नई दिल्ली: देश की सबसे प्रोफेशनल कहीं जाने वाली दिल्ली पुलिस को अमेरिकन फेडरल एजेंसी ने भी थैंक यू कहा है. दिल्ली पुलिस ने कुछ दिन पहले टेक सपोर्ट के नाम पर अमेरिकन और कनाडाई नागरिकों को ठगने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम के नेतृत्व में गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद पुलिस ने शनिवार को एक अन्य आरोपी गगन लांबा को भी गिरफ्तार कर लिया है. गगन लांबा को कोर्ट में पेश कर उसकी रिमांड ले ली गई है.
जानकारी के अनुसार, अमेरिकी न्याय विभाग के जारी किए गए प्रेस नोट में फेडरल एजेंसी ने भारत की केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और दिल्ली पुलिस की आईएफएस ओ यूनिट को इस मामले की जांच और निगरानी के लिए प्रशंसा की है. यह पहली बार है कि किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने दिल्ली पुलिस की कार्य क्षमता को स्वीकार कर उसके प्रशंसा की है.
यह था मामला
डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि उन्हें अमेरिकी सेंट्रल एजेंसी एफबीआई से सूचना मिली कि साइबर अपराधियों का एक गिरोह अमेरिकी व कनाडाई नागरिकों को टेक सपोर्ट के नाम पर शिकार बना रहा है. इंटरपोल के जरिए सूचना को सीबीआई ने दिल्ली पुलिस से साझा किया, जिसके बाद पुलिस टीम ने दो अमेरिकी नागरिकों की शिकायत पर जानकारी जुटाने शुरू की.
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इस दौरान पश्चिमी दिल्ली में संचालित पीसी कंप्यूटर एंड केयर और उससे संबंध कॉल सेंटर का पता लगा, जहां से अमेरिकी नागरिकों के कंप्यूटर में पहले परेशानी आने की बात बताई जाती है. इसके बाद उन्हें कंप्यूटर हैक करने वाला सॉफ्टवेयर डाउनलोड करा कर उनके खाते व अन्य कई निजी जानकारियां चुरा ली जाती, जिसके जरिए आरोपी डॉलर में रकम लूट रहे थे. इस मामले में तीन आरोपियों हर्ष मदान, विकास गुप्ता और जतिन लांबा को पुलिस ने 3 दिन पहले गिरफ्तार किया था. वहीं एक अन्य आरोपी गगन लांबा को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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