ETV Bharat / state

कोविड के मामले कम हुए हैं, लेकिन खतरा टला नहीं- एम्स डॉक्टर

एम्स के डॉक्टर ने कोविड वारियर्स को सलाह दी है कि जब तक अच्छी क्वालिटी की पीपीई किट ना मिले तब तक वो लोग कोविड ड्यूटी पर ना जाएं. साथ ही उन्होंने कहा कि नॉन कोविड ड्यूटी वाले डॉक्टर्स भी हर मरीज को कोरोना पॉजिटिव समझकर ही इलाज करें. क्योंकि ज्यादातर मरीजों के लक्षण नहीं दिखते हैं और अनजाने में ही कोविड वायरस फैलाते रहते हैं.

aiims doctors advice corona warriors
एम्स के डॉक्टर ने कोविड वारियर्स को सलाह दी
author img

By

Published : Jul 8, 2020, 2:16 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में ऐसा लगता है कोरोना कर्व पॉइंट तक पहुंच गया है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से रोजाना पॉजिटिव मरीजों की संख्या कम हो रही है. मंगलवार को ये आंकड़ा 2000 के आसपास ही रहा.

एम्स के डॉक्टर ने कोविड वारियर्स को सलाह दी

दिल्ली में लॉकडाउन खुलने के बाद ये सबसे कम कोविड के मामले हैं. ऐसा लगता है कि पीक पॉइंट 4 हजार के पार पहुंचकर हर्ड इम्युनिटी हो गयी है. अब कोविड के मामले बढ़ने की उम्मीद कम है. इसके बावजूद विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. डॉक्टर का मानना है कि ये फिर से अपना रूप बदल रहा है.

aiims doctors advice corona warriors don't work unless given good quality ppe kit
कोरोना का खतरा टला नहीं है

70-80 फीसदी कोविड मरीजों के लक्षण नहीं दिखते


एम्स के कार्डियो-रेडियो विभाग के असिसिटेंट प्रोफेसर डॉ अमरिंदर सिंह बताते हैं कि ये अच्छी बात है कि दिल्ली में कोविड मरीजों की संख्या कम हो रही है. लेकिन ये वो आंकड़ें हैं, जिनकी लक्षण दिखने के बाद जांच हुई और ये मामले सामने आए हैं.

अभी सैंकड़ों ऐसे बिना लक्षणों वाले मरीज होंगे, जो साइलेंट स्प्रेडर हो सकते हैं. 70-80 फीसदी कोविड मरीजों के लक्षण नहीं दिखते हैं. जाहिर है जो आंकड़ें सामने आ रहे हैं वो सिर्फ 20 फीसदी में से हैं. 80 फीसदी वाले कहां हैं और कितनी लोगों में वे इसे बांट रहे हैं, इसका अंदाजा उन्हें भी नहीं होगा.



अच्छी क्वालिटी की पीपीई किट की मांग करें

डॉ. अमरिंदर बताते हैं कि अभी तक देश भर में 107 डॉक्टर्स की कोविड इंफेक्शन से मौत हो चुकी है. जब वो पीपीई किट पहनकर काम करते हैं, तो वो कैसे कोविड की जद में आ जाते हैं? जाहिर-सी बात है उनके पीपीई किट की क्वालिटी खराब होती होगी. कोविड ड्यूटी पर डॉक्टर तभी जाएं जब उन्हें अच्छी क्वालिटी की पीपीई किट मिले.


हर पेशेंट को पॉजिटिव मानकर इलाज करें


डॉ. अमरिंदर नॉन कोविड मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर को भी हर मरीज को कोविड पॉजिटिव मानकर ही उनका इलाज करने की सलाह दे रहे हैं. क्योंकि ज्यादातर मरीजों के लक्षण नहीं दिखते हैं और अनजाने में ही कोविड वायरस फैलाते रहते हैं. सुरक्षा के पूरे उपाय करने के बाद ही मरीज को देखने का काम करें.



जब तक एमरजेंसी ना हो हॉस्पिटल ना जाएं

डॉ. अमरिंदर मरीजों को भी बदले हालातों में हॉस्पिटल नहीं आने की सलाह देते हैं. उनका कहना है कि भले ही कोविड केसेज में कमी आ रही हो, इसका मतलब ये नहीं है कि कोविड कहीं चला गया है. वो यहीं है.

अस्पतालों में है. 80 फीसदी मरीजों में तो लक्षण ही नहीं दिख रहे हैं. अगर उनके साथ आपका संपर्क हो गया तो क्या करेंगे ?जरूरी नहीं है कि अगर किसी बिना लक्षण वाले मरीज से वायरस किसी दूर व्यक्ति में जाता है, तो वहां भी वो लक्षण नहीं दिखायेगा. हो सकता है वहां वो ज्यादा खतरनाक रूप में आ जाए. इसलिए जितना हो सके हॉस्पिटल आने से बचें.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में ऐसा लगता है कोरोना कर्व पॉइंट तक पहुंच गया है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से रोजाना पॉजिटिव मरीजों की संख्या कम हो रही है. मंगलवार को ये आंकड़ा 2000 के आसपास ही रहा.

एम्स के डॉक्टर ने कोविड वारियर्स को सलाह दी

दिल्ली में लॉकडाउन खुलने के बाद ये सबसे कम कोविड के मामले हैं. ऐसा लगता है कि पीक पॉइंट 4 हजार के पार पहुंचकर हर्ड इम्युनिटी हो गयी है. अब कोविड के मामले बढ़ने की उम्मीद कम है. इसके बावजूद विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. डॉक्टर का मानना है कि ये फिर से अपना रूप बदल रहा है.

aiims doctors advice corona warriors don't work unless given good quality ppe kit
कोरोना का खतरा टला नहीं है

70-80 फीसदी कोविड मरीजों के लक्षण नहीं दिखते


एम्स के कार्डियो-रेडियो विभाग के असिसिटेंट प्रोफेसर डॉ अमरिंदर सिंह बताते हैं कि ये अच्छी बात है कि दिल्ली में कोविड मरीजों की संख्या कम हो रही है. लेकिन ये वो आंकड़ें हैं, जिनकी लक्षण दिखने के बाद जांच हुई और ये मामले सामने आए हैं.

अभी सैंकड़ों ऐसे बिना लक्षणों वाले मरीज होंगे, जो साइलेंट स्प्रेडर हो सकते हैं. 70-80 फीसदी कोविड मरीजों के लक्षण नहीं दिखते हैं. जाहिर है जो आंकड़ें सामने आ रहे हैं वो सिर्फ 20 फीसदी में से हैं. 80 फीसदी वाले कहां हैं और कितनी लोगों में वे इसे बांट रहे हैं, इसका अंदाजा उन्हें भी नहीं होगा.



अच्छी क्वालिटी की पीपीई किट की मांग करें

डॉ. अमरिंदर बताते हैं कि अभी तक देश भर में 107 डॉक्टर्स की कोविड इंफेक्शन से मौत हो चुकी है. जब वो पीपीई किट पहनकर काम करते हैं, तो वो कैसे कोविड की जद में आ जाते हैं? जाहिर-सी बात है उनके पीपीई किट की क्वालिटी खराब होती होगी. कोविड ड्यूटी पर डॉक्टर तभी जाएं जब उन्हें अच्छी क्वालिटी की पीपीई किट मिले.


हर पेशेंट को पॉजिटिव मानकर इलाज करें


डॉ. अमरिंदर नॉन कोविड मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर को भी हर मरीज को कोविड पॉजिटिव मानकर ही उनका इलाज करने की सलाह दे रहे हैं. क्योंकि ज्यादातर मरीजों के लक्षण नहीं दिखते हैं और अनजाने में ही कोविड वायरस फैलाते रहते हैं. सुरक्षा के पूरे उपाय करने के बाद ही मरीज को देखने का काम करें.



जब तक एमरजेंसी ना हो हॉस्पिटल ना जाएं

डॉ. अमरिंदर मरीजों को भी बदले हालातों में हॉस्पिटल नहीं आने की सलाह देते हैं. उनका कहना है कि भले ही कोविड केसेज में कमी आ रही हो, इसका मतलब ये नहीं है कि कोविड कहीं चला गया है. वो यहीं है.

अस्पतालों में है. 80 फीसदी मरीजों में तो लक्षण ही नहीं दिख रहे हैं. अगर उनके साथ आपका संपर्क हो गया तो क्या करेंगे ?जरूरी नहीं है कि अगर किसी बिना लक्षण वाले मरीज से वायरस किसी दूर व्यक्ति में जाता है, तो वहां भी वो लक्षण नहीं दिखायेगा. हो सकता है वहां वो ज्यादा खतरनाक रूप में आ जाए. इसलिए जितना हो सके हॉस्पिटल आने से बचें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.