नई दिल्ली: एम्स का ओर्बो डिपार्टमेंट अंगदान के प्रति जागरूकता के लिए इनोवेटिव और क्रिएटिव उपाय कर रहा है. इसी के तहत साइकिल यात्रा के साथ-साथ अब टी-शर्ट सिग्नेचर कैंपेन भी शुरू किया गया है. ओर्बो डिपार्टमेंट के मेडिकल सोशल वेलफेयर अधिकारी राजीव मैखुरी ने इसकी शुरुआत अपने घर से ही कर दी है. उनकी दो बेटियां और पत्नी ने टी-शर्ट सिग्नेचर कैंपेन भागीदारी दी.
घर से ही शुरू किया अंगदान के लिए कैंपेन
अंगदान के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए एम्स के ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग ऑर्गेनाइजेशन डिपार्टमेंट (ओर्बो ) मेडिकल सोशल वेलफेयर ऑफिसर राजीव मैखुरी ने साइकिल यात्रा के अलावा एक टी-शर्ट सिग्नेचर कैंपेन भी शुरू किया है. इसकी शुरुआत उन्होंने अपने घर से ही की है. उनकी बेटियां अनन्या और अगम्या ने सबसे पहले टी-शर्ट पर अपना हस्ताक्षर किए और अंगदान के प्रति जागरूकता के लिए उसपर खूबसूरत संदेश भी लिखा.
राजीव की पत्नी निधि मैखुरी ने भी उस पर अपने हस्ताक्षर की और अंगदान के प्रति जागरूकता के लिए खूबसूरत संदेश लिखा. एम्स केऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग ऑर्गेनाइजेशन डिपार्टमेंट (ओर्बो) की हेड डॉ. आरती विज और कार्डियो रेडियो डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमरिंदर सिंह ने भी इस टी- शर्ट के ऊपर हस्ताक्षर कर अंगदान के प्रति जागरूकता के लिए संदेश लिखें.
अब तक की 299 किलोमीटर की साइकिल यात्रा
राजीव मैखुरी ने रविवार को अंग और टिश्यू डोनेशन के प्रति जागरूकता के लिए जो साइकिल अभियान शुरू किया है. उसके तहत आज उन्होंने 66 किलोमीटर की दूरी तय की. वसुंधरा एन्क्लेव के नेवल अपार्टमेंट से होते हुए नोएडा एक्सप्रेस वे की दूरी तय की. अब कुल मिलाकर के 299 किलोमीटर साइकिल की यात्रा पूरी कर चुके हैं.
राजीव ने इस यात्रा में साथ देने के लिए साइकिलिंग बॉयज ग्रुप के प्रति अपना आभार व्यक्त किया है. इस ग्रुप के सभी लड़कों ने भी अंगदान के प्रति जागरूकता के लिए साइकिल यात्रा में इनका साथ दिया है.
बॉयज ग्रुप को अंगदान की प्रक्रिया समझाई
राजीव ने बताया कि साइकिलिंग बॉयज ग्रुप ने यात्रा के दौरान उन्हें काफी मोटिवेट किया. साथ ही गाइड भी किया, क्योंकि नोएडा एक्सप्रेस-वे पर ये उनका पहला प्रयास था. इस दौरान उन्होंने भी उन्हें अंगदान और टिश्यू डोनेशन के बारे में सारे पहलुओं के बारे में बताया कि किस तरीके से अंग दान किया जाता है और इसकी क्या प्रक्रिया है. इसके लिए क्या प्लेज लिया जाता है और इसके लिए क्या मौजूदा कानून है?
ग्रुप के सभी लड़कों ने भी अंगदान की शपथ ली
राजीव ने बताया कि ग्रुप के सभी लड़कों ने मेरे टी-शर्ट पर में अपने हस्ताक्षर किए और उस पर अंगदान के प्रति जागरूकता के लिए संदेश भी लिखें. साथ ही उन लोगों ने वादा किया कि वो लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करेंगे. इस दौरान कई लोग व्यक्तिगत तौर पर तो कुछ स्वयं सहायता समूह ने, एनजीओ और साइकिल राइडर ग्रुप सपोर्ट करने के लिए आगे आए. बॉयज ग्रुप ने भी अंगदान के लिए प्रण लिया.