नई दिल्ली/नोएडा: वर्ष 2020 में दिल्ली पुलिस की आरक्षी भर्ती परीक्षा में स्वयं के स्थान पर सॉल्वर बैठाकर परीक्षा दिलवाने तथा परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसे मंगलवार को STF और थाना सेक्टर-58 पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया गया है. इसपर 25 हजार रुपये का इनाम भी है. पकड़े गए आरोपी का नाम नितिन कुमार है और यह पलवल हरियाणा का रहने वाला है, जिसको थाना क्षेत्र के सेक्टर-62 का गोल चक्कर से गिरफ्तार किया गया.
एसपी एसटीएफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश राजकुमार मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी नितिन कुमार ने पूछताछ पर बताया कि उसकी आयु लगभग 23 वर्ष है और वह 12 वीं पास है. आरोपी ने बताया कि उसके ही गांव का दिनेश चौधरी प्रतियोगी परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाकर परीक्षाओं में धांधली करने वाले गैंग से जुड़ा हुआ है. इस गैंग का गैंग लीडर दिनेश कुमार प्रजापति है.
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वर्ष 2020 में आरोपी नितिन कुमार ने दिल्ली पुलिस के आरक्षी भर्ती परीक्षा के लिए अपना फार्म भरा था. साथ ही वह इस परीक्षा के लिए अभ्यर्थी ढूंढने का भी काम कर रहा था. इस परीक्षा में वास्तविक अभ्यर्थी शिवकुमार के स्थान पर अर्पित व प्रवीण कुमार के स्थान पर दिनेश चौधरी तथा वास्तविक अभ्यर्थी नितिन कुमार के स्थान पर अमन परीक्षा देने जा रहा था. जो तीनों मौके से पकड़े गये. इस सम्बन्ध में थाना सेक्टर-58 पर मुकदमा पंजीकृत हुआ था. इस मामले में नितिन तभी से फरार चल रहा था और अब गिरफ्तारी हुई है.
एसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी नितिन कुमार ने यह भी बताया कि इस गैंग के सदस्य वास्तविक परीक्षार्थियों के स्थान पर बैठने वाले सॉल्वर की फोटो को एडिट करके परीक्षार्थी से मिलता जुलता फोटो बना देते हैं. फिर इन्हीं फोटो का प्रयोग यह लोग फार्म भरने आदि में करते हैं.
19 लाख की ठगी करने वाले दंपत्ति गिरफ्तार
वहीं एक दूसरे मामले में, थाना सेक्टर-58 नोएडा पुलिस ने मंगलवार को 19 लाख का घोटाला कर फरार चल रहे दंपत्ति को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान विशाल गुप्ता और शिखा गुप्ता के रूप में हुई है. इन्होने 2022 में यह घोटाला किया था.
पुलिस ने बताया कि पीड़ित ने थाने पर मुकदमा दर्ज कराया गया, जिसमें बताया गया कि पीड़ित ने PEARL APPARELS INC के नाम से रेडीमेड गारमेंट का व्यापार से करते हैं. उनकी मुलाकात शिखा गुप्ता प्रोपराइटर से हुई. शिखा गुप्ता और उसके पति विशाल गुप्ता ने पीड़ित को बताया कि उसके पास रेडीमेड गारमेंट के बहुत सारे विदेशी और भारत मे विभिन्न जगहों पर खरीददार हैं तथा उनकी एक बहुत बड़ी कंपनी है, जिसको वह अपने पति विशाल गुप्ता के साथ मिलकर सेक्टर-63 से संचालित करती है.
शिखा गुप्ता और उसके पति विशाल गुप्ता ने पीड़िता को विश्वास दिलाया कि अगर वह उनके साथ व्यापार करते हैं तो उन्हें वह बहुत सारे विदेशी खरीदारों से ऑर्डर दिला सकते हैं. इस बात पर विश्वास कर दिनांक 10 अप्रैल 2019 को शिखा गुप्ता और विशाल गुप्ता ने कंपनी को एक परचेज ऑर्डर रेडीमेड गारमेंट की एक शिपमेंट इटली भेजने के लिए भेजा गया. इसकी कुल कीमत लगभग 19 लाख रुपए थी. शिखा गुप्ता और पति विशाल गुप्ता द्वारा बताया गया कि जैसे ही कंपनी द्वारा माल की डिलीवरी की जाएगी, उस माल का तुरंत पैसा अदा कर दिया जाएगा.
शिखा गुप्ता और उसके पति विशाल गुप्ता पर विश्वास करते हुए पहली शिपमेंट 22 जनवरी 2020 को और दूसरी शिपमेंट 7 फरवरी 2020 को इटली भेज दिया. पूरी शिपमेंट की डिलीवरी करने के पश्चात जब पैसों की मांग की गई तो हर बार शिखा गुप्ता और विशाल गुप्ता ने टाल दिया और कोई न कोई बहाना बना दिया. बाद में पीड़िता को खुद के साथ ठगी होने का एहसास हुआ और उसने इसकी सूचना पुलिस को दी.
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