नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने आज निगम के रोहिणी क्षेत्र में कार्यरत एक अध्यापक के निधन पर संवेदना व्यक्त की. राजा इकबाल सिंह ने कहा कि अगर दिवंगत शिक्षक के निधन की परिस्थितियों पर जाएं तो यह स्पष्ट होता है कि शिक्षक को निगम के शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्त मेंटर अध्यापकों के संवेदनहीन रवैये के चलते अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.
राजा इकबाल सिंह ने कहा कि मैं दिल्ली की मेयर साहिबा से पूछना चाहता हूं कि किस नियम के चलते अध्यापकों को अपने साथी अध्यापकों का मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी दी गई है. राजा इकबाल सिंह ने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी झूठे वादे करके निगम की सत्ता में काबिज हुई है, तबसे निगम कर्मियों का शोषण करने के नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं. जिसके चलते निगम कर्मचारियों का मनोबल रसातल में चला गया है.
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कहा कि शिक्षा विभाग ने गैरकानूनी रूप से मेंटर अध्यापकों को बिना पात्रता के 5 गाड़ियां मुहैया कराई हैं. उन्होंने कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि किस नियम एवं किसकी अनुशंसा पर उन्हे ये गाड़ियां दी गई हैं. दिल्ली की शिक्षा मंत्री वैसे तो विश्वस्तरीय शिक्षा मॉडल का ढोल पीटती हैं किंतु बच्चों के सामने कैसे उनके शिक्षकों से पेश आना चाहिए इसका उन्हे तनिक भी ज्ञान नहीं है. दिल्ली नगर निगम के विद्यालयों में सभी कमियां दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की देन हैं जो निगम को देय राशि के भुगतान समय पर नहीं होने के कारण उत्पन्न हुई हैं.
राजा इकबाल सिंह ने कहा कि इससे पहले भी मेयर साहिबा ने हिंदूराव अस्पताल के एमएस के साथ ऐसा ही व्यवहार किया था और उन्हें सस्पेंड कर दिया था. मेयर साहिबा के इस बर्ताव से एमएस मानसिक रूप से बीमार हैं और हिंदूराव अस्पताल के सफाई कर्मचारी सहित अन्य कर्मचारियों में डर का माहौल है. जिससे मरीजों की सेवाओं पर प्रभाव पड़ रहा है. आम आदमी पार्टी का काम सिर्फ अधिकारियों और कर्मचारियों को डराना है.
राजा इकबाल सिंह ने कहा कि निगम चुनाव के समय आम आदमी पार्टी सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन देने की गारंटी देती थी. किंतु उनकी यह गारंटी भी झूठ साबित हो रही है. इकबाल सिंह ने निगम की आप सरकार को चेतावनी दी कि वह कर्मचारियों के प्रति में अपना नजरिया सुधारे.
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