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LG ने 10 BJP नेताओं को मनोनीत किया पार्षद, केजरीवाल बोले- ये गैरकानूनी

दिल्ली मेयर के चुनाव से पहले LG और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल में ठन गई है. केजरीवाल ने LG के 10 मनोनीत पार्षदों के नामों पर आपत्ति जताई है. साथ ही पत्र लिखकर उनको आदेश वापस लेने को कहा है.

10 मनोनीत पार्षदों के नामों पर आपत्ति
10 मनोनीत पार्षदों के नामों पर आपत्ति
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Published : Jan 5, 2023, 5:30 PM IST

Updated : Jan 5, 2023, 6:40 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (MCD) सदन की शुक्रवार को पहली बैठक है. नवनिर्वाचित सभी पार्षद पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे. उसके तुरंत बाद सदन में मेयर का चुनाव होगा, लेकिन इससे ठीक पहले दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच फिर ठन गई है. उपराज्यपाल की ओर से 10 मनोनीत पार्षदों के नाम तय करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आपत्ति जताई है. उन्होंने इस संबंध में उपराज्यपाल विनय सक्सेना को पत्र लिखकर कहा है कि वह दोबारा से इन नामों पर विचार करें. जिन लोगों को मनोनीत किया गया है, इस संबंध में जारी आदेश वापस लें.

साथ ही दिल्ली सरकार ने मेयर चुनाव के लिए बीजेपी की पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने पर भी आपत्ति जताई हैं. दिल्ली सरकार ने पीठासीन अधिकारी के लिए आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल के नाम का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजा था. जबकि, उपराज्यपाल ने गुरुवार को बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा (पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर रह चुकी हैं) को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का आदेश दे दिया.

केजरीवाल ने ट्वीट कर बोला हमला.
केजरीवाल ने ट्वीट कर बोला हमला.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली कंझावला केस: दिल्ली पुलिस के जवाब से DCW असंतुष्ट, केस CBI को ट्रांसफर करने की मांग



डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने भी गुरुवार को निगम कमिश्नर को कड़ा पत्र लिखते हुए कहा है कि बिना सरकार की सहमति के उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत पार्षदों को उन्होंने क्यों संज्ञान में लिया. उन्होंने निगम कमिश्नर को निर्देश दिया है कि बिना सरकार की सहमति के वह कोई ऐसा काम न करें. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री का आरोप है कि दिल्ली सरकार को बायपास कर उपराज्यपाल ने असंवैधानिक तरीके से एमसीडी के मनोनीत पार्षदों की अधिसूचना जारी की है. जबकि, एमसीडी में 10 मनोनीत पार्षद होते हैं, जिनके नाम एक प्रक्रिया के तहत हमेशा से दिल्ली सरकार एलजी को भेजती हैं, फिर सरकार कांग्रेस की रही हो या आप की. इनका आरोप है कि एलजी का यह प्रयास है कि स्टैंडिंग कमिटी में किसी तरह से भाजपा के लोगों को भरा जाए और वहां पर एमसीडी की नीतियों में रोड़ा डाला जाए.

CM केजरीवाल ने लिखा पत्र.
CM केजरीवाल ने लिखा पत्र.
CM केजरीवाल ने लिखा पत्र.
CM केजरीवाल ने लिखा पत्र.
मनीष सिसोदिया ने भी लिखा पत्र.
मनीष सिसोदिया ने भी लिखा पत्र.

उल्लेखनीय है कि बुधवार को आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने भी मनोनीत पार्षदों को लेकर प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि आज साजिश के तहत LG के आदेश पर मनोनीत पार्षदों की एक अधिसूचना निकाली गई है. एमसीडी में 10 मनोनीत पार्षद होते हैं. यह 10 मनोनीत पार्षद हमेशा से चाहे दिल्ली सरकार आम आदमी पार्टी की रही हो या कांग्रेस की रही हो, इनके नाम दिल्ली सरकार द्वारा एलजी साहब को भेजे जाते हैं. 2017 में भी दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गए थे. यह सरकार के अर्बन डेवलपमेंट विभाग के जरिए भेजे जाते हैं. आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से पहले जब 2012 में और 2007 में शीला दीक्षित की कांग्रेस की सरकार थी, तब भी दिल्ली सरकार की अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट से मनोनीत पार्षदों के नाम भेजें गए थे.

यह भी पढ़ेंः गाजियाबाद: टायर में हवा भरते समय कंप्रेसर फटा, एक की मौत

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (MCD) सदन की शुक्रवार को पहली बैठक है. नवनिर्वाचित सभी पार्षद पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे. उसके तुरंत बाद सदन में मेयर का चुनाव होगा, लेकिन इससे ठीक पहले दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच फिर ठन गई है. उपराज्यपाल की ओर से 10 मनोनीत पार्षदों के नाम तय करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आपत्ति जताई है. उन्होंने इस संबंध में उपराज्यपाल विनय सक्सेना को पत्र लिखकर कहा है कि वह दोबारा से इन नामों पर विचार करें. जिन लोगों को मनोनीत किया गया है, इस संबंध में जारी आदेश वापस लें.

साथ ही दिल्ली सरकार ने मेयर चुनाव के लिए बीजेपी की पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने पर भी आपत्ति जताई हैं. दिल्ली सरकार ने पीठासीन अधिकारी के लिए आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल के नाम का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजा था. जबकि, उपराज्यपाल ने गुरुवार को बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा (पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर रह चुकी हैं) को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का आदेश दे दिया.

केजरीवाल ने ट्वीट कर बोला हमला.
केजरीवाल ने ट्वीट कर बोला हमला.

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डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने भी गुरुवार को निगम कमिश्नर को कड़ा पत्र लिखते हुए कहा है कि बिना सरकार की सहमति के उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत पार्षदों को उन्होंने क्यों संज्ञान में लिया. उन्होंने निगम कमिश्नर को निर्देश दिया है कि बिना सरकार की सहमति के वह कोई ऐसा काम न करें. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री का आरोप है कि दिल्ली सरकार को बायपास कर उपराज्यपाल ने असंवैधानिक तरीके से एमसीडी के मनोनीत पार्षदों की अधिसूचना जारी की है. जबकि, एमसीडी में 10 मनोनीत पार्षद होते हैं, जिनके नाम एक प्रक्रिया के तहत हमेशा से दिल्ली सरकार एलजी को भेजती हैं, फिर सरकार कांग्रेस की रही हो या आप की. इनका आरोप है कि एलजी का यह प्रयास है कि स्टैंडिंग कमिटी में किसी तरह से भाजपा के लोगों को भरा जाए और वहां पर एमसीडी की नीतियों में रोड़ा डाला जाए.

CM केजरीवाल ने लिखा पत्र.
CM केजरीवाल ने लिखा पत्र.
CM केजरीवाल ने लिखा पत्र.
CM केजरीवाल ने लिखा पत्र.
मनीष सिसोदिया ने भी लिखा पत्र.
मनीष सिसोदिया ने भी लिखा पत्र.

उल्लेखनीय है कि बुधवार को आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने भी मनोनीत पार्षदों को लेकर प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि आज साजिश के तहत LG के आदेश पर मनोनीत पार्षदों की एक अधिसूचना निकाली गई है. एमसीडी में 10 मनोनीत पार्षद होते हैं. यह 10 मनोनीत पार्षद हमेशा से चाहे दिल्ली सरकार आम आदमी पार्टी की रही हो या कांग्रेस की रही हो, इनके नाम दिल्ली सरकार द्वारा एलजी साहब को भेजे जाते हैं. 2017 में भी दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गए थे. यह सरकार के अर्बन डेवलपमेंट विभाग के जरिए भेजे जाते हैं. आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से पहले जब 2012 में और 2007 में शीला दीक्षित की कांग्रेस की सरकार थी, तब भी दिल्ली सरकार की अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट से मनोनीत पार्षदों के नाम भेजें गए थे.

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Last Updated : Jan 5, 2023, 6:40 PM IST
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