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अफगानी तस्कर समुद्री रास्ते से लाते थे कच्ची हेरोइन, जानिए भारत में कैसे करते थे सप्लाई - अफगानी ड्रग तस्कर गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए अफगानी तस्करों ने अपने नेटवर्क को लेकर कई अहम खुलासे किये हैं. पुलिस से बचने के लिए अफगानी तस्कर समुद्री रास्ते से कच्चा ड्रग कंटेनर में भरकर मुम्बई लाते हैं, उसके बाद मध्य प्रदेश के शिवपुरी की फैक्ट्री में इसे पक्का करते हैं और फिर माल फरीदाबाद भेजा जाता है, जहां से ड्रग की सप्लाई पंजाब में की जाती है.

Afghan smugglers bring raw heroin by sea route in delhi
अफगानी तस्कर समुद्री रास्ते से लाते थे कच्ची हेरोइन
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Published : Jul 11, 2021, 12:18 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हाल ही में अफगानी ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया था. इन तस्करों ने पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. पुलिस एवं कस्टम की पकड़ से बचने के लिए आरोपी हवाई रूट की जगह समुद्री रूट का इस्तेमाल करते थे. दिल्ली पुलिस ने 2 साल पहले उनके गैंग से 330 किलो हेरोइन जब्त की थी. इसलिए वह दिल्ली की जगह फरीदाबाद में अपना ठिकाना बनाकर ड्रग्स का धंधा कर रहे थे.

स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि दुनियाभर में हेरोइन का सबसे बड़ा सप्लायर अफगानिस्तान का नेटवर्क है. वहां से हवाई रास्ते ड्रग्स को लाना काफी चुनौती पूर्ण है. इसमें पकड़े जाने का खतरा भी बहुत ज्यादा है. इस वजह से वहां के तस्कर सड़क के रास्ते कच्ची हेरोइन (ड्रग्स) की खेप को ईरान ले जाते हैं. वहां कभी पाउडर के डिब्बे में तो कभी किसी अन्य वस्तु में छिपाकर हेरोइन को कंटेनर में लादा जाता है. यह कंटेनर समुंद्री रास्ते से मुम्बई पहुंचता है. यहां पहले से मौजूद उनके साथी इसकी डिलीवरी ले लेते हैं. इसे सड़क के रास्ते मध्य प्रदेश के शिवपुरी ले जाया जाता है, जहां उनकी फैक्ट्री है.

330 kg heroin seized
330 किलो हेरोइन जब्त
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि हाई-वे पर बने इस गांव में लोगों को ड्रग्स की ज्यादा जानकारी नहीं है. इसलिए आरोपी वहां किराये के मकान में कच्ची हेरोइन को केमिकल की मदद से प्योर हेरोइन में तब्दील करते थे. यहां से इसे फरीदाबाद भेजा जाता था. वहां पर तस्कर इसकी डिलीवरी लेकर उसे पंजाब ले जाते थे. पंजाब में हेरोइन की अधिक मांग होने ले चलते उनका काम बहुत अच्छा चल रहा था. आरोपियों ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया है कि 2019 में उनके गैंग को स्पेशल सेल ने पकड़ा था. उस समय भी 330 किलो हेरोइन पकड़ी गई थी, जिसकी वजह से अरबों रुपये का नुकसान हुआ था. इस वजह से वह दिल्ली के भीतर दाखिल नहीं हो रहे थे. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अब अफगानिस्तान से कच्ची हेरोइन ही मंगवाई जाती है. यहां आने के बाद एक्सपर्ट केमिकल की मदद से उसे प्योर हेरोइन में तब्दील करता है. इसके लिए एक्सपर्ट भी अफगानिस्तान से ही भारत आते हैं. वह दो से तीन महीने का टूरिस्ट वीज़ा या ट्रीटमेंट वीज़ा लेकर भारत आते हैं. यहां कच्ची हेरोइन को प्योर फॉर्म में तब्दील करने की जिम्मेदारी उनके पास होती है. इसके लिए उन्हें मोटी रकम मिलती है. यहां अपना काम पूरा करने के बाद वह वापस अफगानिस्तान चले जाते हैं. ऐसे कई केमिकल एक्सपर्ट को स्पेशल सेल पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है. फिलहाल वह तिहाड़ जेल में हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हाल ही में अफगानी ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया था. इन तस्करों ने पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. पुलिस एवं कस्टम की पकड़ से बचने के लिए आरोपी हवाई रूट की जगह समुद्री रूट का इस्तेमाल करते थे. दिल्ली पुलिस ने 2 साल पहले उनके गैंग से 330 किलो हेरोइन जब्त की थी. इसलिए वह दिल्ली की जगह फरीदाबाद में अपना ठिकाना बनाकर ड्रग्स का धंधा कर रहे थे.

स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि दुनियाभर में हेरोइन का सबसे बड़ा सप्लायर अफगानिस्तान का नेटवर्क है. वहां से हवाई रास्ते ड्रग्स को लाना काफी चुनौती पूर्ण है. इसमें पकड़े जाने का खतरा भी बहुत ज्यादा है. इस वजह से वहां के तस्कर सड़क के रास्ते कच्ची हेरोइन (ड्रग्स) की खेप को ईरान ले जाते हैं. वहां कभी पाउडर के डिब्बे में तो कभी किसी अन्य वस्तु में छिपाकर हेरोइन को कंटेनर में लादा जाता है. यह कंटेनर समुंद्री रास्ते से मुम्बई पहुंचता है. यहां पहले से मौजूद उनके साथी इसकी डिलीवरी ले लेते हैं. इसे सड़क के रास्ते मध्य प्रदेश के शिवपुरी ले जाया जाता है, जहां उनकी फैक्ट्री है.

330 kg heroin seized
330 किलो हेरोइन जब्त
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि हाई-वे पर बने इस गांव में लोगों को ड्रग्स की ज्यादा जानकारी नहीं है. इसलिए आरोपी वहां किराये के मकान में कच्ची हेरोइन को केमिकल की मदद से प्योर हेरोइन में तब्दील करते थे. यहां से इसे फरीदाबाद भेजा जाता था. वहां पर तस्कर इसकी डिलीवरी लेकर उसे पंजाब ले जाते थे. पंजाब में हेरोइन की अधिक मांग होने ले चलते उनका काम बहुत अच्छा चल रहा था. आरोपियों ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया है कि 2019 में उनके गैंग को स्पेशल सेल ने पकड़ा था. उस समय भी 330 किलो हेरोइन पकड़ी गई थी, जिसकी वजह से अरबों रुपये का नुकसान हुआ था. इस वजह से वह दिल्ली के भीतर दाखिल नहीं हो रहे थे. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अब अफगानिस्तान से कच्ची हेरोइन ही मंगवाई जाती है. यहां आने के बाद एक्सपर्ट केमिकल की मदद से उसे प्योर हेरोइन में तब्दील करता है. इसके लिए एक्सपर्ट भी अफगानिस्तान से ही भारत आते हैं. वह दो से तीन महीने का टूरिस्ट वीज़ा या ट्रीटमेंट वीज़ा लेकर भारत आते हैं. यहां कच्ची हेरोइन को प्योर फॉर्म में तब्दील करने की जिम्मेदारी उनके पास होती है. इसके लिए उन्हें मोटी रकम मिलती है. यहां अपना काम पूरा करने के बाद वह वापस अफगानिस्तान चले जाते हैं. ऐसे कई केमिकल एक्सपर्ट को स्पेशल सेल पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है. फिलहाल वह तिहाड़ जेल में हैं.
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