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दिल्ली हिंसा: उमर खालिद समेत यूएपीए के सभी आरोपियों की कड़कड़डूमा कोर्ट में पेशी आज - दिल्ली हिंसा को लेकर कड़कड़डूमा कोर्ट में आज सुनवाई

दिल्ली हिंसा मामले में जेल में बंद यूएपीए के सभी आरोपियों की आज दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में आज पेशी होगी. आज सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही है.

उमर खालिद
उमर खालिद
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Published : Feb 16, 2021, 9:45 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद उमर खालिद, शरजील इमाम, ताहिर हुसैन समेत यूएपीए के सभी आरोपियों को आज दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया जाएगा. आज सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही है.


जेल में कपड़ों और स्टेशनरी के सामान की मांग की थी
पिछले 2 फरवरी को कोर्ट ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत आज तक बढ़ाया था. एक आरोपी अतहर खान ने कपड़ों, बोतलों और स्टेशनरी के सामान जेल में उपलब्ध कराने के लिए अर्जी दाखिल की थी. कोर्ट ने जेल अधीक्षक को जेल नियमों के मुताबिक सभी सामान उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. आरोपी इशरत जहां ने कोर्ट से मांग की थी कि उसे कोर्ट से जेल जाने के बाद चक्की की बजाय बैरक में भेजने का दिशा-निर्देश दिया जाएं. कोर्ट ने इशरत जहां की याचिका पर जेल नियमों के मुताबिक फैसला करने का निर्देश दिया.

कोर्ट ने आरोपियों को परिजनों से मिलने की अनुमति दी थी
सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों के वकीलों ने कोर्ट से मांग की थी कि कोर्ट में उन्हें अपने परिजनों से मिलने की अनुमति दी जाए. कोर्ट ने उनकी अर्जी को मंजूर करते हुए सभी आरोपियों को कोर्ट में अपने परिजनों से मिलने की अनुमति दी थी. आरोपी गुलफिशा ने जेल में किताबों और स्टेशनरी के सामान उपलब्ध कराने की मांग की. कोर्ट ने जेल प्रशासन को गुलफिशा की अर्जी पर जेल नियमों के मुताबिक फैसला करने का निर्देश दिया था.


क्वारंटाइन के लिए सबके लिए नियम समान हो
सुनवाई के दौरान वकील महमूद प्राचा ने मांग की थी कि आरोपी तसलीम और गुलफिशा से मिलने की अनुमति दी जाए. कोर्ट ने महमूद प्राचा को दोनों आरोपियों से 10 मिनट तक मिलने की अनुमति दी. सभी आरोपियों के वकीलों ने मांग की कि आरोपियों को कोर्ट से जेल वापस जाने के बाद क्वारंटाइन के लिए न भेजा जाए. उन्होंने कहा था कि जेल स्टाफ को भी कोर्ट से लौटने के बाद क्वारंटाइन के लिए नहीं भेजा जाता है. कोर्ट स्टाफ और आरोपियों के साथ बराबरी का नियम होना चाहिए. तब कोर्ट ने कहा था कि क्वारंटाइन का नियम सबके लिए बराबर होगा और नियमों के मुताबिक कोई भेदभाव नहीं होगा.


जानबूझकर मीडिया ट्रायल चलाने का आरोप
पिछले 19 जनवरी को कोर्ट ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत 2 फरवरी तक बढ़ा दी थी. 14 जनवरी को सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी के बाद उमर खालिद ने कहा था कि उसके खिलाफ जानबूझकर मीडिया ट्रायल चल रहा है. उसके खिलाफ ऐसे रिपोर्टिंग की जा रही है जैसे वह दोषी है. उसने कहा कि इससे निष्पक्ष ट्रायल पर असर पड़ सकता है. उमर खालिद ने कहा था कि पहले की सुनवाई के दौरान उसने कोर्ट में ये बातें रखी थीं. उसके बावजूद भी फ्रंट पेज की खबर बन रही है कि उमर खालिद और ताहिर हुसैन ने दंगों की साजिश रची. यह तब है जब कि डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में साफ लिखा गया है कि हस्ताक्षर करने से मना किया गया. इसका सीधा मतलब है कि पुलिस कुछ भी लिख सकती है. इन बयानों की कानूनी तौर पर कोई मान्यता नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा था कि ये मामला हमारे पास हैं और हम कुछ बोलना नहीं चाहते. कोर्ट ने उमर खालिद से कहा था कि अगर वो चाहता है तो वो अपने वकील को कहे कि संबंधित मीडिया रिपोर्ट को अर्जी में शामिल करे.


दंगों के लिए साजिश रचने का आरोप

कड़कड़डूमा कोर्ट ने पिछले 5 जनवरी को क्राइम ब्रांच की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था.कोर्ट ने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश रचने का मामला चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं.

26 दिसंबर 2020 को क्राइम ब्रांच ने उमर खालिद पर दंगे भड़काने, दंगों की साजिश रचने और देश विरोधी भाषण देने के अलावा दूसरी धाराओ के तहत चार्जशीट दाखिल किया था. करीब 100 पेजों के इस चार्जशीट में कहा गया है कि 8 जनवरी 2020 को शाहीन बाग में उमर खालिद, खालिद सैफी और ताहिर हुसैन ने मिलकर दिल्ली दंगों की योजना बनाने के लिए मीटिंग की.

इस दौरान ही उमर खालिद ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शनों में मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में हिस्सा लिया और भड़काऊ भाषण दिए. इन भाषणों में उमर खालिद ने दंगों के लिए लोगों को भड़काया है. चार्जशीट में कहा गया है कि जिन-जिन राज्यों में उमर खालिद गया उसके लिए उसे आने-जाने और रुकने का पैसा प्रदर्शनकारियों के कर्ता-धर्ता इंतजाम करते थे.

यूनाईटेड अगेंस्ट हेट नामक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था

चार्जशीट में कहा गया है कि यूनाईटेड अगेंस्ट हेट नामक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया था. जिसके जरिये भी दिल्ली हिंसा की प्लानिंग की गई थी. इस ग्रुप के जरिये नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित किए गए थे. यह ग्रुप राहुल राय ने बनाया था.

यूएपीए में चार्जशीट पर कोर्ट संज्ञान ले चुकी है

24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पूरक चार्जशीट दाखिल किया गया था.

पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17, और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 109, 124ए, 147, 148, 149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395, 419, 420, 427, 435, 436, 452, 454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.।

नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद उमर खालिद, शरजील इमाम, ताहिर हुसैन समेत यूएपीए के सभी आरोपियों को आज दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया जाएगा. आज सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही है.


जेल में कपड़ों और स्टेशनरी के सामान की मांग की थी
पिछले 2 फरवरी को कोर्ट ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत आज तक बढ़ाया था. एक आरोपी अतहर खान ने कपड़ों, बोतलों और स्टेशनरी के सामान जेल में उपलब्ध कराने के लिए अर्जी दाखिल की थी. कोर्ट ने जेल अधीक्षक को जेल नियमों के मुताबिक सभी सामान उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. आरोपी इशरत जहां ने कोर्ट से मांग की थी कि उसे कोर्ट से जेल जाने के बाद चक्की की बजाय बैरक में भेजने का दिशा-निर्देश दिया जाएं. कोर्ट ने इशरत जहां की याचिका पर जेल नियमों के मुताबिक फैसला करने का निर्देश दिया.

कोर्ट ने आरोपियों को परिजनों से मिलने की अनुमति दी थी
सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों के वकीलों ने कोर्ट से मांग की थी कि कोर्ट में उन्हें अपने परिजनों से मिलने की अनुमति दी जाए. कोर्ट ने उनकी अर्जी को मंजूर करते हुए सभी आरोपियों को कोर्ट में अपने परिजनों से मिलने की अनुमति दी थी. आरोपी गुलफिशा ने जेल में किताबों और स्टेशनरी के सामान उपलब्ध कराने की मांग की. कोर्ट ने जेल प्रशासन को गुलफिशा की अर्जी पर जेल नियमों के मुताबिक फैसला करने का निर्देश दिया था.


क्वारंटाइन के लिए सबके लिए नियम समान हो
सुनवाई के दौरान वकील महमूद प्राचा ने मांग की थी कि आरोपी तसलीम और गुलफिशा से मिलने की अनुमति दी जाए. कोर्ट ने महमूद प्राचा को दोनों आरोपियों से 10 मिनट तक मिलने की अनुमति दी. सभी आरोपियों के वकीलों ने मांग की कि आरोपियों को कोर्ट से जेल वापस जाने के बाद क्वारंटाइन के लिए न भेजा जाए. उन्होंने कहा था कि जेल स्टाफ को भी कोर्ट से लौटने के बाद क्वारंटाइन के लिए नहीं भेजा जाता है. कोर्ट स्टाफ और आरोपियों के साथ बराबरी का नियम होना चाहिए. तब कोर्ट ने कहा था कि क्वारंटाइन का नियम सबके लिए बराबर होगा और नियमों के मुताबिक कोई भेदभाव नहीं होगा.


जानबूझकर मीडिया ट्रायल चलाने का आरोप
पिछले 19 जनवरी को कोर्ट ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत 2 फरवरी तक बढ़ा दी थी. 14 जनवरी को सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी के बाद उमर खालिद ने कहा था कि उसके खिलाफ जानबूझकर मीडिया ट्रायल चल रहा है. उसके खिलाफ ऐसे रिपोर्टिंग की जा रही है जैसे वह दोषी है. उसने कहा कि इससे निष्पक्ष ट्रायल पर असर पड़ सकता है. उमर खालिद ने कहा था कि पहले की सुनवाई के दौरान उसने कोर्ट में ये बातें रखी थीं. उसके बावजूद भी फ्रंट पेज की खबर बन रही है कि उमर खालिद और ताहिर हुसैन ने दंगों की साजिश रची. यह तब है जब कि डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में साफ लिखा गया है कि हस्ताक्षर करने से मना किया गया. इसका सीधा मतलब है कि पुलिस कुछ भी लिख सकती है. इन बयानों की कानूनी तौर पर कोई मान्यता नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा था कि ये मामला हमारे पास हैं और हम कुछ बोलना नहीं चाहते. कोर्ट ने उमर खालिद से कहा था कि अगर वो चाहता है तो वो अपने वकील को कहे कि संबंधित मीडिया रिपोर्ट को अर्जी में शामिल करे.


दंगों के लिए साजिश रचने का आरोप

कड़कड़डूमा कोर्ट ने पिछले 5 जनवरी को क्राइम ब्रांच की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था.कोर्ट ने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश रचने का मामला चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं.

26 दिसंबर 2020 को क्राइम ब्रांच ने उमर खालिद पर दंगे भड़काने, दंगों की साजिश रचने और देश विरोधी भाषण देने के अलावा दूसरी धाराओ के तहत चार्जशीट दाखिल किया था. करीब 100 पेजों के इस चार्जशीट में कहा गया है कि 8 जनवरी 2020 को शाहीन बाग में उमर खालिद, खालिद सैफी और ताहिर हुसैन ने मिलकर दिल्ली दंगों की योजना बनाने के लिए मीटिंग की.

इस दौरान ही उमर खालिद ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शनों में मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में हिस्सा लिया और भड़काऊ भाषण दिए. इन भाषणों में उमर खालिद ने दंगों के लिए लोगों को भड़काया है. चार्जशीट में कहा गया है कि जिन-जिन राज्यों में उमर खालिद गया उसके लिए उसे आने-जाने और रुकने का पैसा प्रदर्शनकारियों के कर्ता-धर्ता इंतजाम करते थे.

यूनाईटेड अगेंस्ट हेट नामक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था

चार्जशीट में कहा गया है कि यूनाईटेड अगेंस्ट हेट नामक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया था. जिसके जरिये भी दिल्ली हिंसा की प्लानिंग की गई थी. इस ग्रुप के जरिये नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित किए गए थे. यह ग्रुप राहुल राय ने बनाया था.

यूएपीए में चार्जशीट पर कोर्ट संज्ञान ले चुकी है

24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पूरक चार्जशीट दाखिल किया गया था.

पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17, और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 109, 124ए, 147, 148, 149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395, 419, 420, 427, 435, 436, 452, 454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.।

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