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अर्पित होटल अग्निकांड: नप सकते हैं कई बड़े अधिकारी, क्राइम ब्रांच कर रही है तैयारी - करोल बाग होटल अर्पित अग्निकांड

क्राइम ब्रांच करोल बाग के अर्पित होटल अग्निकांड मामले में उन सभी अधिकारियों से पूछताछ करेगी जिन्होंने 1981 से लेकर अब तक इस होटल को लाइसेंस दिया या लाइसेंस को रिन्यू किया.

अर्पित होटल
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Published : Oct 11, 2019, 2:38 PM IST

नई दिल्ली: करोल बाग के अर्पित होटल अग्निकांड मामले में पुलिस जल्द ही निगम एवं दमकल अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है. क्राइम ब्रांच उन सभी अधिकारियों से पूछताछ करेगी जिन्होंने 1981 से लेकर अब तक इस होटल को लाइसेंस दिया या लाइसेंस को रिन्यू किया.

अर्पित होटल अग्निकांड मामले में नप सकते हैं कई बड़े अधिकारी

इन अधिकारियों से पूछताछ के लिए पुलिस टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति मांगी है. उधर इस मामले में गिरफ्तार किए गए होटल मालिक सहित सभी चार आरोपी जमानत पर बाहर आ चुके हैं. इस आगजनी में 17 लोगों की मौत हो गई थी.

सबसे पहले वर्ष 2002 में लाइसेंस का आवेदन किया गया
अर्पित होटल अग्निकांड की जांच फिलहाल क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट द्वारा की जा रही है. इस जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस होटल के लिए सबसे पहले वर्ष 2002 में लाइसेंस का आवेदन किया गया था. उस समय निगम ने यह कहते हुए लाइसेंस देने से इनकार कर दिया था कि यहां पर इमारत के ऊपर एक मंजिल ज्यादा बनी हुई है जो नियमों के खिलाफ है. कुछ समय बाद बिना इमारत को छोटा किये दोबारा आवेदन किया गया. इस बार निगम की तरफ से यहां होटल चलाने की मंजूरी दे दी गई थी.

arpit hotel fire case Karol Bagh
अर्पित होटल अग्निकांड के बाद का दृश्य

18 साल से कैसे चल रहा था होटल
मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच तत्कालीन निगम अधिकारी एवं दमकल अधिकारी को पूछताछ के लिए बुलाएगी. इतना ही नहीं इसके बाद जब-जब लाइसेंस को रिन्यू किया गया तो उस समय जांच हुई या नहीं, इसका भी पता लगाया जाएगा. इसके लिए उन सभी अधिकारियों से पूछताछ होगी जिनके पास बीते 18 वर्षों में यह इलाका रहा है. इसके लिए क्राइम ब्रांच ने वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति मांगी है. अधिकारियों की हरी झंडी मिलते ही इनसे पूछताछ शुरू होगी.

arpit hotel fire case Karol Bagh
अर्पित होटल अग्निकांड के बाद का दृश्य

अधिकारियों की गिरफ्तारी भी है संभव
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस अग्निकांड में निगम एवं दमकल विभाग के अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे हैं. पूछताछ के दौरान अगर पुलिस को इनके खिलाफ कोई अहम साक्ष्य मिले तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है. अभी तक इस मामले में होटल के मालिक बंधुओं सहित 4 लोग गिरफ्तार किये गए थे जिन्हें अदालत से जमानत मिल चुकी है.

arpit hotel fire case Karol Bagh
अर्पित होटल

एसी से लगी आग ने जलाया होटल
अभी तक की जांच में यह सामने आया है कि होटल के एक कमरे में लगे एसी के शार्ट सर्किट से आग शुरू हुई थी, जिसने धीरे-धीरे पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया. क्राइम ब्रांच ने इस पूरे होटल की 3डी मैपिंग भी करवाई है ताकि साक्ष्य सुरक्षित किए जा सके. क्राइम ब्रांच का कहना है कि इस मामले में वह अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल कर चुके हैं. आगे की छानबीन चल रही है और समय आने पर पूरक आरोपपत्र भी दाखिल किए जाएंगे.

नई दिल्ली: करोल बाग के अर्पित होटल अग्निकांड मामले में पुलिस जल्द ही निगम एवं दमकल अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है. क्राइम ब्रांच उन सभी अधिकारियों से पूछताछ करेगी जिन्होंने 1981 से लेकर अब तक इस होटल को लाइसेंस दिया या लाइसेंस को रिन्यू किया.

अर्पित होटल अग्निकांड मामले में नप सकते हैं कई बड़े अधिकारी

इन अधिकारियों से पूछताछ के लिए पुलिस टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति मांगी है. उधर इस मामले में गिरफ्तार किए गए होटल मालिक सहित सभी चार आरोपी जमानत पर बाहर आ चुके हैं. इस आगजनी में 17 लोगों की मौत हो गई थी.

सबसे पहले वर्ष 2002 में लाइसेंस का आवेदन किया गया
अर्पित होटल अग्निकांड की जांच फिलहाल क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट द्वारा की जा रही है. इस जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस होटल के लिए सबसे पहले वर्ष 2002 में लाइसेंस का आवेदन किया गया था. उस समय निगम ने यह कहते हुए लाइसेंस देने से इनकार कर दिया था कि यहां पर इमारत के ऊपर एक मंजिल ज्यादा बनी हुई है जो नियमों के खिलाफ है. कुछ समय बाद बिना इमारत को छोटा किये दोबारा आवेदन किया गया. इस बार निगम की तरफ से यहां होटल चलाने की मंजूरी दे दी गई थी.

arpit hotel fire case Karol Bagh
अर्पित होटल अग्निकांड के बाद का दृश्य

18 साल से कैसे चल रहा था होटल
मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच तत्कालीन निगम अधिकारी एवं दमकल अधिकारी को पूछताछ के लिए बुलाएगी. इतना ही नहीं इसके बाद जब-जब लाइसेंस को रिन्यू किया गया तो उस समय जांच हुई या नहीं, इसका भी पता लगाया जाएगा. इसके लिए उन सभी अधिकारियों से पूछताछ होगी जिनके पास बीते 18 वर्षों में यह इलाका रहा है. इसके लिए क्राइम ब्रांच ने वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति मांगी है. अधिकारियों की हरी झंडी मिलते ही इनसे पूछताछ शुरू होगी.

arpit hotel fire case Karol Bagh
अर्पित होटल अग्निकांड के बाद का दृश्य

अधिकारियों की गिरफ्तारी भी है संभव
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस अग्निकांड में निगम एवं दमकल विभाग के अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे हैं. पूछताछ के दौरान अगर पुलिस को इनके खिलाफ कोई अहम साक्ष्य मिले तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है. अभी तक इस मामले में होटल के मालिक बंधुओं सहित 4 लोग गिरफ्तार किये गए थे जिन्हें अदालत से जमानत मिल चुकी है.

arpit hotel fire case Karol Bagh
अर्पित होटल

एसी से लगी आग ने जलाया होटल
अभी तक की जांच में यह सामने आया है कि होटल के एक कमरे में लगे एसी के शार्ट सर्किट से आग शुरू हुई थी, जिसने धीरे-धीरे पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया. क्राइम ब्रांच ने इस पूरे होटल की 3डी मैपिंग भी करवाई है ताकि साक्ष्य सुरक्षित किए जा सके. क्राइम ब्रांच का कहना है कि इस मामले में वह अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल कर चुके हैं. आगे की छानबीन चल रही है और समय आने पर पूरक आरोपपत्र भी दाखिल किए जाएंगे.

Intro:नई दिल्ली मध्य जिला
करोल बाग के अर्पित होटल अग्निकांड मामले में पुलिस जल्द ही निगम एवं दमकल अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है. क्राइम ब्रांच उन सभी अधिकारियों से पूछताछ करेगी जिन्होंने 1981 से लेकर अब तक इस होटल को लाइसेंस दिया या लाइसेंस को रिन्यू किया. इन अधिकारियों से पूछताछ के लिए पुलिस टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति मांगी है. उधर इस मामले में गिरफ्तार किए गए होटल मालिक सहित सभी चार आरोपी जमानत पर बाहर आ चुके हैं. इस आगजनी में 17 लोगों की मौत हो गई थी.


Body:अर्पित होटल अग्निकांड की जांच फिलहाल क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट द्वारा की जा रही है. इस जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस होटल के लिए सबसे पहले वर्ष 2002 में लाइसेंस का आवेदन किया गया था. उस समय निगम ने यह कहते हुए लाइसेंस देने से इनकार कर दिया था कि यहां पर इमारत के ऊपर एक मंजिल ज्यादा बनी हुई है जो नियमों के खिलाफ है. कुछ समय बाद बिना इमारत को छोटा किये दोबारा आवेदन किया गया. इस बार निगम की तरफ से यहां होटल चलाने की मंजूरी दे दी गई थी.


18 साल से कैसे चल रहा था होटल
मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच तत्कालीन निगम अधिकारी एवं दमकल अधिकारी को पूछताछ के लिए बुलाएगी. इतना ही नहीं इसके बाद जब-जब लाइसेंस को रिन्यू किया गया तो उस समय जांच हुई या नहीं, इसका भी पता लगाया जाएगा.इसके लिए उन सभी अधिकारियों से पूछताछ होगी जिनके पास बीते 18 वर्षों में यह इलाका रहा है. इसके लिए क्राइम ब्रांच ने वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति मांगी है. अधिकारियों की हरी झंडी मिलते ही इनसे पूछताछ शुरु होगी.


अधिकारियों की गिरफ्तारी भी है संभव
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस अग्निकांड में निगम एवं दमकल विभाग के अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे हैं. पूछताछ के दौरान अगर पुलिस को इनके खिलाफ कोई अहम साक्ष्य मिले तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है. अभी तक इस मामले में होटल के मालिक बंधुओं सहित 4 लोग गिरफ्तार किये गए थे जिन्हें अदालत से जमानत मिल चुकी है.




Conclusion:एसी से लगी आग ने जलाया होटल
अभी तक की जांच में यह सामने आया है कि होटल के एक कमरे में लगे एसी के शार्ट सर्किट से आग शुरू हुई थी, जिसने धीरे-धीरे पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया. क्राइम ब्रांच ने इस पूरे होटल की 3डी मैपिंग भी करवाई है ताकि साक्ष्य सुरक्षित किए जा सके. क्राइम ब्रांच का कहना है कि इस मामले में वह अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल कर चुके हैं. आगे की छानबीन चल रही है और समय आने पर पूरक आरोपपत्र भी दाखिल किए जाएंगे.
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