नई दिल्ली: दिल्ली के विज्ञान भवन में रविवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय का शताब्दी वर्ष दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और डॉ. सुदेश धनखड़ थे. वहीं, केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की. कार्यक्रम में 406 गोल्डन पीएचडी डिग्री दिए गए, जबकि शाम में होने वाले कार्यक्रम में 399 गोल्ड मेडल दिए जाएंगे. खास बात रही कि इसमें बताया गया कि भारत सरकार की तरफ से जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में मेडिकल कॉलेज बनाने की स्वीकृति दे दी गई है.
जॉब सीकर नहीं, क्रिएटर बनें: मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि प्रो. नजमा अख्तर जामिया विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति हैं और वह महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं. इस दशक के समाप्त होने तक भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगी. हमारे छात्रों को इनोवेशन को बढ़ावा देना चाहिए और उन्हें जॉब सीकर बनने के बजाए जॉब क्रिएटर बनना चाहिए. पहले दुनिया भारत को विकास की सलाह देती थी लेकिन आज दुनिया भारत से विकास की सलाह ले रही है. आज कई देश भारत के साथ काम करना चाहते हैं और पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बढ़ा रहा आगे: कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि बहुत साल बाद यह दीक्षांत समारोह हो रहा है. इस विश्वविद्यालय को 100 साल पूरे हो चुके हैं, जिसके लिए मैं सभी को बधाई देना चाहता हूं. आने वाले समय में जामिया मिल्लिया इस्लामिया नंबर एक पर होगा. यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आगे बढ़ा रहा है. उन्होंने कहा कि ज्ञान ही हमें बताता है कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं. आने वाले समय में जामिया को स्वास्थ्य समस्या का एडवांस रिसर्च सेंटर बनाना है. इस दौरान उन्होंने मेडिकल कॉलेज बनने की भी घोषणा की.
बनेगा मेडिकल कॉलेज: उनके अलावा कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने कहा कि मुझे सेंटनरी ईयर कॉन्वोकेशन में यह ऐलान करते हुए खुशी हो रही है और मेरा सिर गर्व से ऊंचा हो रहा है कि हमारी दूरदर्शी और उदार सरकार ने हमें मेडिकल कॉलेज की स्थापना की स्वीकृति दे दी है. उपराष्ट्रपति हमारे राष्ट्र को परिभाषित करने वाले लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ भारतीय गणराज्य की सेवा में तत्पर हैं. आपने एक अनुभवी विधायक, सांसद और एडवोकेट के रूप में पूरे देश में अमिट छाप छोड़ी है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन और कौशल विकास और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की दिशा में अपने अथक प्रयासों के माध्यम से युवा भारतीयों के जीवन में रोशनी ला रहे हैं.
तीसरा स्थान किया हासिल: उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार, युवाओं को देश की प्रगति के साथ समाज की जरूरतों और आशाओं को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. मैं जामिया विश्वविद्यालय की शानदार उपलब्धियों के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करना अपना कर्तव्य समझती हूं. यह आप सबके उदार समर्थन के कारण ही संभव है कि मैं देश के शिक्षा के लक्ष्यों के अनुरूप जामिया मिल्लिया इस्लामिया के साझा दृष्टिकोण और मिशन को प्राप्त करने के लिए विविध टीम बनाने के साथ विश्वविद्यालय को अभूतपूर्व नाम और सम्मान दिलाने में भी कामयाब रही हूं. आज जामिया मिल्लिया इस्लामिया अभूतपूर्व गौरव हासिल कर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में तीसरे स्थान पर है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया की वर्तमान की उपलब्धियों को श्रेय हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है.
छात्रों ने विद्यार्थी धर्म का पालन किया: कुलपति ने कहा कि आज के शताब्दी वर्ष दीक्षांत समारोह में 406 गोल्डन पीएचडी डिग्री प्रदान की जा रही है. वहीं शाम के कार्यक्रम में स्नातक एवं परास्नातक के छात्रों को गोल्ड मेडल दिए जाएंगे. छात्रों ने कोरोना महामारी के कठिन समय में भी अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखते हुए, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए तमाम परेशानियों का डटकर सामना किया और कुछ कर गुजरने के जूनून और ईमानदारी से अपने विद्यार्थी-धर्म का पालन किया है. इसलिए शैक्षणिक वर्ष 2019 और 2020 के छात्र न केवल शैक्षिक यात्रा के लिए, बल्कि राष्ट्र के सच्चे सैनिकों के रूप में अपनी प्रतिबद्धता की भावना को प्रकट करने के लिए भी डिग्री प्राप्त करने जा रहे हैं.
जामिया बना जाना-माना नाम: विश्वविद्यालय को नैक द्वारा ए प्लस ग्रेड से सम्मानित किया जा चुका है. आपको यह जानकर खुशी होगी कि जामिया ने पिछले कुछ वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में भी शानदार प्रदर्शन किया है और वैश्विक स्तर पर शिक्षण और अनुसंधान में उत्कृष्टता के साथ प्रभावशाली उन्नति की है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया, अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक जाना-पहचाना नाम बन गया है. यह ज्ञान अर्जन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है. हम विकसित हो रही टेक्नोलॉजी और नई टेक्नोलॉजी में निवेश के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में प्रभावशाली परिवर्तन कर रहे हैं.
पढ़ते हैं 25 देशों के छात्र: विकास की मानसिकता और अपनी सरकार के संपूर्ण समर्थन के साथ जामिया को हमने आधुनिक बनाया है, जिसे अब विश्वस्तरीय टीचिंग-कम-रिसर्च विश्वविद्यालयों में गिना जाता है. इसे आज हमने एक स्वतंत्र उड़ान के लिए पूरी तरह से तैयार कर दिया है. टेक्नोलॉजी के अनुकूल, जामिया अब विभिन्न समूहों के सामूहिक ज्ञान का लाभ उठाते हुए खुली चर्चा, रचनात्मक संवाद की सुविधा प्रदान करता है.
विश्वविद्यालय में 10 संकायों, 44 विभागों, 30 उन्नत अनुसंधान केंद्रों और 7 स्कूलों के साथ, डिप्लोमा पोस्ट-ग्रेजुएट, डॉक्टरल और पोस्ट-डॉक्टरल स्तर पर लगभग 20,000 छात्रों के लिए 270 से अधिक कार्यक्रम चलाता है. इतना ही नहीं, यहां 25 से अधिक देशों के विदेशी छात्र पंजीकृत हैं और उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में ये संख्या और बढ़ेगी.
डिस्टेंस लंर्निंग के माध्यम से भी दी जा रही शिक्षा: वहीं सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन यानी CDOE के माध्यम से भी विश्वविद्यालय डिस्टेंस मोड में सफलतापूर्वक शिक्षा प्रदान कर रहा है. देश-विदेश में दूर बैठे छात्र-छात्राएं इस सेंटर से बीए, एमए एवं अन्य पाठ्यक्रमों में शिक्षा हासिल कर रहे हैं. वर्तमान में यह सेंटर 12 पोस्ट-ग्रेजुएट प्रोग्राम, 3 ग्रेजुएट प्रोग्राम, 3 डिप्लोमा प्रोग्राम और 3 सर्टिफिकेट प्रोग्राम का संचालन कर रहा है. इसमें लगभग 15,000 छात्र- छात्राएं पंजीकृत हैं. वहीं एशिया की इंडियन यूनिवर्सिटी में जामिया 8 रैंक हासिल किया है.
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