नई दिल्ली: गुरुवार को नई दिल्ली के ग़ालिब ऑडिटोरियम में लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने 'वंचित समाज: दशा और दिशा' बैठक में दिल्ली के दलित इंफ्लुएंसर से मुलाकात की. मंच से संबोधन के दौरान राहुल गांधी ने कहा, "विश्व के बड़े विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के लिए एक इम्तिहान होता है. इम्तिहान का नाम है Standard Aptitude Test (SAT).
राहुल गांधी ने कहा कि जब अमेरिका में पहली बार SAT एग्जाम की शुरुआत हुई, तो उसमें पता चला कि गोरे छात्रों का प्रदर्शन अफ्रीकन-अमेरिकन छात्रों से काफी अच्छा था. हर साल इम्तिहान होता था और गोरे छात्र टॉप स्कोर किया करते थे. अफ्रीकन-अमेरिकन छात्रों का प्रदर्शन दूसरी और तीसरी डिवीजन में रहता था. पहले लोगों ने कहा कि अफ्रीकन अमेरिकन कम होशियार हैं. ऐसे में एक प्रोफेसर ने एक प्रयोग किया और उसने क्वेश्चन बैंक अफ्रीकन-अमेरिकन प्रोफेसर से तैयार करवा दिया. जानते हैं क्या हुआ- सारे गोरे छात्र फेल हो गए."
"कुछ समय पहले एक लड़के ने मुझे बताया कि आपकी 'भारत जोड़ो यात्रा' ने देश का माहौल बदल दिया. मैंने उस लड़के से कहा कि अगर मैं इस यात्रा में अकेले कन्याकुमारी से कश्मीर तक जाता तो माहौल नहीं बदलता. मगर इस यात्रा में पूरा देश चला, इसलिए देश का माहौल बदल गया. महात्मा गांधी ने, बाबासाहेब अंबेडकर ने जनता को सुना, उनकी समस्याएं समझी और फिर वे आपकी आवाज बने. यानी जनता की शक्ति से ही सब कुछ है."- राहुल गांधी
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा, "जब केजरीवाल आए तो मैंने शुरुआत में इन्हें ऑब्जर्व किया. मुझे समझ आया कि केजरीवाल भी नरेंद्र मोदी की तरह एंटी रिजर्वेशन और एंटी दलित हैं."
राहुल गांधी ने कहा, "आज देश की मेनस्ट्रीम मीडिया का उदाहरण देखिए. आपको देश की मीडिया में दलित, पिछड़े, मुसलमान, आदिवासी समाज से एक भी व्यक्ति नहीं मिलेगा. आप देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिकों और मैनेजमेंट टीम की लिस्ट निकालिए. इस लिस्ट में कोई भी व्यक्ति देश के दलित, पिछड़े और आदिवासी वर्ग से नहीं मिलेगा. यही हाल देश के बड़े-बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल और संस्थाओं का है. मैं कुछ दिन पहले दिल्ली के AIIMS गया था. वहां देश के अलग-अलग कोने से लोग इलाज के लिए आए थे, वे लोग भी दलित, पिछड़े, आदिवासी वर्ग से थे. आपको मनरेगा में भी इसी वर्ग के लोग दिखेंगे."
इंदिरा गांधी के समय लोगों में आत्मविश्वास था: राहुल गांधी ने कहा, "देश की संस्थाओं में, एजुकेशन, ब्यूरोक्रेसी और हेल्थकेयर सिस्टम में इन 2-3% लोगों को बैठा दिया जाता है. मगर पॉवर इनमें से किसी को नहीं दी जाती है. इंदिरा गांधी के समय देश के लोगों में आत्मविश्वास था. देश के दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक समेत हर वर्ग के लोग जानते थे कि इंदिरा गांधी उनके लिए लड़ जाएंगी, मर जाएंगी. कांग्रेस पार्टी में इंटरनल रिवॉल्यूशन लाना पड़ेगा जिसके तहत दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्ग को शामिल किया जाएगा."
ये भी पढ़ें: