ETV Bharat / state

मनीष सिसोदिया के आरोपों को DUPA ने बताया बेबुनियाद, जल्द फंड जारी करने की मांग की

शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दिए गए बयान को दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रिंसिपल एसोसिएशन ने बेबुनियाद बताया है. साथ ही DUPA ने जल्द फंड जारी करने की मांग की है.

allegations of Manish Sisodia baseless DUPA demanded release of funds soon
मनीष सिसोदिया के आरोपों का DUPA ने बताया बेबुनियाद
author img

By

Published : Nov 8, 2020, 1:48 AM IST

Updated : Nov 8, 2020, 8:18 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली सरकार द्वारा सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों में फंड का मामला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. वहीं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दिए गए बयान पर दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रिंसिपल एसोसिएशन (डूपा) ने नाराजगी जाहिर की है. डूपा का कहना है कि जब भी फंड जारी होने की बात की जाती है तब दिल्ली सरकार बेबुनियाद आरोप लगाकर अपने कर्तव्य से मुह चुराते नज़र आते हैं. वहीं इस पूरे मामले को लेकर डूपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से हस्तक्षेप करने की मांग की है.

मनीष सिसोदिया के आरोपों का DUPA ने बताया बेबुनियाद
शिक्षा मंत्री का आरोप बेबुनियाद है

वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रिंसिपल एसोसिएशन (डूपा) के सचिव डॉ. मनोज सिन्हा ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय ऐसा प्रतिष्ठित कॉलेज है जिसमें देशभर के लोग पढ़ने के लिए आते हैं. उन्होंने कहा कि हर एक नागरिक को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों पर फंड की हेरा फेरी सहित घोस्ट एंप्लॉय रखने जैसा आरोप लगाना सरासर गलत है.

कॉलेज में समय - समय पर ऑडिट होता है

साथ ही उन्होंने कहा कि समय से फंड जारी न करके शिक्षा मंत्री कॉलेजों में कार्यरत कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि उनके पूरे परिवार के साथ अन्याय कर रहे हैं. वहीं फ़र्ज़ी कर्मचारियों को रखने के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि डीयू के सभी कॉलेजों में समय समय पर ऑडिट होते रहते हैं लेकिन शिक्षा मंत्री को जब फंड जारी करने के लिए बाध्य होना पड़ा तो उन्होंने इस तरह के बेबुनियादी आरोप लगाने शुरू कर दिए.

करीब पांच माह से नहीं मिल रहा है फंड

वहीं डॉ. मनोज सिन्हा ने दिल्ली सरकार द्वारा सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों में फंड की समस्या को सामने रखा. उन्होंने कहा कि इन कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को चार-पांच माह से वेतन नहीं मिला है और कोविड-19 इस महामारी के दौरान जब आर्थिक स्थिति डगमगाई हुई है, साथ ही त्योहारों का भी मौसम चल रहा है ऐसे में बिना वेतन के शिक्षक और कर्मचारी क्या करेंगे इसी मसले का हल निकालने के लिए यदि वह शिक्षा मंत्री से मिलने जाते हैं तो यह आरोप लगाया जाता है कि कॉलेज के प्रिंसिपल राजनैतिक लाभ के चलते शिक्षा मंत्री से मिलना चाहते हैं.

सरकार से जल्द फंड जारी करने की मांग

वहीं शिक्षकों की हाजिरी सहित अन्य मुद्दे जो शिक्षा मंत्री ने उठाए उसे डॉ. मनोज ने हास्यास्पद बताया. साथ ही कटाक्ष करते हुए शिक्षा मंत्री को कॉलेज में आमंत्रित भी किया. वहीं उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री समय दें और डूपा से बात करके स्थिति को स्पष्ट करें. साथ ही उन्होंने कहा कि बेबुनियादी बयानबाज़ी के बजाए सरकार पहले फंड जारी करे जिससे कर्मचारियों को कम से कम दिवाली तक उनका वेतन मिल सके. इसके अलावा पूरे मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से हस्तक्षेप करने की मांग की है.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली सरकार द्वारा सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों में फंड का मामला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. वहीं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दिए गए बयान पर दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रिंसिपल एसोसिएशन (डूपा) ने नाराजगी जाहिर की है. डूपा का कहना है कि जब भी फंड जारी होने की बात की जाती है तब दिल्ली सरकार बेबुनियाद आरोप लगाकर अपने कर्तव्य से मुह चुराते नज़र आते हैं. वहीं इस पूरे मामले को लेकर डूपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से हस्तक्षेप करने की मांग की है.

मनीष सिसोदिया के आरोपों का DUPA ने बताया बेबुनियाद
शिक्षा मंत्री का आरोप बेबुनियाद है

वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रिंसिपल एसोसिएशन (डूपा) के सचिव डॉ. मनोज सिन्हा ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय ऐसा प्रतिष्ठित कॉलेज है जिसमें देशभर के लोग पढ़ने के लिए आते हैं. उन्होंने कहा कि हर एक नागरिक को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों पर फंड की हेरा फेरी सहित घोस्ट एंप्लॉय रखने जैसा आरोप लगाना सरासर गलत है.

कॉलेज में समय - समय पर ऑडिट होता है

साथ ही उन्होंने कहा कि समय से फंड जारी न करके शिक्षा मंत्री कॉलेजों में कार्यरत कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि उनके पूरे परिवार के साथ अन्याय कर रहे हैं. वहीं फ़र्ज़ी कर्मचारियों को रखने के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि डीयू के सभी कॉलेजों में समय समय पर ऑडिट होते रहते हैं लेकिन शिक्षा मंत्री को जब फंड जारी करने के लिए बाध्य होना पड़ा तो उन्होंने इस तरह के बेबुनियादी आरोप लगाने शुरू कर दिए.

करीब पांच माह से नहीं मिल रहा है फंड

वहीं डॉ. मनोज सिन्हा ने दिल्ली सरकार द्वारा सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों में फंड की समस्या को सामने रखा. उन्होंने कहा कि इन कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को चार-पांच माह से वेतन नहीं मिला है और कोविड-19 इस महामारी के दौरान जब आर्थिक स्थिति डगमगाई हुई है, साथ ही त्योहारों का भी मौसम चल रहा है ऐसे में बिना वेतन के शिक्षक और कर्मचारी क्या करेंगे इसी मसले का हल निकालने के लिए यदि वह शिक्षा मंत्री से मिलने जाते हैं तो यह आरोप लगाया जाता है कि कॉलेज के प्रिंसिपल राजनैतिक लाभ के चलते शिक्षा मंत्री से मिलना चाहते हैं.

सरकार से जल्द फंड जारी करने की मांग

वहीं शिक्षकों की हाजिरी सहित अन्य मुद्दे जो शिक्षा मंत्री ने उठाए उसे डॉ. मनोज ने हास्यास्पद बताया. साथ ही कटाक्ष करते हुए शिक्षा मंत्री को कॉलेज में आमंत्रित भी किया. वहीं उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री समय दें और डूपा से बात करके स्थिति को स्पष्ट करें. साथ ही उन्होंने कहा कि बेबुनियादी बयानबाज़ी के बजाए सरकार पहले फंड जारी करे जिससे कर्मचारियों को कम से कम दिवाली तक उनका वेतन मिल सके. इसके अलावा पूरे मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से हस्तक्षेप करने की मांग की है.

Last Updated : Nov 8, 2020, 8:18 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.