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नोटबंदी होते ही बैंक खातों में आये 9 करोड़ रुपये, चार साल बाद गिरफ्तार हुआ आरोपी

संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार आयकर अधिकारी राजेश गुप्ता की तरफ से आर्थिक अपराध शाखा को एक शिकायत दी गई थी. इसमें बताया गया कि 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 के बीच कुछ बैंक खातों में 9 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं.

fraud during demonetization
पुलिस गिरफ्त में आरोपी
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Published : Dec 25, 2020, 5:06 PM IST

नई दिल्ली: विश्वास नगर के एक कमरे में कुछ कंपनियां खोल कर 7 बैंक खाते खोले गए. नोटबंदी होते ही इन बैंक खातों में लगभग 9 करोड़ रुपए आए, जिसे देखकर आयकर विभाग भी हैरान रह गया. उन्होंने जब जांच की तो पता चला कि नोटबंदी में काले धन को सफेद करने का ये प्रयास किया गया है. उनकी शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा ने आरोपी गौरव सिंघल को गिरफ्तार कर लिया है. वो बीते चार साल से फरार चल रहा था.

चार साल बाद गिरफ्तार हुआ आरोपी

संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार आयकर अधिकारी राजेश गुप्ता की तरफ से आर्थिक अपराध शाखा को एक शिकायत दी गई थी. इसमें बताया गया कि 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 के बीच कुछ बैंक खातों में 9 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं.

Gaurav Singhal
आरोपी गौरव सिंघल

बैंक से जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि शाहदरा के विश्वास नगर में कारोबार कर रहे कुछ लोगों के बैंक खाते हैं. इस बिल्डिंग से कई कारोबार किए जा रहे थे. बैंक खातों में मौजूद दस्तावेजों की जांच की गई तो इनमें से एक आरोपी की पहचान गौरव सिंघल के रूप में हुई.

फर्जी दस्तावेजों पर खोले गए बैंक खाते

आरोपी गौरव सिंघल ने आयकर विभाग को अपना बयान दर्ज कराया. उसने बताया कि फर्जी दस्तावेजों जैसे वोटर कार्ड, पैन कार्ड आदि पर उसने ये बैंक खाते खोले थे, जिसमें ये रकम आ रही थी. आयकर विभाग की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज किया गया.

पुलिस टीम ने 7 बैंक खातों की जांच की, जिससे पता चला कि ये खाते योगेश कुमार और राहुल जैन के नाम से खोले गए हैं. 4 बैंक खातों में गौरव सिंघल की फोटो लगी हुई थी, जबकि तीन अन्य खातों में अनजान लोगों की तस्वीरें मिली हैं. गौरव सिंघल के चारों बैंक खाते एक ही पते पर खोले गए थे.

ये भी पढ़ें: 62 फीसदी साइबर अपराध फाइनेंसियल फ्रॉड, जानिए कहां बैठे हैं जालसाज

सेम मोबाइल नंबर से चल रहे थे खाते

जांच में पता चला कि 6 बैंक खातों पर जो मोबाइल नंबर दर्ज कराया गया था, वो भी गौरव सिंघल का है. मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए इन बैंक अकाउंट को ऑपरेट किया जा रहा था. इस मामले की छानबीन के दौरान आरोपी फरार हो गया था. वो दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में छिप कर रह रहा था. फिलहाल नवीन शाहदरा स्थित एक पीजी में वो छिपा हुआ था, जहां से छापा मारकर आर्थिक अपराध शाखा ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.

'काले धन को सफेद कर रहा था आरोपी'

गिरफ्तार किया गया आरोपी गौरव सिंघल दसवीं पास है. वो पहले एक कंपनी में सुपरवाइजर का काम करता था. वो कुछ लोगों के संपर्क में आया जो वैट और जीएसटी के लाभ के लिए फर्जी बिल बनाते थे. नोटबंदी के दौरान बड़ी मात्रा में उसके बैंक खातों में ये काला धन भेजा गया. इसके लिए उसे कमीशन दिया जा रहा था.

नई दिल्ली: विश्वास नगर के एक कमरे में कुछ कंपनियां खोल कर 7 बैंक खाते खोले गए. नोटबंदी होते ही इन बैंक खातों में लगभग 9 करोड़ रुपए आए, जिसे देखकर आयकर विभाग भी हैरान रह गया. उन्होंने जब जांच की तो पता चला कि नोटबंदी में काले धन को सफेद करने का ये प्रयास किया गया है. उनकी शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा ने आरोपी गौरव सिंघल को गिरफ्तार कर लिया है. वो बीते चार साल से फरार चल रहा था.

चार साल बाद गिरफ्तार हुआ आरोपी

संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार आयकर अधिकारी राजेश गुप्ता की तरफ से आर्थिक अपराध शाखा को एक शिकायत दी गई थी. इसमें बताया गया कि 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 के बीच कुछ बैंक खातों में 9 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं.

Gaurav Singhal
आरोपी गौरव सिंघल

बैंक से जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि शाहदरा के विश्वास नगर में कारोबार कर रहे कुछ लोगों के बैंक खाते हैं. इस बिल्डिंग से कई कारोबार किए जा रहे थे. बैंक खातों में मौजूद दस्तावेजों की जांच की गई तो इनमें से एक आरोपी की पहचान गौरव सिंघल के रूप में हुई.

फर्जी दस्तावेजों पर खोले गए बैंक खाते

आरोपी गौरव सिंघल ने आयकर विभाग को अपना बयान दर्ज कराया. उसने बताया कि फर्जी दस्तावेजों जैसे वोटर कार्ड, पैन कार्ड आदि पर उसने ये बैंक खाते खोले थे, जिसमें ये रकम आ रही थी. आयकर विभाग की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज किया गया.

पुलिस टीम ने 7 बैंक खातों की जांच की, जिससे पता चला कि ये खाते योगेश कुमार और राहुल जैन के नाम से खोले गए हैं. 4 बैंक खातों में गौरव सिंघल की फोटो लगी हुई थी, जबकि तीन अन्य खातों में अनजान लोगों की तस्वीरें मिली हैं. गौरव सिंघल के चारों बैंक खाते एक ही पते पर खोले गए थे.

ये भी पढ़ें: 62 फीसदी साइबर अपराध फाइनेंसियल फ्रॉड, जानिए कहां बैठे हैं जालसाज

सेम मोबाइल नंबर से चल रहे थे खाते

जांच में पता चला कि 6 बैंक खातों पर जो मोबाइल नंबर दर्ज कराया गया था, वो भी गौरव सिंघल का है. मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए इन बैंक अकाउंट को ऑपरेट किया जा रहा था. इस मामले की छानबीन के दौरान आरोपी फरार हो गया था. वो दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में छिप कर रह रहा था. फिलहाल नवीन शाहदरा स्थित एक पीजी में वो छिपा हुआ था, जहां से छापा मारकर आर्थिक अपराध शाखा ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.

'काले धन को सफेद कर रहा था आरोपी'

गिरफ्तार किया गया आरोपी गौरव सिंघल दसवीं पास है. वो पहले एक कंपनी में सुपरवाइजर का काम करता था. वो कुछ लोगों के संपर्क में आया जो वैट और जीएसटी के लाभ के लिए फर्जी बिल बनाते थे. नोटबंदी के दौरान बड़ी मात्रा में उसके बैंक खातों में ये काला धन भेजा गया. इसके लिए उसे कमीशन दिया जा रहा था.

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