नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्रदूषण के मामले में रेड जोन में पहुंच गया है. रविवार को ग्रेटर नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा. दिनभर आसमान में धुंध की परत छाई थी. शहर में लगातार बढ़ रहा एक्यूआई चिंता का विषय बना हुआ है. प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी एंड मैनेजमेंट ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान -2 (ग्रैप) लागू कर दिया.
सर्दी के मौसम की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण का भी असर अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. दोनों ही शहरों में सुबह से ही धुंध की परत छाई रही. 24 घंटों में नोएडा के AQI में 55 और ग्रेटर नोएडा में 65 अंक की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. ग्रैप-2 में पिछले साल ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा देश के सबसे अधिक प्रदूषित शहर की कैटिगरी में थे. 22 अक्टूबर 2022 में ग्रेटर नोएडा एनसीआर में सबसे प्रदूषण रहा था. इसके बाद ही 27 अक्टूबर को ग्रेटर नोएडा वेस्ट इसी कैटिगरी में पहुंच गया. नवंबर में स्थिति में कुछ सुधार हुआ था.
सोमवार को धूप निकलने के बाद भी हर तरफ धुंध नजर आया. प्रदूषण का ग्राफ बढ़ने के चलते सुबह घरों से निकलने वाले बुजुर्ग और बच्चे ना के बराबर सड़कों पर देखे गए. वहीं, टहलने वालों की भी कम थी. इस साल पलूशन को नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे सभी प्रयास असफल दिख रहे हैं. अक्टूबर में ग्रेटर नोएडा की हवा दूसरी और नोएडा की पहली बार रेड जोन में दर्ज हुई है. हवा की गति धीमी होने के बाद शहर का AQI तेजी से बढ़ रहा है. लोगों को अब खुल हवा में सांस लेने में मुश्किल हो रही हैं.
तेजी से बढ़ते प्रदूषण के लेवल को देखते हुए डॉक्टर NK शर्मा ने कहा कि, "प्रदूषण का असर सबसे अधिक छोटे बच्चे और बुजुर्गों पर पड़ेगा. ऐसे लोगों को घर पर रहकर दिन में कम से कम दो बार नेबुलाइज होने की जरूर है.
यह भी पढ़ें- Air Quality Index: मुंबई के AQI के लिए खतरे की घंटी, दिल्ली की हवा भी हुई जहरीली
यह भी पढ़ें-Weather Update : दिल्ली-NCR में बढ़ा पॉल्यूशन, जानिए कैसा रहेगा आज राजधानी का मौसम ?