नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण में कमी आने के साथ ही अक्षरधाम मंदिर प्रशासन ने आज से सप्ताह के सभी दिन खोलने का फैसला किया है. मंदिर में श्रद्धालु सुबह 10 बजे से शाम 6.30 बजे तक दर्शन कर सकते हैं. कोरोना के चलते करीब 200 दिनों तक बंद रहा मंदिर अक्टूबर 2020 से केवल शाम 5 बजे से 6.30 बजे तक ही खोला जा रहा था.
अब श्रद्धालु दर्शन के साथ लाइट और वॉटर शो का आनंद उठा सकेंगे. आज से श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के अंदर जलाभिषेक भी शुरू कर दिया जाएगा. श्रद्धालुओं को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होने का मौका मिलेगा. श्रद्धालु प्रेमवती प्रसादालय, पुस्तकालय और उपहार केंद्र में भी जा सकेंगे. यही नहीं मंदिर परिसर को 13 फरवरी से धार्मिक प्रदर्शनी के लिए भी खोल दिया जाएगा.
मंदिर की खास बातें
नई दिल्ली में बना स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर एक अनोखा सांस्कृतिक तीर्थ है. इसे ज्योतिर्धर भगवान स्वामिनारायण की पुण्य स्मृति में बनवाया गया है. यह परिसर 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है. दुनिया का सबसे विशाल हिंदू मंदिर परिसर होने के नाते 26 दिसम्बर 2007 को यह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल किया गया.
अक्षरधाम मंदिर को गुलाबी, सफेद संगमरमर और बलुआ पत्थरों के मिश्रण से बनाया गया है. इस मंदिर को बनाने में स्टील, लोहे और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया. मंदिर को बनाने में लगभग पांच साल का समय लगा था. करीब 100 एकड़ भूमि में फैले इस मंदिर को 11 हजार से ज्यादा कारीगरों की मदद से बनाया गया.
मंदिर में 20 शिखर और 20,000 मूर्तियां हैं
पूरे मंदिर को पांच प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है. मंदिर में उच्च संरचना में 234 नक्काशीदार खंभे, 9 अलंकृत गुंबदों, 20 शिखर होने के साथ 20,000 मूर्तियां भी शामिल हैं. मंदिर में ऋषियों और संतों की प्रतिमाओं को भी स्थापित किया गया है.
कई कहानियां बयां करता है फाउंटेन शो
रोजाना शाम को यहां फाउंटेन शो का आयोजन किया जाता है. जिसमें जन्म, मृत्यु चक्र का उल्लेख है. फाउंटेन शो में कई कहानियों को बयां किया जाता है. यह मंदिर सोमवार को बंद रहता है. अक्षरधाम मंदिर में 2,870 सीढ़ियां बनी हुई हैं. इसके अलावा एक कुंड भी है, जिसमें भारत के महान गणितज्ञों की महानता को दर्शाया गया है.
श्रद्धालुओं में खुशी की लहर
अब जब कोरोना महामारी की घटती दर के साथ मंदिर सामान्य स्थिति में खोला जा रहा है, तो श्रद्धालुओं में भी इसे लेकर खुशी की लहर है. अब भक्त पहले की तरह ही भगवान के दर्शन के साथ ही साथ मंदिर की और भी खासियत का अनुभव कर पाएंगे.