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आपसी खींचतान पर बीजेपी नेताओं की लगी क्लास! अमित शाह ने मिलकर काम करने की हिदायत - नई दिल्ली

गौरतलब है कि बीते कुछ समय से दिल्ली बीजेपी के नेताओं खासकर मनोज तिवारी और विजय गोयल के बीच सियासी टकराव की खबरें लगातार आ रही हैं. बताया जा रहा है अमित शाह ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर साथ मिलकर काम करने की नसीहत दी.

आपसी खींचतान पर बीजेपी नेताओं की क्लास
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Published : Aug 31, 2019, 11:47 PM IST

नई दिल्ली: लम्बे समय से दिल्ली बीजेपी नेताओं के बीच चल रही खटपट के बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश के कई नेताओं के साथ मीटिंग की. इस मीटिंग में दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी, पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल, विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, सांसद मीनाक्षी लेखी, रमेश बिधूड़ी, प्रवेश वर्मा, हंसराज हंस, गौतम गंभीर सभी सातों सांसद शामिल हुए. बताया जा रहा है अमित शाह ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर साथ मिलकर काम करने की नसीहत दी.

मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते मनोज तिवारी

सियासी टकराव की खबरें

गौरतलब है कि बीते कुछ समय से दिल्ली बीजेपी के नेताओं खासकर मनोज तिवारी और विजय गोयल के बीच सियासी टकराव की खबरें लगातार आ रही हैं. अनाधिकृत कॉलोनियों के मुद्दे पर दोनों नेता अलग-अलग अपने-अपने तरीके से बयानबाजी करते दिख रहे हैं. जिस समय मनोज तिवारी इस मुद्दे पर उपराज्यपाल से मिलने गए, उसी समय विजय गोयल इसी मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, वहीं उसके बाद तालकटोरा में इसी मुद्दे पर रैली की तैयारियां करने लगे.

31 अगस्त को रैली प्रस्तावित थी, लेकिन पहले ही खबर आ गई कि रैली नहीं होगी और इसे रद्द कर दिया गया. रैली रद्द होने की खबर के बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दोनों नेताओं की आपसी खींचतान पर चुटकी भी ली थी और ये भी कहा था कि भाजपा के तीन-तीन मुख्यमंत्री के उम्मीदवार मैदान में हैं और तीनों एक दूसरे की टांग खींचने में लगे हैं और इससे दिल्ली का विकास प्रभावित हो रहा है.

अमित शाह ने जताई नाराजगी!

इसके बाद 31 अगस्त को ही अमित शाह ने इन सभी नेताओं को मीटिंग के लिए बुला लिया. शनिवार देर शाम हुई इस मीटिंग से खबर आई कि अमित शाह ने पार्टी संगठन के भीतर नेताओं के बीच की आपसी खींचतान को लेकर नाराजगी जाहिर की और सभी को साथ मिलकर काम करने की हिदायत दी.

इस मीटिंग में अकाली दल के नेता और विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा भी मौजूद रहे. सिरसा ने गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष एक और मुद्दा उठाया और कहा कि पाकिस्तान में सिख समुदाय के लोगों की दशा बहुत दयनीय है. उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला जा रहा है. इसलिए गृह मंत्री इस मुद्दे को पाकिस्तान के समक्ष उठाएं.

अमित शाह से मिलकर निकले बीजेपी नेताओं के उदास चेहरे बता रहे थे कि उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से सख्त हिदायत मिली है. अब देखने वाली बात होगी कि दिल्ली प्रदेश बीजेपी के भीतर लंबे समय से चल रही खींचतान में आगामी दिनों में कमी आती है या नहीं.

नई दिल्ली: लम्बे समय से दिल्ली बीजेपी नेताओं के बीच चल रही खटपट के बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश के कई नेताओं के साथ मीटिंग की. इस मीटिंग में दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी, पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल, विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, सांसद मीनाक्षी लेखी, रमेश बिधूड़ी, प्रवेश वर्मा, हंसराज हंस, गौतम गंभीर सभी सातों सांसद शामिल हुए. बताया जा रहा है अमित शाह ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर साथ मिलकर काम करने की नसीहत दी.

मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते मनोज तिवारी

सियासी टकराव की खबरें

गौरतलब है कि बीते कुछ समय से दिल्ली बीजेपी के नेताओं खासकर मनोज तिवारी और विजय गोयल के बीच सियासी टकराव की खबरें लगातार आ रही हैं. अनाधिकृत कॉलोनियों के मुद्दे पर दोनों नेता अलग-अलग अपने-अपने तरीके से बयानबाजी करते दिख रहे हैं. जिस समय मनोज तिवारी इस मुद्दे पर उपराज्यपाल से मिलने गए, उसी समय विजय गोयल इसी मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, वहीं उसके बाद तालकटोरा में इसी मुद्दे पर रैली की तैयारियां करने लगे.

31 अगस्त को रैली प्रस्तावित थी, लेकिन पहले ही खबर आ गई कि रैली नहीं होगी और इसे रद्द कर दिया गया. रैली रद्द होने की खबर के बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दोनों नेताओं की आपसी खींचतान पर चुटकी भी ली थी और ये भी कहा था कि भाजपा के तीन-तीन मुख्यमंत्री के उम्मीदवार मैदान में हैं और तीनों एक दूसरे की टांग खींचने में लगे हैं और इससे दिल्ली का विकास प्रभावित हो रहा है.

अमित शाह ने जताई नाराजगी!

इसके बाद 31 अगस्त को ही अमित शाह ने इन सभी नेताओं को मीटिंग के लिए बुला लिया. शनिवार देर शाम हुई इस मीटिंग से खबर आई कि अमित शाह ने पार्टी संगठन के भीतर नेताओं के बीच की आपसी खींचतान को लेकर नाराजगी जाहिर की और सभी को साथ मिलकर काम करने की हिदायत दी.

इस मीटिंग में अकाली दल के नेता और विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा भी मौजूद रहे. सिरसा ने गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष एक और मुद्दा उठाया और कहा कि पाकिस्तान में सिख समुदाय के लोगों की दशा बहुत दयनीय है. उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला जा रहा है. इसलिए गृह मंत्री इस मुद्दे को पाकिस्तान के समक्ष उठाएं.

अमित शाह से मिलकर निकले बीजेपी नेताओं के उदास चेहरे बता रहे थे कि उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से सख्त हिदायत मिली है. अब देखने वाली बात होगी कि दिल्ली प्रदेश बीजेपी के भीतर लंबे समय से चल रही खींचतान में आगामी दिनों में कमी आती है या नहीं.

Intro:बीते कुछ समय से दिल्ली प्रदेश भाजपा के नेताओं के बीच चल रही खटपट के बाद आज राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश के कई नेताओं के साथ मीटिंग की.

Body:नई दिल्ली: अमित शाह के साथ हुई इस मीटिंग में दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल, विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, सांसद मीनाक्षी लेखी, रमेश बिधूड़ी, प्रवेश वर्मा, हंसराज हंस आदि शामिल हुए. बताया जा रहा है अमित शाह ने इन्हें आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर साथ मिलकर काम करने की नसीहत दी.

गौरतलब है कि बीते कुछ समय से दिल्ली भाजपा के नेताओं और खासकर मनोज तिवारी और विजय गोयल के बीच सियासी टकराव की खबरें लगातार आ रही हैं. अनाधिकृत कॉलोनियों के मुद्दे पर दोनों नेता अलग-अलग अपने अपने तरीके से बयानबाजी करते दिखे. जिस समय मनोज तिवारी इस मुद्दे पर उपराज्यपाल से मिलने गए, उसी समय विजय गोयल अपने घर इसी मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, वहीं उसके बाद तालकटोरा में इसी मुद्दे पर रैली की तैयारियां करने लगे.

31 अगस्त को रैली प्रस्तावित थी, लेकिन पहले ही खबर आ गई कि रैली नहीं होगी और इसे रद्द कर दिया गया. रैली रद्द होने की खबर के बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दोनों नेताओं की आपसी खींचतान पर चुटकी भी ली थी और यह भी कहा था कि भाजपा के तीन-तीन मुख्यमंत्री के उम्मीदवार मैदान में हैं और तीनों एक दूसरे की टांग खींचने में लगे हैं और इससे दिल्ली का विकास प्रभावित हो रहा है.

इसके बाद 31 अगस्त को ही अमित शाह ने इन सभी नेताओं को मीटिंग के लिए बुला लिया. शनिवार देर शाम हुई इस मीटिंग से खबर आई कि अमित शाह ने पार्टी संगठन के भीतर नेताओं के बीच की आपसी खींचतान को लेकर नाराजगी जाहिर की और सभी को साथ मिलकर काम करने की हिदायत दी.

इस मीटिंग में अकाली दल नेता और विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा भी मौजूद रहे. सिरसा ने गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष एक और मुद्दा उठाया और कहा कि पाकिस्तान में सिख समुदाय के लोगों की दशा बहुत दयनीय है. उनपर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला जा रहा है. इसलिए गृह मंत्री इस मुद्दे को पाकिस्तान के समक्ष उठाएं. Conclusion:अमित शाह से मिलकर निकले भाजपा नेताओं के उदास चेहरे बता रहे थे कि उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से सख्त हिदायत मिली है. अब देखने वाली बात होगी कि दिल्ली प्रदेश भाजपा के भीतर लंबे समय से चल रही खींचतान में आगामी दिनों में कमी आती है या नहीं.
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