

यह भी पढ़ें-12 Jyotirlinga Darshan: श्री गौरी शंकर मंदिर में जल्द 12 ज्योतिर्लिंगों के साक्षात दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

पुजारी सुनील शास्त्री

नई दिल्ली: भगवान भोलेनाथ का प्रिय सावन माह मंगलवार, चार जुलाई से शुरू हो रहा है. इस महीने में कांवड़िया भोलेनाथ पर जल चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. लोगों का मानना है कि इससे मनोकामनाएं पूर्ण होती है. वैसे तो भोलेनाथ की हर प्रतिमा आपने आप में अनोखी होती है, लेकिन हम आज आपको ऐसे शिवलिंग के बारे में बताने जा रहे हैं, जो एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पारद शिवलिंग है.

दरअसल पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर मार्केट और रिहायशी क्षेत्र के बीच स्थित है सात मंजिला मंदिर. यहां हर समय श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. इस मंदिर में भगवान शिव का विशालकाय पारद शिवलिंग मौजूद है. इस शिवलिंग वजन 151 किलो है. मान्यता है कि पारद शिवलिंग का पूजन करने से व्यक्ति को आरोग्य के साथ सफलता प्राप्त होती है. शिवालय के पुजारी सुनील शास्त्री ने ईटीवी भारत को बताया कि यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पारद शिवलिंग है. इस शिवलिंग को 15 वर्ष पहले यहां स्थापित किया गया था.

उन्होंने बताया कि यह मंदिर 110 साल पुराना होने से साथ, वेस्ट दिल्ली का सबसे बड़ा मंदिर भी है. मंदिर में शिवलिंग का फूलों से श्रृंगार किए जाने के साथ रुद्राभिषेक भी किया जाता है. सावन मास में यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पारद शिवलिंग पर जलार्पण करने पहुंचते हैं. मंदिर कमेटी द्वारा सावन में आने वाले कांवड़ियों के लिए खास इंतजाम किया जाता है. इसमें उनके रहने-खाने की व्यवस्था के साथ चाय, नाश्ता, दूध और तीन टाइम के भोजन का इंतजाम किया जाता है. पुजारी ने आगे बताया कि मंदिर में सुबह से दोपहर 12 बजे तक शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जाता है. वहीं शाम को फूलों का अभिषेक किया जाता है.

रोज होता है भंडारा: पुजारी ने बताया कि मंदिर में साल के 365 दिन भक्तों के लिए तीन पहर के भंडारे का इंतजाम किया जाता है. इसके अलावा मंदिर में 25 पुजारी कार्यरत हैं, जिनके रहने खाने का इंतजाम भी मंदिर में ही है.

मंदिर का इतिहास: इस मंदिर का निर्माण सनातन धर्म सभा ने कराया था. वहीं इसका उद्घाटन, भारत साधु समाज के अध्यक्ष गुरुचरण दास महामंडलेश्वर ने किया था. मंदिर का निर्माण हरिद्वार स्थित भारत माता के सात मंजिला मंदिर की तर्ज पर कराया गया था.

मंदिर की विशेषता: मंदिर का ग्राउंड फ्लोर, पांच अलग-अलग परिसर मे बंटा हुआ है. इसमें मां दुर्गा का एक बड़ा हॉल, धर्मशाला, नवग्रह धाम, शिव मंदिर और अस्पताल है. इसका मुख्य आकर्षण प्रार्थना हॉल के शीर्ष पर राधाकृष्ण और सिताराम जी के साथ लगाई गई सूर्य देव की मूर्ति है. इसके अलावा मंदिर की सातों मंजिलों पर सात अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा होती है. यहां पर मां दुर्गा का मंदिर निचले तल पर है, जहां हर नवरात्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है. मंदिर प्रांगण में एक डिस्पेंसरी और एक वर वधु विभाग केंद्र भी है. साथ ही यहां पर 12 घंटे भजन कीर्तन और प्रसाद वितरण होता है.

यह भी पढ़ें-Sawan Somvar 2023: दूधेश्वरनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक के लिए चार सोमवार की बुकिंग फुल, उमड़ेगा भक्तों का सैलाब

ऐसे पहुंचें मंदिर: अगर आप भी इस बार सावन में पारद शिवलिंग के दर्शन करना चाहते हैं तो सात मंजिला मंदिर जा सकते हैं. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए तिलक नगर मुख्य बाजार से पैदल या रिक्शा के माध्यम से जाया जा सकता है. वहीं पास में ही तिलक नगर मेट्रो स्टेशन और बस स्टैंड भी है.

यह भी पढ़ें-12 Jyotirlinga Darshan: श्री गौरी शंकर मंदिर में जल्द 12 ज्योतिर्लिंगों के साक्षात दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.