नई दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा पटाखों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद पटाखा कारोबारी लगातार सरकार का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि अचानक किए गए प्रतिबंध के ऐलान से पटाखा कारोबारियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है. इस मुद्दे पर दिल्ली कांग्रेस भी पटाखा कारोबारियों के साथ खड़ी हो गई है. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि पटाखा कारोबारियों को दिल्ली सरकार मुआवजा दें.
'सरकार के पास नहीं है दूरगामी नीति'
चौधरी अनिल कुमार ने कहा है कि केजरीवाल सरकार के पास कोई दूरगामी नीति नहीं है. अगर ऐसा होता तो आज व्यापारियों को नुकसान नहीं उठाना पड़ता. कोरोना महामारी व लॉकडाउन के कारण वे पहले से ही परेशान हैं. अब दिल्ली सरकार द्वारा विलंब से लिए गए निर्णय के कारण उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए उनकी क्षतिपूर्ति के लिए दिल्ली सरकार उन्हें उचित मुआवजा दे. इसके अलावा, चौधरी अनिल कुमार में प्रदूषण से लड़ाई में दिल्ली सरकार को असफल करार दिया है.
'असफल हो गई दिल्ली सरकार'
सरकारी आंकड़े का हवाला देते हुए चौधरी अनिल कुमार ने कहा है कि पीएम-2.5 प्रदूषक के कणों में दिल्ली के स्थानीय प्रदूषक श्रोतों की हिस्सेदारी 83 प्रतिशत है. वहीं, दिल्ली का एक्यूआई स्तर लगातार पांचवे दिन खतरनाक स्तर पर रहा और इसके आगे भी खतरनाक रहने की आशंका है. ऐसे में कोर्ट की निगरानी के बावजूद प्रदूषण कम कर पाने में दिल्ली सरकार की असफलता सवाल खड़ा करती है. उन्होंने कहा है कि अब केजरीवाल सरकार को वायु प्रदूषण के खिलाफ युद्ध में खुद की नाकामी को स्वीकार करना चाहिए.
'तो अलग होते हालात'
अनिल कुमार ने कहा है कि युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध कैम्पेन के एक महीने पूरे हो गए हैं और इस दौरान प्रदूषण कम होने के बजाय कई गुना बढ़ चुका है. अब केजरीवाल सरकार से हालात संभल नहीं रहे. अनिल कुमार ने सफर वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ा देते हुए कहा कि 10 अक्टूबर से 9 नवंबर के बीच दिल्ली के प्रदूषण में दिल्ली के अपने श्रोतों की हिस्सेदारी 83 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल विज्ञापन के जरिए धूल झोकने की बजाय धूल, वाहन व उद्योगों से फैलने वाले प्रदूषण पर ध्यान देते तो हालात कुछ अलग होते.