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'आप' का गांजा, सपा का 'नशा' और भाजपा का 'शराब'! गर्त में जा रही सियासी बयानबाजी

चुनावी मौसम में नेताओं के बयान भी चुनावी हो गए हैं. बयानबाजी में कई ऐसे लफ्ज़ों का इस्तेमाल हो रहा जो की नहीं होना चाहिए. आम आदमी पार्टी भी इस तरह की बयानबाज़ी की दौड़ में शामिल हो गई है.

गर्त में जा रही सियासी बयानबाजी
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Published : Apr 3, 2019, 10:57 PM IST

नई दिल्ली: चुनाव आते ही जैसे बयानों के तीर चलने लगते हैं. सभी नेता विरोधियों पर हमले का एक भी मौका नहीं छोड़ते और फिर इसी जल्दबाजी में कुछ ऐसे शब्द निकल जाते हैं, जो मर्यादा की सीमा लांघ जाते हैं.बीते दिनों कुछ ऐसे ही बयान सामने आए.

गर्त में जा रही सियासी बयानबाजी

हिन्दू-मुस्लिम और पाकिस्तान तो जैसे भारतीय चुनाव का जरूरी नारे जैसा तो था ही, लेकिन अब कुछ नए शब्द भी निकलकर सामने आ रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने एक चुनावी रैली में समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल, और बहुजन समाज पार्टी के लिए 'शराब' का प्रयोग किया, तो जवाब में समाजवादियों ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नाम को जोड़ते हुए इसका जवाब 'नशा' से दिया.

प्रधानमंत्री के ऐसे बयानों पर आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं रही और खुद को अलग तरीके की राजनीति का अगुआ बताने वाली इस पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी बयान बाजी की दौड़ में कूद पड़े.संजय सिंह ने कहा कि पीएम मोदी की जांच कराओ, कहीं गांजा तो नहीं पीते.

ईटीवी भारत ने संजय सिंह से बातचीत की और इस बयान के पीछे की उनकी मंशा जाननी चाही. संजय सिंह ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री मोदी की चिंता है. उन्होंने कहा एक बार मुझे लोगों ने होली में भांग खिला दिया था, तो मैं अनाप-शनाप बकने लगा था. जिस तरह प्रधानमंत्री ने सपा, बसपा, रालोद के लिए 'शराब' का प्रयोग किया, क्या यह प्रधानमंत्री को शोभा देता है.

नई दिल्ली: चुनाव आते ही जैसे बयानों के तीर चलने लगते हैं. सभी नेता विरोधियों पर हमले का एक भी मौका नहीं छोड़ते और फिर इसी जल्दबाजी में कुछ ऐसे शब्द निकल जाते हैं, जो मर्यादा की सीमा लांघ जाते हैं.बीते दिनों कुछ ऐसे ही बयान सामने आए.

गर्त में जा रही सियासी बयानबाजी

हिन्दू-मुस्लिम और पाकिस्तान तो जैसे भारतीय चुनाव का जरूरी नारे जैसा तो था ही, लेकिन अब कुछ नए शब्द भी निकलकर सामने आ रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने एक चुनावी रैली में समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल, और बहुजन समाज पार्टी के लिए 'शराब' का प्रयोग किया, तो जवाब में समाजवादियों ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नाम को जोड़ते हुए इसका जवाब 'नशा' से दिया.

प्रधानमंत्री के ऐसे बयानों पर आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं रही और खुद को अलग तरीके की राजनीति का अगुआ बताने वाली इस पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी बयान बाजी की दौड़ में कूद पड़े.संजय सिंह ने कहा कि पीएम मोदी की जांच कराओ, कहीं गांजा तो नहीं पीते.

ईटीवी भारत ने संजय सिंह से बातचीत की और इस बयान के पीछे की उनकी मंशा जाननी चाही. संजय सिंह ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री मोदी की चिंता है. उन्होंने कहा एक बार मुझे लोगों ने होली में भांग खिला दिया था, तो मैं अनाप-शनाप बकने लगा था. जिस तरह प्रधानमंत्री ने सपा, बसपा, रालोद के लिए 'शराब' का प्रयोग किया, क्या यह प्रधानमंत्री को शोभा देता है.

Intro:चुनावी मौसम में नेताओं के बयान भी चुनावी हो गए हैं। भाषणबाजी में कई ऐसे शब्दों के प्रयोग हो रहे हैं जो नहीं होने चाहिए। आम आदमी पार्टी भी इस दौड़ में शामिल हो गई है।


Body:नई दिल्ली: चुनाव आते ही जैसे बयानों के तीर चलने लगते हैं। सभी नेता विरोधियों पर हमले का एक भी मौका नहीं छोड़ते और फिर इसी जल्दबाजी में कुछ ऐसे शब्द निकल जाते हैं, जो मर्यादा की सीमा लांघ जाते हैं। बीते दिनों कुछ ऐसे ही बयान सामने आए। हिन्दू-मुस्लिम और पाकिस्तान तो जैसे भारतीय चुनाव का जरूरी नारा बन गया है, लेकिन अब कुछ नए शब्द भी निकलकर सामने आ रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक चुनावी रैली में समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल, और बहुजन समाज पार्टी के लिए 'शराब' का प्रयोग किया, तो जवाब में समाजवादियों ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नाम को जोड़ते हुए इसका जवाब 'नशा' से दिया। प्रधानमंत्री के ऐसे बयानों पर आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं रही और खुद को अलग तरीके की राजनीति का अगुआ बताने वाली इस पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी बयान बाजी की दौड़ में कूद पड़े।

संजय सिंह ने कहा कि पीएम मोदी की जांच कराओ, कहीं गाजा तो नहीं पीते। इस पर ईटीवी भारत ने संजय सिंह से बातचीत की और इस बयान के पीछे की उनकी मंशा जाननी चाही। संजय सिंह ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री मोदी की चिंता है। उन्होंने कहा एक बार मुझे लोगों ने होली में भांग खिला दिया था, तो मैं अनाप-शनाप बकने लगा था। उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री ने सपा, बसपा, रालोद के लिए 'शराब' का प्रयोग किया, क्या यह प्रधानमंत्री को शोभा देता है।

चुनावी समय में भारत में पाकिस्तान के नाम का प्रयोग ज्यादा बढ़ जाता है, हालांकि प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों ऐसा न करने की सलाह दी थी। इस पर जब हमने संजय सिंह से उनकी राय जाननी चाही तो उनका कहना था कि प्रधानमंत्री अपने भाषणों में सबसे ज्यादा पाकिस्तान का प्रयोग करते हैं, ऐसा क्यों? उन्होंने कहा कि अमेरिका याद करो, जापान याद करो, जर्मनी याद करो।


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