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पारिवारिक कलह और खराब वातावरण की वजह से युवाओं में बढ़ रहा गुस्सा: डॉ. मेघा अग्रवाल

Psychiatry Dr Megha Aggarwal: किशोरों में बढ़ रहे गुस्से और हिंसक वारदात अंजाम दिए जाने को लेकर ETV भारत ने कैलाश दीपक अस्पताल की वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. मेघा अग्रवाल से खास बातचीत की. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश...

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 24, 2023, 6:23 AM IST

मनोचिकित्सक डॉ. मेघा अग्रवाल

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बुधवार को लूट का विरोध करने पर एक 16 वर्षीय किशोर द्वारा एक 17 साल के किशोर की चाकू गोदकर से बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गई. इतना ही नहीं उसने मृतक पर चाकू के 50 वार किए. इसके बाद उसके शव को बाल पकड़कर घसीटा और फिर शव के पास नाचने लगा. इस घटना का वायरल सीसीटीवी फुटेज देखकर लोग दहल गए हैं. किशोर की हत्या करने के बाद नाबालिक अपराधी उसकी जेब से 350 रुपये भी लूटकर ले गया.

महज 350 रुपये के लिए इतनी हिंसक वारदात को लेकर राजधानी दिल्ली के लोगों की जुबान पर चर्चा का विषय बनी हुई है. इस घटना को लेकर ईटीवी भारत ने कैलाश दीपक अस्पताल में वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉक्टर मेघा अग्रवाल से बातचीत की. मनोचिकित्सक ने इस बारे में कई जानकारियां दीं. उन्होंने इस तरह की घटना के पीछे की वजह और उसको रोकने के लिए किशोरों के साथ किस तरह से व्यवहार किया जाना चाहिए इस बारे में बताया.


सवाल: इस तरह की घटना को कोई किशोर कब और कैसे अंजाम दे सकता है?

जवाब: इस तरह की वारदात कोई व्यक्ति तभी कर सकता है, जब वह या तो मानसिक रूप से बीमार हो या बाइपोलर डिसऑर्डर का शिकार हो. या फिर उसे शुरू से ही बहुत ज्यादा गुस्सा आता हो.

सवाल: युवाओं द्वारा अक्सर इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. इसका क्या कारण है?

जवाब: आजकल के युवाओं को ज्यादा गुस्सा आता है. इसका कारण यह है कि 10 साल से 17 साल की उम्र के दौरान युवाओं में कई सारे हार्मोनल बदलाव होते हैं. इसकी वजह से उनके व्यवहार और इमोशंस में भी बदलाव आता है, जिसकी वजह से वे कई बार हिंसक हो जाते हैं. कई बार गुस्से में वे अपना आपा भी खो देते हैं और इस तरह के घातक कदम उठा लेते हैं.

सवाल: युवा में बहुत ज्यादा गुस्सा बढ़ने के और क्या-क्या कारण हो सकते हैं?

जवाब: इसके पीछे मानसिक तनाव, पारिवारिक टेंशन, परिवार का माहौल अच्छा नहीं होना या परिवार में लोगों को पहले से कोई मानसिक बीमारी होना, मां-बाप में झगड़े होना भी इसके कारण हो सकते हैं. डॉ. मेघा अग्रवाल ने बताया कि बच्चे के बचपन के शुरुआती सालों में ही अगर उसे मानसिक अवसाद, एंजायटी या बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी समस्या होती है तो यह समस्या आगे चलकर बहुत बढ़ जाती है. जिससे इस तरह की घटना होने की संभावना होती है. कुछ युवाओं के साथ अगर यौन उत्पीड़न जैसी कोई घटना होती है तो उससे भी इनमें काफी गुस्सा बढ़ता है.

सवाल: मानसिक अवसाद या बाइपोलर डिसऑर्डर से बचाव के लिए क्या उपाय कर सकते हैं?

जवाब: इससे बचाव का उपाय यही है कि घर का माहौल हेल्दी होना चाहिए. मां-बाप को बच्चों के साथ एक दोस्त की तरह व्यवहार करना चाहिए. बच्चों की गलती पर उनको डांटना या मारपीट नहीं करनी चाहिए. उनको प्यार से समझाना चाहिए.

सवाल: अगर बच्चे में बहुत ज्यादा गुस्सा आने और मानसिक अवसाद जैसे तनाव जैसे लक्षण दिखे तो क्या करना चाहिए?

जवाब: अगर बच्चे में बहुत ज्यादा गुस्सा आने और मानसिक तनाव जैसे लक्षण दिखे तो उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाकर उसकी काउंसलिंग करानी चाहिए और उसे उचित परामर्श दिलाना चाहिए, इससे उसकी समस्या दूर हो सकती है.

सवाल: इस तरह की किसी आपराधिक घटना में शामिल किशोर के साथ पुलिस को किस तरह पेश आना चाहिए?

जवाब: पुलिस को सबसे पहले उस किशोर का मेडिकल असेसमेंट करना चाहिए जिससे पता चले कि उसकी मानसिक स्थिति क्या है ? अगर वह किसी अवसाद या डिसऑर्डर का शिकार है तो उसे उचित इलाज दिलाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: Seema Haider News: लैला बन जाएगी सीमा हैदर, वकील ने कहा पाकिस्तान नहीं जाएगी !



मनोचिकित्सक डॉ. मेघा अग्रवाल

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बुधवार को लूट का विरोध करने पर एक 16 वर्षीय किशोर द्वारा एक 17 साल के किशोर की चाकू गोदकर से बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गई. इतना ही नहीं उसने मृतक पर चाकू के 50 वार किए. इसके बाद उसके शव को बाल पकड़कर घसीटा और फिर शव के पास नाचने लगा. इस घटना का वायरल सीसीटीवी फुटेज देखकर लोग दहल गए हैं. किशोर की हत्या करने के बाद नाबालिक अपराधी उसकी जेब से 350 रुपये भी लूटकर ले गया.

महज 350 रुपये के लिए इतनी हिंसक वारदात को लेकर राजधानी दिल्ली के लोगों की जुबान पर चर्चा का विषय बनी हुई है. इस घटना को लेकर ईटीवी भारत ने कैलाश दीपक अस्पताल में वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉक्टर मेघा अग्रवाल से बातचीत की. मनोचिकित्सक ने इस बारे में कई जानकारियां दीं. उन्होंने इस तरह की घटना के पीछे की वजह और उसको रोकने के लिए किशोरों के साथ किस तरह से व्यवहार किया जाना चाहिए इस बारे में बताया.


सवाल: इस तरह की घटना को कोई किशोर कब और कैसे अंजाम दे सकता है?

जवाब: इस तरह की वारदात कोई व्यक्ति तभी कर सकता है, जब वह या तो मानसिक रूप से बीमार हो या बाइपोलर डिसऑर्डर का शिकार हो. या फिर उसे शुरू से ही बहुत ज्यादा गुस्सा आता हो.

सवाल: युवाओं द्वारा अक्सर इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. इसका क्या कारण है?

जवाब: आजकल के युवाओं को ज्यादा गुस्सा आता है. इसका कारण यह है कि 10 साल से 17 साल की उम्र के दौरान युवाओं में कई सारे हार्मोनल बदलाव होते हैं. इसकी वजह से उनके व्यवहार और इमोशंस में भी बदलाव आता है, जिसकी वजह से वे कई बार हिंसक हो जाते हैं. कई बार गुस्से में वे अपना आपा भी खो देते हैं और इस तरह के घातक कदम उठा लेते हैं.

सवाल: युवा में बहुत ज्यादा गुस्सा बढ़ने के और क्या-क्या कारण हो सकते हैं?

जवाब: इसके पीछे मानसिक तनाव, पारिवारिक टेंशन, परिवार का माहौल अच्छा नहीं होना या परिवार में लोगों को पहले से कोई मानसिक बीमारी होना, मां-बाप में झगड़े होना भी इसके कारण हो सकते हैं. डॉ. मेघा अग्रवाल ने बताया कि बच्चे के बचपन के शुरुआती सालों में ही अगर उसे मानसिक अवसाद, एंजायटी या बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी समस्या होती है तो यह समस्या आगे चलकर बहुत बढ़ जाती है. जिससे इस तरह की घटना होने की संभावना होती है. कुछ युवाओं के साथ अगर यौन उत्पीड़न जैसी कोई घटना होती है तो उससे भी इनमें काफी गुस्सा बढ़ता है.

सवाल: मानसिक अवसाद या बाइपोलर डिसऑर्डर से बचाव के लिए क्या उपाय कर सकते हैं?

जवाब: इससे बचाव का उपाय यही है कि घर का माहौल हेल्दी होना चाहिए. मां-बाप को बच्चों के साथ एक दोस्त की तरह व्यवहार करना चाहिए. बच्चों की गलती पर उनको डांटना या मारपीट नहीं करनी चाहिए. उनको प्यार से समझाना चाहिए.

सवाल: अगर बच्चे में बहुत ज्यादा गुस्सा आने और मानसिक अवसाद जैसे तनाव जैसे लक्षण दिखे तो क्या करना चाहिए?

जवाब: अगर बच्चे में बहुत ज्यादा गुस्सा आने और मानसिक तनाव जैसे लक्षण दिखे तो उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाकर उसकी काउंसलिंग करानी चाहिए और उसे उचित परामर्श दिलाना चाहिए, इससे उसकी समस्या दूर हो सकती है.

सवाल: इस तरह की किसी आपराधिक घटना में शामिल किशोर के साथ पुलिस को किस तरह पेश आना चाहिए?

जवाब: पुलिस को सबसे पहले उस किशोर का मेडिकल असेसमेंट करना चाहिए जिससे पता चले कि उसकी मानसिक स्थिति क्या है ? अगर वह किसी अवसाद या डिसऑर्डर का शिकार है तो उसे उचित इलाज दिलाना चाहिए.

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