नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हाल ही में अफगानी ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया था. इन तस्करों ने पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. पुलिस एवं कस्टम की पकड़ से बचने के लिए आरोपी हवाई रूट की जगह समुद्री रूट का इस्तेमाल करते थे. दिल्ली पुलिस ने 2 साल पहले उनके गैंग से 330 किलो हेरोइन जब्त की थी. इसलिए वह दिल्ली की जगह फरीदाबाद में अपना ठिकाना बनाकर ड्रग्स का धंधा कर रहे थे.
स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि दुनियाभर में हेरोइन का सबसे बड़ा सप्लायर अफगानिस्तान का नेटवर्क है. वहां से हवाई रास्ते ड्रग्स को लाना काफी चुनौती पूर्ण है. इसमें पकड़े जाने का खतरा भी बहुत ज्यादा है. इस वजह से वहां के तस्कर सड़क के रास्ते कच्ची हेरोइन (ड्रग्स) की खेप को ईरान ले जाते हैं. वहां कभी पाउडर के डिब्बे में तो कभी किसी अन्य वस्तु में छिपाकर हेरोइन को कंटेनर में लादा जाता है. यह कंटेनर समुंद्री रास्ते से मुम्बई पहुंचता है. यहां पहले से मौजूद उनके साथी इसकी डिलीवरी ले लेते हैं. इसे सड़क के रास्ते मध्य प्रदेश के शिवपुरी ले जाया जाता है, जहां उनकी फैक्ट्री है.
अफगानी तस्कर समुद्री रास्ते से लाते थे कच्ची हेरोइन, जानिए भारत में कैसे करते थे सप्लाई - अफगानी ड्रग तस्कर गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए अफगानी तस्करों ने अपने नेटवर्क को लेकर कई अहम खुलासे किये हैं. पुलिस से बचने के लिए अफगानी तस्कर समुद्री रास्ते से कच्चा ड्रग कंटेनर में भरकर मुम्बई लाते हैं, उसके बाद मध्य प्रदेश के शिवपुरी की फैक्ट्री में इसे पक्का करते हैं और फिर माल फरीदाबाद भेजा जाता है, जहां से ड्रग की सप्लाई पंजाब में की जाती है.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हाल ही में अफगानी ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया था. इन तस्करों ने पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. पुलिस एवं कस्टम की पकड़ से बचने के लिए आरोपी हवाई रूट की जगह समुद्री रूट का इस्तेमाल करते थे. दिल्ली पुलिस ने 2 साल पहले उनके गैंग से 330 किलो हेरोइन जब्त की थी. इसलिए वह दिल्ली की जगह फरीदाबाद में अपना ठिकाना बनाकर ड्रग्स का धंधा कर रहे थे.
स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि दुनियाभर में हेरोइन का सबसे बड़ा सप्लायर अफगानिस्तान का नेटवर्क है. वहां से हवाई रास्ते ड्रग्स को लाना काफी चुनौती पूर्ण है. इसमें पकड़े जाने का खतरा भी बहुत ज्यादा है. इस वजह से वहां के तस्कर सड़क के रास्ते कच्ची हेरोइन (ड्रग्स) की खेप को ईरान ले जाते हैं. वहां कभी पाउडर के डिब्बे में तो कभी किसी अन्य वस्तु में छिपाकर हेरोइन को कंटेनर में लादा जाता है. यह कंटेनर समुंद्री रास्ते से मुम्बई पहुंचता है. यहां पहले से मौजूद उनके साथी इसकी डिलीवरी ले लेते हैं. इसे सड़क के रास्ते मध्य प्रदेश के शिवपुरी ले जाया जाता है, जहां उनकी फैक्ट्री है.