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Delhi Mayor Election: इन वजहों से नहीं हो पा रहा मेयर का चुनाव, जानें AAP और BJP के तर्क

दिल्ली के लोगों को मेयर के लिए अभी और इंतजार करना होगा, क्योंकि एमसीडी सदन की कार्यवाही लगातार तीसरी बार स्थगित कर दी गई. जिस वजह से मेयर का चुनाव नहीं हो सका. आइए जानते हैं कि आखिर तीनों कार्यवाहियों को स्थगित करने की क्या वजहें रहीं और मेयर न चुने जाने को लेकर दोनों पार्टियों के अपने-अपने क्या तर्क हैं?

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Published : Feb 6, 2023, 4:46 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में मेयर का चुनाव सोमवार को एक बार फिर टल गया. इस तरह हंगामे के चलते लगातार तीसरी बार सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई और इस तरह दिल्ली को एक बार फिर मेयर नहीं मिल सका. चुनाव न होने को लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करती रही हैं. दोनों पार्टियों के अपने-अपने तर्क हैं.

पिछली तीन बैठकों में कार्यवाही स्थगित करने के कारणः

  1. पहली बैठकः आम आदमी पार्टी ने पहली बैठक में मनोनीत सदस्यों के मनोनीत होने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था.
  2. दूसरी बैठकः पीठासीन अधिकारी द्वारा निर्वाचित पार्षदों से पहले मनोनीत पार्षदों को शपथ दिलाने के मुद्दे को लेकर आप के हंगामे की वजह से दूसरी बार सदन की कार्यवाही स्थगित.
  3. तीसरी बैठकः पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा द्वारा मनोनीत पार्षदों को मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव में वोट देने की बात पर हंगामे के चलते सदन स्थगित

आम आदमी पार्टी के तीन तर्कः

  1. बीजेपी अपना मेयर बनाने की कोशिश कर रही है. तीसरी बार भी आप पार्षदों को तोड़ने की कोशिश नाकाम रहने पर बैठक स्थगित कर दी.
  2. पीठासीन अधिकारी द्वारा मनोनीत पार्षदों को चुनाव में वोटिंग का अधिकार देकर बीजेपी ने पक्षपात किया.
  3. दिल्ली म्युनिसिपल एक्ट की अनदेखी कर एक साथ मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति सदस्यों का चुनाव कराना गलत.

ये भी पढ़ेंः MCD Mayor Election: दिल्ली नगर निगम मेयर का चुनाव लगातार तीसरी बार टला

भारतीय जनता पार्टी के तीन तर्कः

  1. आम आदमी पार्टी को डर है कि उनके पार्षद मेयर चुनाव में बीजेपी के पक्ष में न वोट डाल दें, इसलिए वह सदन की बैठक नहीं होने देना चाहती.
  2. आप उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त पीठासीन अधिकारी और मनोनीत पार्षदों से असहज महसूस कर रही है. दूसरी बैठक में भी इनके शपथ ग्रहण पर आप ने हंगामा किया ताकि मेयर चुनाव टल जाए.
  3. मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी के सजायाफ्ता विधायकों को वोटिंग से बाहर करने की मांग की, जिससे हंगामा शांत नहीं हुआ.

ये भी पढ़ेंः कानून के तहत हो मेयर का चुनाव, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी दिल्ली सरकारः मनीष सिसोदिया

नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में मेयर का चुनाव सोमवार को एक बार फिर टल गया. इस तरह हंगामे के चलते लगातार तीसरी बार सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई और इस तरह दिल्ली को एक बार फिर मेयर नहीं मिल सका. चुनाव न होने को लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करती रही हैं. दोनों पार्टियों के अपने-अपने तर्क हैं.

पिछली तीन बैठकों में कार्यवाही स्थगित करने के कारणः

  1. पहली बैठकः आम आदमी पार्टी ने पहली बैठक में मनोनीत सदस्यों के मनोनीत होने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था.
  2. दूसरी बैठकः पीठासीन अधिकारी द्वारा निर्वाचित पार्षदों से पहले मनोनीत पार्षदों को शपथ दिलाने के मुद्दे को लेकर आप के हंगामे की वजह से दूसरी बार सदन की कार्यवाही स्थगित.
  3. तीसरी बैठकः पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा द्वारा मनोनीत पार्षदों को मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव में वोट देने की बात पर हंगामे के चलते सदन स्थगित

आम आदमी पार्टी के तीन तर्कः

  1. बीजेपी अपना मेयर बनाने की कोशिश कर रही है. तीसरी बार भी आप पार्षदों को तोड़ने की कोशिश नाकाम रहने पर बैठक स्थगित कर दी.
  2. पीठासीन अधिकारी द्वारा मनोनीत पार्षदों को चुनाव में वोटिंग का अधिकार देकर बीजेपी ने पक्षपात किया.
  3. दिल्ली म्युनिसिपल एक्ट की अनदेखी कर एक साथ मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति सदस्यों का चुनाव कराना गलत.

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भारतीय जनता पार्टी के तीन तर्कः

  1. आम आदमी पार्टी को डर है कि उनके पार्षद मेयर चुनाव में बीजेपी के पक्ष में न वोट डाल दें, इसलिए वह सदन की बैठक नहीं होने देना चाहती.
  2. आप उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त पीठासीन अधिकारी और मनोनीत पार्षदों से असहज महसूस कर रही है. दूसरी बैठक में भी इनके शपथ ग्रहण पर आप ने हंगामा किया ताकि मेयर चुनाव टल जाए.
  3. मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी के सजायाफ्ता विधायकों को वोटिंग से बाहर करने की मांग की, जिससे हंगामा शांत नहीं हुआ.

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