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अब तक नहीं मिला श्रद्धा का मोबाइल, आफताब के लैपटॉप का डाटा भी नहीं हुआ रिकवर - हत्या के बाद आफताब ने बदले चार सिम

श्रद्धा मर्डर केस (Shraddha Murder Case) में आरोपी आफताब की पुलिस हिरासत (Police custody of Aftab) भी बढ़ चुकी है, लेकिन ऐसे कई सवालों के जवाब अब तक पुलिस को नहीं मिले हैं. इस केस में पुलिस को अब तक हथियार, मोबाइल, कपड़े समेत कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है. ऐसे में कई सवाल ऐसे हैं, जिनके जवाब पुलिस के पास नहीं हैं.

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श्रद्धा मर्डर केस
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Published : Nov 23, 2022, 5:45 PM IST

नई दिल्ली: श्रद्धा मर्डर केस (Shraddha Murder Case) में आरोपी आफताब (Police custody of Aftab) की करीब 12 दिन की कस्टडी के बाद भी दिल्ली पुलिस अब तक किसी पुख्ता सबूत तक नहीं पहुंच पाई है. पुलिस ने अब तक श्रद्धा के कपड़े और घटना के दिन पहने हुए आफताब के कपड़े भी बरामद नहीं कर पाये हैं. श्रद्धा का मोबाइल (Shraddha Mobile) अब तक दिल्ली पुलिस की पहुंच से दूर है. ऐसे में मोबाइल डाटा का रिकवर होना बेहद मुश्किल है. वहीं आफताब के लैपटॉप का डाटा (Aftab Laptop Data) भी पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है. क्योंकि उसने घटना के कुछ दिन बाद ही लैपटॉप को फॉर्मेट कर दिया था.

घटना की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी बताते हैं कि इस मामले में टेक्निकल सर्विलांस के जरिए मिले सबूत अदालत में मामले को मजबूती दे पाएंगे. क्योंकि अब तक दिल्ली पुलिस न तो घटना में प्रयुक्त हथियार बरामद कर पाई है और न ही अभी तक एफएसएल रिपोर्ट में शव का श्रद्धा के परिवार से डीएनए मैच हो पाया है. ऐसे में तकनीकी माध्यम से प्राप्त किए गए सुबूत अदालत में मामले को मजबूती देंगे.

हत्या के बाद आफताब ने बदले चार सिम

जानकारी के अनुसार, मई में श्रद्धा की हत्या के बाद से आफताब ने कुल 4 सिम बदले हैं. जो सिम वह इस्तेमाल कर रहा था उसके अतिरिक्त उसने तीन अन्य सिम को भी उस मोबाइल फोन में इस्तेमाल किया था. हालांकि आरोपी ने अपने फोन और लैपटॉप को कई बार डाटा डिलीट किया है. लेकिन इसके बावजूद दिल्ली पुलिस को कुछ डाटा रिकवर करने में सफलता हासिल हुई है. उम्मीद है कि इस डाटा से पुलिस को इस हत्याकांड के मामले में कोई मदद मिल सकेगी.

कूड़ा गाड़ी में डाले गए थे पहने गए कपड़े

आफताब से अभी तक की हुई पूछताछ में यह सामने आया है कि उसने घटना के समय में पहने हुए कपड़े एमसीडी की कूड़ा गाड़ी में फेंक दिए थे. पुलिस अभी तक कूड़ा गाड़ी की पहचान नहीं कर पाई है और न ही घटना के समय इस्तेमाल किए गए कपड़े बरामद हुए हैं.

ये भी पढ़ें : श्रद्धा वॉकर मर्डर केस: आरोपी आफताब से पॉलीग्राफ टेस्ट में पूछे गए कई अहम सवाल

कठिन होगा मामले को अदालत में साबित करना

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. प्रदीप शर्मा बताते हैं कि ऐसे मामलों में पुलिस की कमजोर जांच से अदालत में मामले को साबित करना बेहद मुश्किल हो जाता है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की लचर जांच के चलते छावला में हुए दुष्कर्म और उसके बाद की हत्या मामले में सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था. इसके अलावा तंदूर कांड मामले में भी पुलिस की लचर जांच से कोर्ट में पीड़ितों को न्याय मिलने में परेशानी हुई थी. किसी भी हत्या के मामले में दो साक्ष्य बेहद अहम होते हैं. पहला घटना में प्रयुक्त हथियार, दूसरा उद्देश्य और व्यक्ति का शव. इस मामले में यह तीनों ही सबूत अभी तक बरामद नहीं हुए हैं. उम्मीद है पुलिस जल्द इस मामले में मजबूत सबूत जप्त कर आरोपी को सजा दिलवाने में सफल होगी.

ये भी पढ़ें : दिल्ली में युवक ने किया माता-पिता समेत परिवार के चार लोगों का मर्डर

नई दिल्ली: श्रद्धा मर्डर केस (Shraddha Murder Case) में आरोपी आफताब (Police custody of Aftab) की करीब 12 दिन की कस्टडी के बाद भी दिल्ली पुलिस अब तक किसी पुख्ता सबूत तक नहीं पहुंच पाई है. पुलिस ने अब तक श्रद्धा के कपड़े और घटना के दिन पहने हुए आफताब के कपड़े भी बरामद नहीं कर पाये हैं. श्रद्धा का मोबाइल (Shraddha Mobile) अब तक दिल्ली पुलिस की पहुंच से दूर है. ऐसे में मोबाइल डाटा का रिकवर होना बेहद मुश्किल है. वहीं आफताब के लैपटॉप का डाटा (Aftab Laptop Data) भी पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है. क्योंकि उसने घटना के कुछ दिन बाद ही लैपटॉप को फॉर्मेट कर दिया था.

घटना की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी बताते हैं कि इस मामले में टेक्निकल सर्विलांस के जरिए मिले सबूत अदालत में मामले को मजबूती दे पाएंगे. क्योंकि अब तक दिल्ली पुलिस न तो घटना में प्रयुक्त हथियार बरामद कर पाई है और न ही अभी तक एफएसएल रिपोर्ट में शव का श्रद्धा के परिवार से डीएनए मैच हो पाया है. ऐसे में तकनीकी माध्यम से प्राप्त किए गए सुबूत अदालत में मामले को मजबूती देंगे.

हत्या के बाद आफताब ने बदले चार सिम

जानकारी के अनुसार, मई में श्रद्धा की हत्या के बाद से आफताब ने कुल 4 सिम बदले हैं. जो सिम वह इस्तेमाल कर रहा था उसके अतिरिक्त उसने तीन अन्य सिम को भी उस मोबाइल फोन में इस्तेमाल किया था. हालांकि आरोपी ने अपने फोन और लैपटॉप को कई बार डाटा डिलीट किया है. लेकिन इसके बावजूद दिल्ली पुलिस को कुछ डाटा रिकवर करने में सफलता हासिल हुई है. उम्मीद है कि इस डाटा से पुलिस को इस हत्याकांड के मामले में कोई मदद मिल सकेगी.

कूड़ा गाड़ी में डाले गए थे पहने गए कपड़े

आफताब से अभी तक की हुई पूछताछ में यह सामने आया है कि उसने घटना के समय में पहने हुए कपड़े एमसीडी की कूड़ा गाड़ी में फेंक दिए थे. पुलिस अभी तक कूड़ा गाड़ी की पहचान नहीं कर पाई है और न ही घटना के समय इस्तेमाल किए गए कपड़े बरामद हुए हैं.

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कठिन होगा मामले को अदालत में साबित करना

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. प्रदीप शर्मा बताते हैं कि ऐसे मामलों में पुलिस की कमजोर जांच से अदालत में मामले को साबित करना बेहद मुश्किल हो जाता है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की लचर जांच के चलते छावला में हुए दुष्कर्म और उसके बाद की हत्या मामले में सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था. इसके अलावा तंदूर कांड मामले में भी पुलिस की लचर जांच से कोर्ट में पीड़ितों को न्याय मिलने में परेशानी हुई थी. किसी भी हत्या के मामले में दो साक्ष्य बेहद अहम होते हैं. पहला घटना में प्रयुक्त हथियार, दूसरा उद्देश्य और व्यक्ति का शव. इस मामले में यह तीनों ही सबूत अभी तक बरामद नहीं हुए हैं. उम्मीद है पुलिस जल्द इस मामले में मजबूत सबूत जप्त कर आरोपी को सजा दिलवाने में सफल होगी.

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